बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी: 'कैमरून ग्रीन सुपरमैन नहीं है, उनके खेलने से कोई फर्क नहीं पड़ता', माइकल वॉन ने आस्ट्रेलिया पर साधा निशाना

पूर्व आस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों का मानना है कि गेंदबाजी और बल्लेबाजी दोनो में माहिर कैमरून ग्रीन की वापसी से टीम को मजबूती मिलेगी। टेस्ट क्रिकेट में ग्रीन के आंकड़े भी शानदार हैं और पाकिस्तान दौरे पर उन्होंने जो कमाल का प्रदर्शन किया था उससे सब वाकिफ हैं।

By शिवेंद्र राय | Published: February 14, 2023 01:05 PM2023-02-14T13:05:29+5:302023-02-14T13:07:45+5:30

Cameron Green playing doesn't matter says Michael Vaughan Border-Gavaskar trophy | बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी: 'कैमरून ग्रीन सुपरमैन नहीं है, उनके खेलने से कोई फर्क नहीं पड़ता', माइकल वॉन ने आस्ट्रेलिया पर साधा निशाना

इंग्लैंड के पूर्व कप्तान माइकल वॉन

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Highlights17 फरवरी से नई दिल्ली में शुरू होगा दूसरा टेस्ट मैचऑलराउंडर कैमरून ग्रीन की हो सकती है वापसीमाइकल वॉन ने कहा- कैमरून ग्रीन सुपरमैन नहीं है, उनके खेलने से कोई फर्क नहीं पड़ता

नई दिल्ली:  बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में नागपुर में खेले गए पहले टेस्ट मैच में भारतीय टीम से मिली करारी हार के बाद आस्ट्रेलियाई टीम में बदलाव की संभावना जताई जा रही है। खबर है कि  17 फरवरी से नई दिल्ली में शुरू होने वाले दूसरे मैच में डेविड वार्नर की जगह ऑफ स्पिन ऑलराउंडर ट्रेविस हेड को मौका दिया जा सकता है। स्कॉट बोलैंड की जगह जोश हेजलवुड की वापसी हो सकती है और कैमरून ग्रीन की चोट के बाद टेस्ट टीम में वापसी हो सकती है।

इस सारे खिलाड़ियों में सबसे ज्यादा चर्चा ऑलराउंडर कैमरून ग्रीन की ही है। पूर्व आस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों का मानना है कि गेंदबाजी और बल्लेबाजी दोनो में माहिर कैमरून ग्रीन की वापसी से टीम को मजबूती मिलेगी। टेस्ट क्रिकेट में ग्रीन के आंकड़े भी शानदार हैं और पाकिस्तान दौरे पर उन्होंने जो कमाल का प्रदर्शन किया था उससे सब वाकिफ हैं।

लेकिन इंग्लैंड के पूर्व कप्तान माइकल वॉन की राय सबसे अलग है। वॉन का मानना है कि कैमरून ग्रीन की वापसी से आस्ट्रेलियाई टीम पर कोई जादुई असर नहीं पड़ने वाला है। माइकल वॉन ने एक खेल वेबसाइट से बात करते हुए कहा, "आपको हमेशा एक ऑलराउंडर की कमी खलती हैं, लेकिन ईमानदारी से कहूं तो वह हैरी पॉटर या सुपरमैन नहीं है। ऑस्ट्रेलिया पूरी तरह से परास्त हो चुका है। कैमरून ग्रीन एक बहुत अच्छे युवा ऑलराउंडर हैं लेकिन उनके खेलने से कोई फर्क नहीं पड़ता।"

बता दें कि बॉर्डर-गावस्कर सीरीज शुरू होने से पहले से ही ऑस्ट्रेलियाई मीडिया में भारत की स्पिन पिचों की चर्चा शुरू हो गई थी। कंगारू टीम का ध्यान अब भी अपने बल्लेबाजों की स्पिन खेलने की काबिलियत के बजाय पिच के बर्ताव पर ही है। ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी मिचेल स्वेपसन भी निजी कारणों से बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी से बाहर हो गए हैं। उनके रिप्लेसमेंट के तौर पर मैथ्यू कुह्नमैन को टीम में शामिल किया गया है। बायें हाथ के प्रतिभाशाली ऑर्थोडॉक्स गेंदबाज कुह्नमैन को  17 फरवरी से दिल्ली में होने वाले मैच में मौका मिल सकता है। अगर ऐसा हुआ तो ऑस्ट्रेलिया भी भारतीय टीम की तरह तीन विशेषज्ञ स्पिनर्स के साथ खेलती हुई दिखाई देगी।

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