हर्षा भोगले का कॉलम: आईपीएल आ चुका है! मुश्किल वक्त में मुस्कुराहट बिखेरने के लिए...

"हर साल मैं आईपीएल की ओर देखता हूं। लेकिन इस साल मैं हर बार की तुलना में कहीं अधिक बेसब्री से इसका इंतजार कर रहा हूं।"

By हर्षा भोगले | Published: September 19, 2020 4:08 PM

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सितंबर और अक्तूबर में आईपीएल! ठीक ऐसा जैसे अप्रैल में जंपर्स बेचना! जैसे जनवरी में आम खाना! मगर नियमित सीजन हो या नहीं, इससे फर्क नहीं पड़ता. अब आईपीएल आ चुका है. ये वो आईपीएल होगा जहां गेंदबाज बल्लेबाज की आंख में आंख डालकर अपने लिए बराबरी का दर्जा मांगेंगे.

दुनिया के दिग्गज खिलाड़ी अपने फन का प्रदर्शन करेंगे और उसके जरिए अपने रास्ते रोशनी से भर देंगे. प्रशंसक अच्छे प्रदर्शन का जश्न मनाएंगे और खराब खेल पर निराश होंगे. आश्चर्य से किसी के मुंह खुले के खुले रह जाएंगे तो कुछ की आंखों से आंसू भी बहेंगे. कुछ खिलाड़ी अपने दमदार प्रदर्शन से अपने आगाज का ऐलान करेंगे तो कुछ चुनौती भरी लहरों में मुश्किल से तैरते दिखाई देंगे.

मगर ये हर गर्मियों में होता है. इस बार का ऑफ सीजन टूर्नामेंट काफी अलग रहने वाला है. पिछले छह महीने कई लोगों की जिंदगी के सबसे मुश्किल छह महीने साबित हुए हैं. अनिश्चितता का माहौल, कमाई रु क जाना, करीबी लोगों को खो देना. ऐसा वक्त जहां जिंदा रहना एक बड़ी चुनौती बन गया. ये ऐसे खराब वक्त का आयात है, जिसका ऑर्डर हमने नहीं किया. भारत को खुशियों की जरूरत है. जश्न मनाने के किसी मौके की. भले ही शारीरिक रूप से न सही, लेकिन लोगों को साथ लाने की दरकार भी.

भारत को मुस्कुराने की जरूरत है, लोगों के लिविंग रूम के थोड़े गुस्से को राहत में बदलने की भी जरूरत है. बेशक थोड़े समय के ही सही, देश को माहौल बदलने की जरूरत है. आईपीएल दुनिया को नहीं बदल सकता. ये सिर्फ एक खेल है जो बोझ के तले गहरे तक दबे लोगों को निकाल नहीं सकता. मगर...ये लोगों के चेहरे पर तीन घंटों के लिए मुस्कुराहट बिखेर सकता है, कभी-कभी ज्यादा समय के लिए भी.

यह आपको खुद को खेल के अद्भुत अप्रत्याशित आनंद में डुबोने की अनुमति दे सकता है. ये आपको कौशल की एक ऐसी दुनिया में ले जा सकता है जहां निष्पक्ष जंग लड़ी जाती है. हर शाम, साढ़े सात बजे आप मनोरंजन की दुनिया में दाखिल होने की ओर देख सकते हैं, भले ही वो थोड़े समय के लिए ही क्यों न हो.

हर साल मैं आईपीएल की ओर देखता हूं। लेकिन इस साल मैं हर बार की तुलना में कहीं अधिक बेसब्री से इसका इंतजार कर रहा हूं। मैं देखना चाहता हूं कि क्या इस खेल की सुंदरता, स्वतंत्रता और खुशियां हमारी जिंदगी की परेशानी को कुछ वक्त के लिए खत्म कर सकती है। हमें इसकी जरूरत है।

कोई टीम आईपीएल जीतेगी। कुछ खिलाड़ी नए सिरे से रिकॉर्डबुक लिखेंगे जिनसे आने वाले सालों में उनकी पहचान बनेगी। मगर इन सबसे अलग अगर ये आईपीएल लोगों के चेहरों पर खुशियां बिखेर सका तो ये टूर्नामेंट आयोजित करने की बड़ी और मुश्किल कवायद सफल हो सकेगी। मैं उम्मीद करता हूं कि ऐसा होगा।

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