IND vs WI: हनुमा विहारी ने स्वर्गीय पिता को समर्पित की पहली टेस्ट सेंचुरी, कहा, 'उम्मीद है पापा को गर्व होगा'

Hanuma Vihari: वेस्टइंडीज के खिलाफ जमैका टेस्ट के दूसरे दिन अपना पहला टेस्ट शतक जड़ने वाले हनुमा विहारी ने इस शतक को किया पिता को समर्पित

By अभिषेक पाण्डेय | Published: September 1, 2019 10:21 AM2019-09-01T10:21:17+5:302019-09-01T10:21:17+5:30

India vs West Indies: Hanuma Vihari dedicates his first test century to father, says I hope my dad is proud | IND vs WI: हनुमा विहारी ने स्वर्गीय पिता को समर्पित की पहली टेस्ट सेंचुरी, कहा, 'उम्मीद है पापा को गर्व होगा'

हनुमा विहारी ने जमैका टेस्ट के दूसरे दिन जड़ा अपना पहला टेस्ट शतक

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Highlightsहनुमा विहारी ने जमैका टेस्ट के दूसरे दिन खेली 111 रन की शानदार पारीविहारी का ये पहला टेस्ट शतक है, उन्होंने इशांत के साथ की 112 रन की साझेदारीहनुमा विहारी ने अपना पहला इंटरनेशनल शतक अपने स्वर्गीय पिता को किया समर्पित

हनुमा विहारी ने वेस्टइंडीज के खिलाफ जमैका टेस्ट के दूसरे दिन अपना पहला टेस्ट शतक जड़ते हुए भारत को 416 रन के मजबूत स्कोर तक पहुंचा दिया। हनुमा विहारी ने बाद में बताया कि वह इस शतक को बनाने के बाद काफी भावुक हो गए थे। उन्होंने इस शतक तक पहुंचने के लिए इशांत शर्मा के प्रयासों को भी श्रेय दिया।

दूसरे दिन की पहली ही गेंद पर ऋषभ पंत के आउट होने के बाद विहारी ने पहले तो जडेजा के साथ 38 रन जोड़े और फिर आठवें विकेट के लिए इशांत शर्मा के साथ 112 रन की जोरदार साझेदारी करते हुए भारतीय टीम का स्कोर 400 के पार पहुंचा दिया।

पिछले टेस्ट में 93 रन पर आउट होने से अपना पहला टेस्ट शतक चूकने वाले विहारी ने यहां ये मौका नहीं गंवाया और शानदार अंदाज में अपना पहला टेस्ट शतक जड़ दिया। विहारी ने 225 गेंदों में 11 चौकों की मदद से 111 रन की शानदार पारी खेली और 416 के कुल स्कोर पर भारत के आखिरी विकेट के रूप में आउट हुए। 

हनुमा विहारी ने दिया इशांत की साझेदारी को श्रेय

 इस जोरदार पारी के बाद विहारी ने कहा, 'पहले दिन जब मैं 42 पर नाबाद था तो ठीक से सो नहीं पाया। मैं सिर्फ यही सोच रहा था कि बड़ा स्कोर कैसे बनाया जाए। खुशी है कि मैंने शतक जड़ा और इसका श्रेय इशांत को दिया जाना चाहिए। आज वह मुझसे ज्यादा बल्लेबाज की तरह नजर आए। जिस तरह से वह बैटिंग कर रहे थे, हम लगातार चर्चा करते रहे कि गेंदबाज क्या कर रहे थे और उनका अनुभव काम आया।'

अपने पिता को समर्पित करता हूं पहला शतक: इशांत

हनुमा विहारी ने कहा, 'बहुत खुश हूं कि मैं अपना पहला टेस्ट शतक जड़ सका। लंच के समय मैं 84 के स्कोर पर था, और शतक बनाने में थोड़ा वक्त लगा। श्रेय गेंदबाजों को जाता है, जो सच में अच्छी गेंदबाजी कर रहे थे।'

विहारी ने कहा, जब मैं 12 साल का था तो मेरे पिता गुजर गए थे। इसलिए मैंने सोचा था कि जब भी मैं अपना पहला इंटरनेशनल शतक लगाऊंगा, तो इसे अपने पिता को समर्पित करूंगा। आज एक भावुक दिन है और मुझे उम्मीद है कि वह जहां भी होंगे उन्हें गर्व होगा।'

छठे नंबर पर बैटिंग के लिए पॉजिटिव अप्रोज जरूरी: विहारी

विहारी ने अब तक खेले अपने सभी 6 टेस्ट मैच घर के बाहर खेले हैं और उन्होंने 40 की ज्यादा की औसत से 403 रन बनाए हैं। 

उन्होंने कहा, 'ये आसान नहीं रहा है। मेरे सारे टेस्ट विदेश में खेले गए हैं। घर के बाहर खेलना मुश्किल चुनौती होती है लेकिन मैं एक शख्स हूं जो चुनौतियां का सामना करता है।'

छठे नंबर पर बैटिंग करने और टीम के लिए बड़ा स्कोर बनाने की चुनौती पर हनुमा विहारी ने कहा, 'जब आप नंबर 6 पर बैटिंग कर रहे हैं, तो आपका इरादा हमेशा सकारात्मक होना चाहिए। ये एक ऐसी जगह है, जहां आप बल्लेबाज के साथ बैटिंग करेंगे और फिर विकेट गिरने पर विकेटकीपर और फिर निचले क्रम के साथ। मेरी मानसिकता हमेशा सकारात्मक थी।'

भारत ने विहारी के शतक और इशांत शर्मा के पहले टेस्ट अर्धशतक की मदद से पहली पारी में 416 रन बनाने के बाद जसप्रीत बुमराह की पहली टेस्ट हैट-ट्रिक की मदद से वेस्टइंडीज के 7 विकेट महज 87 रन पर गिराते हुए मैच पर शिकंजा कस दिया है। 

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