अब क्रिकेटर्स को करानी होगी ये विशेष जांच, पहली बार लिया गया ऐसा फैसला

भारत के पूर्व विकेटकीपर दीप दासगुप्ता ने भी इसे एक स्वागत योग्य कदम बताया क्योंकि ‘क्रिकेट भी हाथों और आंखों के सामंजस्य का खेल है'...

By भाषा | Published: June 02, 2020 4:21 PM

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बंगाल क्रिकेट संघ (कैब) ने कोविड-19 से जुड़े प्रतिबंधों को हटने के बाद फिर से शिविर लगाने पर अंडर-23 और सीनियर टीम के खिलाड़ियों के लिए आंखों की जांच को अनिवार्य कर दिया है। यह पहली बार है जब घरेलू क्रिकेट में खिलाड़ियों की आंखों की जांच को अनिवार्य किया जाएगा।

इसका फैसला कैब प्रशासन और बंगाल क्रिकेट टीम की कोचिंग इकाई के बीच चर्चा के दौरान हुआ। इस बैठक में यह बात उठी कि लंबे समय तक क्रिकेट से दूर रहने पर खिलाड़ियों की आंखों की क्षमता प्रभावित होती है।

कैब के अध्यक्ष अविषेक डालमिया ने कहा, ‘‘आंखों की क्षमता और लचीलापन क्रिकेट में दो महत्वपूर्ण तत्व हैं। यही कारण है कि (मुख्य कोच) अरुण लाल ने सुझाव दिया कि परीक्षण को अनिवार्य बनाया जाना चाहिए। अगर किसी के आंखों में समस्या हुई तो हम उसका समाधान कर सकते है।’’

पूर्व विकेटकीपर दीप दासगुप्ता ने कहा, ‘‘जब आप मैदान पर वापसी करते है तो आप आंखों की क्षमता की जांच करना चहते है इसमें कुछ भी गलत नहीं है। अक्सर यह 20/20 की दृष्टि की जगह 19/20 हो जाता है और आपको पता भी नहीं चलता है। ऐसे में अपको गेंद को ठीक से देखने में परेशानी हो सकती है।’’

टॅग्स :भारतीय क्रिकेट टीम

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