अपने डिजिटल मंचों से 2011 विश्व कप की यादों को हिन्दी में ताजा करेगी आईसीसी

By भाषा | Published: February 17, 2021 2:38 PM

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नयी दिल्ली , 17 फरवरी ( भाषा) विश्व कप 2011 के फाइनल में महेंद्र सिंह धोनी के हेलिकॉप्टर शॉट पर विजयी छक्के को कौन भूल सकता है और ठीक दस बरस बाद उस यादगार टूर्नामेंट की ऐसी कई यादों को ताजा करने के साथ हिन्दीभाषी दर्शकों तक पहुंचने की कवायद में अंतरराष्ट्रीय क्रिेकेट परिषद (आईसीसी) अपने डिजिटल प्लेटफॉर्म पर नयी पहल ‘ विश्व कप 2011 रिवाइंड ’ शुरू करने जा रही है ।

विश्व कप 2011 की दसवीं सालगिरह पर आईसीसी हिन्दी में अपनी इस पहल के जरिये 19 फरवरी से उन यादों को ताजा करेगी । विश्व कप 2011 भारत , श्रीलंका और बांग्लादेश में 19 फरवरी 2011 से शुरू हुआ था और दो अप्रैल 2011 को भारत ने मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में श्रीलंका को हराकर 28 साल बाद खिताब जीता था ।

आईसीसी के डिजिटल विभाग के प्रमुख फिन ब्राडशॉ ने चुनिंदा भारतीय पत्रकारों से बातचीत में मंगलवार को बताया ,‘‘ 2011 विश्व कप क्रिकेट के इतिहास के सबसे कामयाब टूर्नामेंटों में से है और हम हिन्दीभाषी क्रिकेटप्रेमियों तक पहुंचने के प्रयासों में इसकी दसवीं सालगिरह को यादगार बनाना चाहते हैं । इसके तहत आईसीसी ऐप, फेसबुक पेज और विभिन्न डिजिटल मंचों पर हिन्दी में उन यादों को ताजा किया जायेगा ।’’

उन्होंने बताया कि इसकी शुरूआत 19 फरवरी से होगी जिस दिन 2011 विश्व कप का पहला मैच खेला गया था । इसमें हर दिन हुए मैच के मुख्य अंश , खास पल और क्रिकेटरों के अनुभव साझा किये जायेंगे । इसके अलावा भारत के मैचों को लेकर विशेष पैकेज भी रहेंगे ।

आईसीसी के सीनियर ब्रॉडकास्ट मैनेजर अजेश रामचंद्रन ने बताया कि इस मौके को प्रयोग की तरह इस्तेमाल किया जा रहा है और इस साल भारत में होने वाले टी20 विश्व कप को देखते हुए भविष्य में भी हिन्दी में इस तरह का कंटेट आईसीसी की ओर से दिया जाता रहेगा।

फिन ने कहा कि दर्शकों को भी इससे जोड़ने के प्रयास किये जायेंगे । उन्होंने कहा ,‘‘ हम इसे ‘इंटर एक्टिव’ बनाने का प्रयास कर रहे हैं जिसमें दर्शकों को भी इस प्रयास से जोड़ा जा सके । इन्ही प्रयासों के तहत आईसीसी दशक और महीने के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी के पुरस्कार के लिये दर्शकों को भी मतदान का मौका दिया गया था ।’’

उन्होंने बताया कि आईसीसी की वेबसाइट पर भी इस पहल का जिक्र होगा लेकिन सोशल मीडिया के इस दौर में यह मूल रूप से डिजिटिल मंचों के लिये ही तैयार की गई है । उन्होंने यह भी कहा कि भविष्य में बांग्ला समेत अन्य कई भाषाओं में भी ऐसी पहल की जायेगी।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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