Ranji Trophy: बिहार की 2 टीमें मैदान पर मैच खेलने पहुंचीं, हुआ जमकर बवाल, BCA अध‍िकारी का स‍िर फूटा

एक टीम का चयन बीसीए अध्यक्ष राकेश तिवारी ने किया था। जबकि दूसरे का सचिव अमित कुमार ने । विशेष रूप से, किसी भी टीम में एक भी खिलाड़ी समान नहीं था। बीसीए अध्यक्ष राकेश तिवारी की टीम थी जो पहले मैदान पर पहुंची और अंततः मैच खेला।

By शिवेन्द्र कुमार राय | Published: January 6, 2024 03:29 PM2024-01-06T15:29:00+5:302024-01-06T15:32:33+5:30

Bihar vs Mumbai Ranji TrophyTwo teams of Bihar reached to play the match huge ruckus BCA officer's head got injured | Ranji Trophy: बिहार की 2 टीमें मैदान पर मैच खेलने पहुंचीं, हुआ जमकर बवाल, BCA अध‍िकारी का स‍िर फूटा

Bihar vs Mumbai Ranji Trophy Match

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Highlightsरणजी ट्रॉफी मैच के दौरान एक अजीब स्थिति पैदा हो गईबिहार की 2 टीमें मैदान पर मैच खेलने पहुंचीं हुआ जमकर बवाल, BCA अध‍िकारी का स‍िर फूटा

Bihar vs Mumbai Ranji Trophy Match Controversy: पटना के मोइनुल स्टेडियम (Moin-ul-Haq Stadium) में बिहार और मुंबई के बीच खेले गए रणजी ट्रॉफी मैच के दौरान एक अजीब स्थिति पैदा हो गई। दरअसल मैदान पर बिहार की रणजी ट्रॉफी टीम होने का दावा करते हुए दो टीमें मैदान पर आ गईं। इसके बाद न सिर्फ जमकर विवाद हुआ बल्कि अधिकारियों के बीच हाथापाई भी हुई।

भारतीय घरेलू क्रिकेट के इतिहास में शायद ऐसा पहली बार हुआ होगा जब दो टीमों ने असली टीम होने का दावा किया हो। विवाद के कारण बिहार क्रिकेट एसोसिएशन (बीसीए) के अधिकारियों के बीच हाथापाई हुई। इसके कारण मैच देर से शुरू हुआ।

द इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार एक टीम का चयन बीसीए अध्यक्ष राकेश तिवारी ने किया था। जबकि दूसरे का सचिव अमित कुमार ने । विशेष रूप से, किसी भी टीम में एक भी खिलाड़ी समान नहीं था।  बीसीए अध्यक्ष राकेश तिवारी की टीम थी जो पहले मैदान पर पहुंची और अंततः मैच खेला।

इसके अलावा पटना के जिस मोइनुल स्टेडियम में मैच खेला गया वहां की खराब व्यवस्था को लेकर भी खूब सवाल खड़े हुए। लोगों के बैठने के लिए कुर्सी तक की व्यवस्था नहीं की गई थी। इसे लेकर सोशल मीडिया पर बिहार सरकार और क्रिकेट बोर्ड को लोगों ने खूब कोसा।

पूर्व क्रिकेटर वेंकटेश प्रसाद ने भी एक वीडियो शेयर करके कहा कि यह अस्वीकार्य है। प्रसाद ने लिखा, "यह अस्वीकार्य है। रणजी ट्रॉफी भारत की प्रमुख घरेलू प्रतियोगिता है और अब समय आ गया है कि सभी  इसके महत्व को समझें। राज्य संघ द्वारा इसमें सुधार नहीं करने का कोई वाजिब कारण नजर नहीं आता।"

स्टेडियम की खराब हालत से क्षुब्ध एक यूजर ने लिखा, "बिहार क्रिकेट एसोशिएसन (Bihar Cricket Association) को पुनः बंद कर दिया जाए। बिहार मे एक भी किसी खेल का स्टेडियम नही है केवल और केवल Corruption है।"

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