Happy Birthday Ashwin: सलामी बल्लेबाज बनना चाहते थे रविचंद्रन अश्विन, जानें कैसे इंजीनियरिंग के बाद बने फिरकी गेंदबाज

अपनी फिरकी से विरोधी टीम के बल्लेबाजों को परेशान करने वाले अश्विन गेंदबाज नहीं, बल्कि सलामी बल्लेबाज बनना चाहते थे।

By सुमित राय | Published: September 17, 2019 07:27 AM2019-09-17T07:27:08+5:302019-09-17T07:27:08+5:30

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सलामी बल्लेबाज बनना चाहते थे रविचंद्रन अश्विन

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Highlightsभारतीय क्रिकेट टीम के स्पिन गेंदबाज रविचंद्रन अश्विन 33 साल के हो गए हैं।अश्विन का जन्म 17 सितंबर 1986 को मद्रास (अब चेन्नई) में हुआ था।फिरकी से बल्लेबाजों को परेशान करने वाले अश्विन सलामी बल्लेबाज बनना चाहते थे।

भारतीय क्रिकेट टीम के स्पिन गेंदबाज रविचंद्रन अश्विन 33 साल के हो गए हैं और अपना 34वां बर्थडे सेलिब्रेट कर रहे हैं। अश्विन का जन्म 17 सितंबर 1986 को मद्रास (अब चेन्नई) में हुआ था। अपनी फिरकी से विरोधी टीम के बल्लेबाजों को परेशान करने वाले अश्विन गेंदबाज नहीं, बल्कि सलामी बल्लेबाज बनना चाहते थे।

फुटबॉल से क्रिकेट में आ गए अश्विन

बचपन में अश्विन का पहला प्यार क्रिकेट नहीं, बल्कि फुटबॉल था। बताया जाता है कि अच्छी कद काठी होने के कारण फुटबॉल में वह बेहतर प्रदर्शन कर सकते हैं, लेकिन संयोग से अश्विन क्रिकेट में आ गए।

इंजीनियर से फिरकी गेंदबाज बन गए अश्विन

अश्विन बचपन से ही खेल में करियर बनाना चाहते थे, लेकिन उनकी मां चित्रा उनकी पढ़ाई को लेकर बहुत सख्त थीं। उनके माता-पिता दोनों ने अश्विन को क्रिकेट खेलने से नहीं रोका पर पढ़ाई को लेकर उनका रुख साफ था कि उसे नजरअंदाज नहीं करना है। अश्विन ने चेन्नई के एक प्रतिष्ठित इंजीनियरिंग कॉलेज से इंफॉरमेशन टेक्नॉलोजी में बीटेक किया। इसके साथ-साथ वो क्रिकेट भी खेलते रहे।

सलामी बल्लेबाज से की थी करियर की शुरुआत

आर अश्विन भारतीय टीम के लिए गेंद से कमाल करने के साथ-साथ लोअर ऑर्डर में अपनी बल्लेबाजी से भी टीम के लिए अहम भूमिका निभाते हैं। अश्विन के इस प्रदर्शन के बड़ी पीछे वजह यह है कि उन्होंने क्रिकेट करियर की शुरुआत सलामी बल्लेबाज के रूप में की थी। करियर की शुरुआत में ही नई गेंद का सामना करने से उनकी तकनीक काफी मजबूत हो गई है।

गहरी चोट के बाद बल्लेबाज से बने गेंदबाज

करियर के शुरुआती दौर में सलामी बल्लेबाज की भूमिका निभाने वाले अश्विन ने गहरी चोट के कारण ही बल्लेबाजी की ओर ध्यान देना कम कर दिया। 14 साल की उम्र में उनके पेल्विक एरिया में चोट लगी थी। इसे बाद वह दो महीने तक बिस्तर पर रहे थे और इसके बाद उन्होंने बल्लेबाजी छोड़ गेंदबाजी पर ध्यान देना शुरू किया।

टेस्ट क्रिकेट में सबसे तेज 300 विकेट का कारनामा

टेस्ट क्रिकेट में सबसे तेजी से 50, 100, 150 और 300 विकेट लेने वाले भारतीय गेंदबाजों की लिस्ट में अश्विन सबसे आगे हैं और अब तक 342 विकेट ले चुके हैं। नवंबर 2017 में 300 विकेट लेने के साथ ही उन्होंने ऑस्ट्रेलियाई दिग्गज डेनिस लिली को पीछे छोड़ दिया था। लिली ने 56 टेस्ट मैचों में 300 विकेट पूरे किए थे, जबकि अश्विन ने अपने 54वें टेस्ट में ही यह उपलब्धि हासिल की।

इससे पहले उन्होंने अपना 50वां टेस्ट विकेट 9वें टेस्ट मे लिया। 100 टेस्ट विकेट 18वें टेस्ट में और 150वां टेस्ट विकेट 29वें टेस्ट मैच में उनके नाम हुआ। अश्विन ने लिली को ही पीछे छोड़कर टेस्ट क्रिकेट में सबसे तेज 250 विकेट भी पूरे किए थे। अश्विन ने 45वें टेस्ट मैचों यह कारनामा किया था, जबकि लिली को ढाई सौ विकेट तक पहुंचने के लिए 48 टेस्ट मैच खेलने पड़े थे।

अश्विन ने गेंदबाजी के साथ बल्लेबाजी में किया कमाल

अश्विन भारतीय टीम के लिए गेंद से कमाल करने के साथ-साथ लोअर ऑर्डर में अपनी बल्लेबाजी से भी टीम के लिए अहम भूमिका निभाते हैं। अश्विन ने टेस्ट क्रिकेट में अब तक खेले 65 मैचों की 93 पारियों में 29.14 की औसत और 54.8 की स्ट्राइक रेट से 2361 रन बनाए हैं। टेस्ट क्रिकेट में उनका उच्चतम स्कोर 124 रन है। अश्विन ने टेस्ट करियर में चार शतक और 11 अर्धशतक जमाए हैं। वनडे क्रिकेट की बात करें तो 111 मैचों में अश्विन ने 150 विकेट लेने के साथ 675 रन भी बनाए हैं।

अश्विन को मिल चुके हैं कई सम्मान

रविचंद्रन अश्विन को साल 2014 में सरकार ने अर्जुन अवॉर्ड दिया गया। इसके साथ ही 2012-13 में उन्हें बीसीसीआई ने साल के सर्वश्रेष्ठ क्रिकेटर के खिताब से भी नवाजा था। दिसंबर 2016 में अश्विन को आईसीसी क्रिकेटर ऑफ द ईयर और टेस्ट प्लेयर ऑफ द ईयर चुना गया था।

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