IND vs WI: रन नहीं बना पाने से निराश थे ऋषभ पंत, सीनियर खिलाड़ियों के समर्थन से मिली मदद

ऋषभ पंत ने टीम इंडिया के कप्तान विराट कोहली के साथ 106 रन की साझेदारी की थी। बाएं हाथ के इस बल्लेबाज ने कहा कि वह अपेक्षाओं के दबाव में नहीं आते।

By भाषा | Published: August 7, 2019 06:17 PM2019-08-07T18:17:53+5:302019-08-07T18:17:53+5:30

India vs West Indies: I do get frustrated when I don't get runs, says Rishabh Pant | IND vs WI: रन नहीं बना पाने से निराश थे ऋषभ पंत, सीनियर खिलाड़ियों के समर्थन से मिली मदद

IND vs WI: रन नहीं बना पाने से निराश थे ऋषभ पंत, सीनियर खिलाड़ियों के समर्थन से मिली मदद

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ऋषभ पंत कभी कभी रन नहीं बना पाने के कारण ‘निराश’ हो जाते हैं लेकिन भारतीय टीम के सीनियर खिलाड़ियों के समर्थन से उनका आत्मविश्वास बढ़ जाता है। पहले दो टी20 अंतरराष्ट्रीय मैचों में नाकाम रहे पंत ने मंगलवार को तीसरे मैच में कप्तान कोहली के साथ मिलकर टीम की सात विकेट की जीत में अहम भूमिका निभाई जिससे भारत ने वेस्टइंडीज का 3-0 से सूपड़ा साफ किया।

पंत ने ‘बीसीसीआई.टीवी’ के लिए उप कप्तान रोहित शर्मा से कहा, ‘‘मैंने अपनी पारी के बारे में अच्छी चीजें सुनी। मैं रन नहीं बना पा रहा था और हताश हो रहा था, लेकिन मैं अपनी प्रक्रिया पर कायम रहा और इससे आज वांछित नतीजे मिले।’’ धीमी पिच पर 147 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए भारत ने कप्तान कोहली की 45 गेंद में 59 और पंत की 42 गेंद में नाबाद 65 रन की पारी की बदौलत आसान जीत दर्ज की।

पंत ने कहा, ‘‘कई बार ऐसा समय आया जब रन नहीं बना पाने के कारण मैं हताश हो गया। इसके बाद मैंने सोचा कि प्रदर्शन करने के लिए मैं क्या अलग कर सकता हूं। ऐसा समय भी आया जब मैंने सही फैसले किए और तब भी प्रदर्शन नहीं कर पाया। क्रिकेट में ऐसा होता है और यह खेल का हिस्सा है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन मैं हमेशा अपने बेसिक्स पर ध्यान लगाने की कोशिश करता हूं, अपने अंदर की आवाज सुनता हूं और प्रक्रिया का पालन करता हूं।’’ कोहली के साथ 106 रन की साझेदारी के बारे में पूछने पर पंत ने कहा, ‘‘जब मैं और विराट खेल रहे थे तो हम बड़ी साझेदारी के बारे में सोच रहे थे और फिर अंतिम सात-आठ ओवर में तेजी से रन बनाते।’’

बाएं हाथ के इस बल्लेबाज ने कहा कि वह अपेक्षाओं के दबाव में नहीं आते। उन्होंने कहा, ‘‘मैं कभी कभी दबाव महसूस करता हूं, कभी कभी इसका लुत्फ उठाता हूं, लेकिन पूरी टीम, विशेषकर सीनियर खिलाड़ियों को मुझ पर भरोसा है और इससे काफी मनोबल बढ़ता है। आपको पता है कि एक या दो पारियों में विफल होने के बावजूद टीम आपका साथ देगी। इससे मदद मिलती है।’’

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