भारतीय टीम प्रबंधन पर भड़के गौतम गंभीर, कहा-रिधिमान साहा को बाहर किया, यदि ऋषभ पंत फ्लॉप हुए तो फिर कौन...

2015 की शुरुआत में एमएस धोनी के टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद साहा टेस्ट में कीपर के रूप में उभरे। 2018 में बंगाल के विकेटकीपर बल्लेबाज को चोट लगने के बाद पंत को टेस्ट टीम में शामिल किया गया।

By सतीश कुमार सिंह | Published: December 25, 2020 8:23 PM

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ठळक मुद्देएडीलेड में पहले टेस्ट में खराब फार्म में रहे साहा को मेलबर्न में दूसरे टेस्ट की टीम से बाहर कर दिया गया है।भारतीय टीम में कई बदलाव किए गए हैं।विराट कोहली और मोहम्मद शमी दूसरे टेस्ट में नहीं खेलेंगे।

नई दिल्लीः भारत के पूर्व सलामी बल्लेबाज गौतम गंभीर ने भारतीय टीम प्रबंधन पर जमकर बरसे। टीम सलेक्शन को लेकर भारतीय टीम पर भड़क गए।

भाजपा सांसद गंभीर का मानना है कि भारतीय टीम प्रबंधन ने खिलाड़ियों में ‘असुरक्षा’ पैदा कर दी है और रिधिमान साहा तथा ऋषभ पंत के बीच रोटेशन का फैसला दोनों विकेटकीपरों के लिये ‘अनुचित’ है। पूर्व खिलाड़ी ने कहा कि साहा को आपने बाहर कर दिया, यदि पंत भी रन नहीं बनाए तो आप क्या करेंगे। फिर अगले टेस्ट में कौन।

टीम में किसी भी खिलाड़ी का स्थान सुरक्षित नहीं है, क्योंकि यह एक मैच के बाद ही साहा को हटा दिया गया और अगले मैच में पंत को जगह दे दी गई। यह दुर्भाग्यपूर्ण है रिद्धिमान साहा ने इस सीरीज में सिर्फ एक टेस्ट मैच खेला है और उन्होंने अच्छा प्रदर्शन नहीं किया है। “कल्पना कीजिए कि अगर पंत दूसरे टेस्ट या तीसरे टेस्ट में अच्छा प्रदर्शन नहीं करता है तो पंत के साथ क्या होता है। तब आप क्या करते हो? क्या आप रिद्धिमान साहा के पास वापस जाएंगे।”

उन्होंने कहा कि खिलाड़ी कथनी से नहीं बल्कि करनी से सुरक्षित महसूस करते हैं जो मौजूदा टीम प्रबंधन नहीं करा सका है। उन्होंने कहा ,‘‘यही वजह है कि टीम अस्थिर लग रही है क्योंकि किसी में भी सुरक्षा का भाव नहीं है। पेशेवर खेल में सुरक्षा का भाव काफी जरूरी है। देश के लिये ख्रेलने वाला हर खिलाड़ी प्रतिभाशाली होता है।’’

गंभीर ने कहा,‘‘उन्हें सुरक्षा और आश्वासन की जरूरत होती है कि वक्त पड़ने पर प्रबंधन उनका साथ देगा।’’ उन्होंने कहा कि भारत के अलावा कोई भी विकेटकीपरों को रोटेट नहीं करता। उन्होंने कहा,‘‘पंत और साहा दोनों के साथ काफी समय से नाइंसाफी हो रही है। हालात के अनुरूप उन्हें चुना जाता है । विकेटकीपरों के साथ ऐसा नहीं किया जाता, ऐसा गेंदबाजों के साथ होता है।’’

अगर भारत शनिवार से शुरू होने वाले मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ बॉक्सिंग डे टेस्ट नहीं जीतता है तो यह 88 साल में पहली बार होगा, जब वह एक साल में एक भी टेस्ट जीत नहीं पाया। बिना कोई मैच जीते साल का अंत करेगा।

दर्ज किए बिना एक साल खत्म कर देंगे। बॉक्सिंग डे टेस्ट भारत का चौथा वर्ष होगा - उन्हें फरवरी में इस साल की शुरुआत में न्यूजीलैंड में 0-2 से हराया गया था और एडिलेड में ऑस्ट्रेलिया द्वारा बड़े पैमाने पर पीटा गया था।

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