डीडीसीए में विवाद, रजत शर्मा और सचिव विनोद तिहाड़ा के बीच विवाद चरम पर

डीडीसीए के सूत्रों का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के तहत बीसीसीआई का नया संविधान आने पर फिर से चुनाव होना तय है।

By भाषा | Published: August 11, 2018 8:16 PM

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नई दिल्ली, 11 अगस्त: दिल्ली और जिला क्रिकेट संघ के चुनाव के डेढ़ महीने बाद ही अंतर्कलह शुरू हो गई है जबकि शीर्ष दो अधिकारियों के बीच अहम मसलों पर फैसले लेने को लेकर आरोप प्रत्यारोप का दौर जारी है। रजत शर्मा डीडीसीए के अध्यक्ष हैं जबकि विनोद तिहाड़ा सचिव हैं।

डीडीसीए के सूत्रों का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के तहत बीसीसीआई का नया संविधान आने पर फिर से चुनाव होना तय है। तिहाड़ा ने शर्मा को लिखे पत्र (जिसकी प्रति मीडिया को जारी की गई) में आरोप लगाया कि डीडीसीए अध्यक्ष अकेले फैसले ले रहे हैं और सचिव के तौर पर उनके पद का अपमान कर रहे हैं।

उधर शर्मा ने मीडिया को जारी विज्ञप्ति में कहा कि सभी फैसले 12 निदेशकों से मशविरे के बाद लिये गए हैं। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि कुछ नकारात्मक तत्व निहित स्वार्थों के चलते झूठ फैला रहे हैं। डीडीसीए अध्यक्ष की ओर से जारी विज्ञप्ति में कहा गया, 'हम बताना चाहते हैं कि डीडीसीए में कुछ नकारात्मक तत्व निहित स्वार्थों के चलते झूठ फैला रहे हैं ताकि कार्यकारी के भीतर मतभेद पैदा हों। हमें यह बताते हुए खुशी हो रही है कि हम सभी एकजुट हैं और अपने अध्यक्ष रजत शर्मा द्वारा चुनाव के दौरान किये गए वादों को पूरा करने के लिये प्रतिबद्ध हैं।' 

शर्मा गुट से डीडीसीए का चुनाव लड़ने वाले तिहाड़ा ने शर्मा को लिखे जवाब में कहा, 'आप डीडीसीए में नये थे और कभी क्रिकेट नहीं खेला और ना ही अतीत में डीडीसीए से जुड़े रहे। हमारे सहयोग के बिना आपके लिये चुनाव जीतना इतना आसान नहीं होता। आप पदासीन होने के बाद मसलों पर मशविरा भी नहीं करते और ना ही निदेशकों की सहमति या राय लेते हैं। डीडीसीए का सचिव होने के नाते आपका कर्तव्य है कि हर मसले पर मेरी सहमति ली जाये।' 

पूर्व क्रिकेटर संजय भारद्वाज का समर्थन तिहाड़ा को है। भारद्वाज ने आज एक प्रेस कांफ्रेंस में कहा, 'मैं एक सप्ताह तक इंतजार करूंगा । मैं कानूनी कार्रवाई की संभावना से इनकार नहीं करता।'

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