ICC World Cup 2019: विवाद से आर्मी ने किया खुद को अलग, लेफ्टिनेंट जनरल बोले- 'बलिदान बैज' से नहीं सेना का कोई लेना-देना

जीओसी इन सी साउथ वेस्टर्न कमान लेफ्टिनेंट जनरल चेरिश मैथसन ने कहा कि आईसीसी इस संबंध में निर्णय लेने के लिए स्वतंत्र है। बलिदान सेना की पैरोशूट रेजीमेंट की स्पेशल फोर्स का प्रतीक चिन्ह है।

By भाषा | Published: June 08, 2019 1:40 PM

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महेंद्र सिंह धोनी के आईसीसी विश्व कप के दौरान दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ मैच के दौरान ‘बलिदान चिन्ह’ को लेकर उठे विवाद से भारतीय सेना ने खुद को अलग करते हुए इसे इस विकेटकीपर बल्लेबाज का ‘निजी निर्णय’ करार दिया।

जीओसी इन सी साउथ वेस्टर्न कमान लेफ्टिनेंट जनरल चेरिश मैथसन ने देहरादून में भारतीय सैन्य अकादमी (आइएमए) में पासिंग आउट परेड का निरीक्षण करने के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘‘अपने दस्तानों पर बलिदान चिन्ह का उपयोग करना धोनी का निजी निर्णय है। इससे सेना का कोई लेना-देना नहीं है।’’

उन्होंने कहा कि आईसीसी इस संबंध में निर्णय लेने के लिए स्वतंत्र है। बलिदान सेना की पैरोशूट रेजीमेंट की स्पेशल फोर्स का प्रतीक चिन्ह है। धोनी भी 2011 से इस रेजीमेंट में मानद लेफ्टिनेंट कर्नल हैं और उनके दस्तानों पर यह प्रतीक चिन्ह अंकित है।

धोनी के प्रतीक चिन्ह वाले दस्ताने पहनने पर अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) ने आपत्ति जताई थी, जिसके बाद बीसीसीआई ने क्रिकेट की सर्वोच्च संस्था से अनुमति देने का आग्रह किया था। आईसीसी ने हालांकि भारतीय बोर्ड की मांग अस्वीकार कर दी। आइसीसी ने स्पष्ट कर दिया है कि वह ऐसे किसी चिन्ह को पहनने की अनुमति नहीं दे सकता और खिलाडी केवल प्रायोजक का लोगो ही इस्तेमाल कर सकते हैं।

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