बिहार क्रिकेट: खिलाड़ियों को नहीं मिला है पिछले सीजन का टीए, डीए और मैच फीस, आदित्य वर्मा ने जय शाह को लिखा खत

Bihar cricket: बिहार के क्रिकेटरों को अभी तक पिछले सत्र का महंगाई भत्ता और यात्रा भत्ता और मैच फीस नहीं मिली है, आदित्य वर्मा ने जय शाह को लिखा खत

By भाषा | Published: August 7, 2020 06:38 AM2020-08-07T06:38:47+5:302020-08-07T06:38:47+5:30

Bihar cricket: Players yet to get TA, DA and match fees of last season, Aditya Verma writes to Jay Shah | बिहार क्रिकेट: खिलाड़ियों को नहीं मिला है पिछले सीजन का टीए, डीए और मैच फीस, आदित्य वर्मा ने जय शाह को लिखा खत

बिहार के क्रिकेटरों को पिछले सीजन से ही टीए, डीए और मैच फीस नहीं मिली है (File Pic)

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Highlightsबिहार के क्रिकेटरों को पिछले सीजन का टीए, डीए और मैच फीस नहीं मिली हैबिहार क्रिकेट बोर्ड को मिला 11 करोड़ रुपये में से अधिकांश पदाधिकारियों के वेतन चुकाने में खर्च हो गया

नई दिल्ली:  बीसीसीआई के सीनियर से लेकर अंडर 16 टूर्नामेंटों में बिहार के लिये खेलने वाले सैकड़ों क्रिकेटरों को अभी तक पिछले सत्र का महंगाई भत्ता और यात्रा भत्ता और मैच फीस नहीं मिली है। आईपीएल याचिकाकर्ता आदित्य वर्मा ने इस संबंध में भारतीय क्रिकेट बोर्ड के सचिव जय शाह को पत्र लिखकर बोर्ड के 11 करोड़ रुपये तक के फंड में वित्तीय अनियमितताओं का आरोप लगाया है।

प्रदेश संघ के महासचिव संजय कुमार का कहना है कि वर्मा के आरोप सही हैं। कुमार ने कहा, ‘‘हम अपने सीनियर, अंडर 23, अंडर 19 और अंडर 16 क्रिकेटरों और महिला क्रिकेटरों को भुगतान नहीं कर सके हैं। हमें पिछले साल प्रशासकों की समिति से दस करोड़ 80 लाख रुपये मिले थे लेकिन अधिकांश पैसा पदाधिकारियों के वेतन चुकाने में खर्च हो गया।’’

बिहार के क्रिकटरों को नहीं मिली है पिछले सत्र की मैच फैस

सीनियर टीम के एक खिलाड़ी को 750 रूपये टीए, डीए और अंडर 23 तथा अंडर 19 को 500 रुपये जबकि अंडर 16 खिलाड़ियों को 350 रुपये प्रतिदिन मिलता है।

कुमार ने कहा, ‘‘सीनियर टीम के एक नियमित खिलाड़ी का एक सत्र का टीए, डीए 75000 रुपये होता है अगर वह सारे प्रारूप खेलता है  हम समझते हैं कि खिलाड़ी दबाव में हैं। उन्हें मैच फीस भी नहीं मिली है और इसे लेकर वे आवाज भी नहीं उठा सकते।’’

वर्मा ने कहा, ‘‘मैं बोर्ड सचिव से अनुरोध करूंगा कि बिहार के क्रिकेटरों के हालात पर गौर करे जिन्हें कोई पैसा नहीं मिला जबकि बोर्ड ने 11 करोड़ रुपये उनके लिये दिये थे।’’ 

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