भारतीय बॉलर्स की कसी हुई गेंदबाजी और फिर मनजोत कालरा (101) की धमाकेदार बल्लेबाजी की बदौलत भारत ने फाइनल में ऑस्ट्रेलिया को हराकर अंडर-19 वर्ल्ड कप का खिताब अपने नाम कर लिया है। भारत के सामने जीत के लिए 217 रनों का लक्ष्य था जिसे उसने 38.5 ओवर में हासिल किया।
इस जीत के साथ भारत सबसे ज्यादा बार अंडर-19 वर्ल्ड कप जीतने वाला देश बन गया है। भारत ने सबसे अधिक 4 बार यह खिताब जीता है। यही नहीं, अंडर-19 वर्ल्ड कप के फाइनल में भारत के खिलाफ यह ऑस्ट्रेलिया की दूसरी हार है। इससे पहले ऑस्ट्रेलिया को 2012 के वर्ल्ड कप के फाइनल में भी भारत ने हराया था।
बहरहाल, पृथ्वी शॉ (29) के साथ भारतीय पारी की शुरुआत करने उतरे मनजोत कालरा ने 102 गेंदों की पारी में 8 चौके और तीन छक्के लगाए। दोनों के बीच पहले विकेट के लिए 11.4 ओवर में 71 रनों की साझेदारी हुई। पृथ्वी के आउट होने के बाद बल्लेबाजी करने आए शुभमन गिल ने भी 31 रनों का योगदान दिया।
तीसरे विकेट के लिए हार्विक देसाई (47 नाबाद) और कालरा के बीच 89 रनों की साझेदारी ने भारत को जीत तक पहुंचाया। इससे पहले टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करते हुए ऑस्ट्रेलियाई टीम 47.2 ओवर में केवल 216 रनों पर सिमट गई। भारत के लिए ईशान पोरेल, कमलेश नागरकोटी, अनुकूल रॉय और शिवा सिंह ने 2-2 विकेट झटकते हुए ऑस्ट्रेलियाई बैटिंग को जमने ही नहीं दिया।
ऑस्ट्रेलिया के लिए जोनाथन मरलो ने सबसे अधिक 76 रन की पारी खेली। लेकिन उनके अलावा और कोई बल्लेबाज ज्यादा देर तक टिक नहीं सका। मरलो के अलावा ऑस्ट्रेलिया के लिए परम उप्पल ने 58 गेंदों में 3 चौकों की मदद से 34 रन की पारी खेली।
ईशान पोरेल ने शुरुआती दो झटके दिए। पोरेल ने दोनों ओपनरों जैक एडवर्ड्स (28) और मैक्स ब्रायंट (14) को पविलियन की राह दिखाई। इसके बाद 59 के स्कोर पर कमलेश ने कंगारू कप्तान जेसन संघा (13) को आउट करते हुए ऑस्ट्रेलिया को बड़ा झटका दिया।