Sports Flashback: इंग्लैंड में भारत की जीत की सबसे दमदार कहानी, सचिन-द्रविड़-गांगुली ने मचाया था धमाल

पहली पारी में पहाड़ सरीखे स्कोर के आगे इंग्लैंड की पूरी टीम 273 पर ऑल आउट हो गई।

By विनीत कुमार | Published: August 1, 2018 07:40 AM2018-08-01T07:40:29+5:302018-08-01T07:40:29+5:30

india vs england test match at leeds under captaincy of sourav ganguly in 2002 | Sports Flashback: इंग्लैंड में भारत की जीत की सबसे दमदार कहानी, सचिन-द्रविड़-गांगुली ने मचाया था धमाल

भारत Vs इंग्लैंड

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नई दिल्ली, 1 अगस्त: भारत और इंग्लैंड के बीच एक और 'महायुद्ध' के लिए मैदान सज चुका है। पांच टेस्ट मैचों की सीरीज का पहला मुकाबला आज से बर्मिंघम में है। इंग्लैंड का दौरा हमेशा से भारत के लिए चुनौती भरा रहा है। भारत ने 1932 में पहला टेस्ट लॉर्ड्स में खेला था और तब से आज तक उसे केवल 6 जीत नसीब हुई है। वहीं, इंग्लैंड ने इसके मुकाबले 30 जीत हासिल की है। बहरहाल, हम आपको बताने जा रहे हैं कि इन दोनों टीमों के बीच हुए 2002 में हुए उस टेस्ट मैच की कहानी, जिसमें भारत ने अपना दम दिखाया था। 

गांगुली की कप्तानी में इंग्लैंड का पहला दौरा

साल-2002 में भारतीय टीम सौरव गांगुली की कप्तानी में इंग्लैंड गई थी। चार टेस्ट मैचों की सीरीज के पहले मैच में टीम इंडिया 170 रनों से हार गई थी और दूसरा मैच ड्रॉ हो गया था। मैच फिक्सिंग और तमाम विवादों से निकलकर गांगुली की अगुवाई में भारतीय टीम के पास अपनी नाक बचाने के लिए बस दो ही मैच बाकी थे। बहरहाल, 22 अगस्त, 2002 से लीड्स में तीसरा टेस्ट मैच शुरू हुआ और टीम इंडिया ने जो काम कर दिखाया, उसकी उस दौर में किसी ने कल्पना भी नहीं की थी।

गांगुली, सचिन और द्रविड़ का धमाल

इस मैच में टॉस टीम इंडिया ने जीता और पहले बैटिंग का फैसला किया। भारत की शुरुआत एकबार फिर खराब रही और वीरेंद्र सहवाग केवल 8 रन बनाकर आउट हो गये। इसके बाद राहुल द्रविड़ उतरे और संजय बांगर (68 रन) के साथ 170 रनों की रिकॉर्ड साझेदारी करते हुए भारतीय टीम को पटरी पर ले आए। दूसरे विकेट के लिए इस मैदान पर यह सबसे बड़ी भारतीय साझेदारी थी।

बांगर आखिरकार आउट हुए और फिर सचिन तेंदुलकर उतरे। सचिन ने इस मैच में 330 गेंदों पर 193 रनों की पारी खेली। सचिन ने पहले द्रविड़ के साथ तीसरे विकेट के लिए 150 रनों की रिकॉर्ड साझेदारी की और फिर चौथे विकेट के लिए गांगुली (128) के साथ 299 रनों की साझेदारी कर इंग्लिश गेंदबाजों को पूरी तरह से हताश कर दिया।

सचिन ने इस पारी में 330 गेंदों में तीन छक्के और 19 चौके लगाये। वहीं, द्रविड़ ने 307 गेंदों में 23 चौके लगाये। गांगुली की भी पारी दमदार रही और उन्होंने 167 गेंदों में 3 छक्के और 14 चौके लगाये। इन दिग्गज बल्लेबाजों की बदौलत भारत ने 8 विकेट पर 628 रन बनाते हुए अपनी पारी घोषित की। इंग्लैंड की जमीन पर ये आज भी भारत का ये उच्चतम स्कोर है।

भारतीय बॉलर्स ने भी मचाया धमाल 

पहली पारी में पहाड़ सरीखे स्कोर के आगे इंग्लैंड की पूरी टीम 273 पर ऑल आउट हो गई। अनिल कुंबले और हरभजन सिंह ने तीन-तीन जबकि जहीर खान ने दो विकेट झटते। अजीत अगरकर को भी दो सफलता मिली। भारत को 355 रनों की बढ़त मिली और इंग्लैंड को फॉलोऑन खेलने के लिए मजबूर होना पड़ा।

इस बार इंग्लैंड के कप्तान नासिर हुसैन (110) ने थोड़ा संघर्ष जरूर दिखाया लेकिन भारतीय गेंदबाजों ने एक बार फिर पूरी इंग्लिश टीम को घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया। अनिल कुंबले ने 66 रन देकर दूसरी पारी में 4 विकेट झटके। वहीं संजय बांगर ने भी दो विकेट हासिल किये। जहीर खान, अगरकर और हरभजन को भी एक-एक विकेट मिली। इस धारदार गेंदबाजी के सामने पूरी इंग्लिश टीम इस बार 309 रनों पर सिमट गई और भारत ने एक पारी और 46 रनों से जीत हासिल करते हुए सीरीज में बराबरी कर ली। 

इस जीत की बदौलत भारत 4 मैचों की सीरीज को 1-1 से ड्रॉ कराने में कामयाब रहा और यह भी जाहिर हो गया कि गांगुली की कप्तानी में भारतीय टीम नया तेवर हासिल कर चुकी थी।

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