टीम इंडिया के पूर्व तेज गेंदबाज प्रवीण कुमार ने खुलासा किया है कि कैसे कुछ महीने पहले ही वह अवसाद की वजह से अपना जीवन खत्म कर लेना चाहते थे।
इंटरनेशनल क्रिकेट से 2018 में रिटायर होने वाले प्रवीण कुमार लंबे समय तक चयनकर्ताओं की अनदेखी के बाद एक बुरे दौर से गजरे और अकेलेपन और मानसिक स्वास्थ्य की समस्याओं से जूझते रहे।
खुद को खत्म कर लेना चाहता था: प्रवीण कुमार
इंडियन एक्सप्रेस को दिए एक इंटरव्यू में प्रवीण कुमार ने कहा, पिछले साल नवंबर में एक वक्त ऐसा भी आया जब वह अपना जीवन खत्म कर लेना चाहते थे। वह दिन रात में हाथ में रिवाल्वर लिए अपनी कार से हाइवे होकर हरिद्वार के लिए निकले और उन्होंने खुद से कहा, 'क्या है ये सब? बस खत्म करते हैं।'
लेकिन गाड़ी में लगी अपने बच्चों की तस्वीर देखकर वह रुक गए। उन्होंने कहा, 'मुझे अहसास हुआ कि मैं अपने फूल जैसे बच्चों के साथ ऐसा नहीं कर सकता, उन्हें इस नर्क में नहीं छोड़ सकता, मैं वापस लौट आया।'
प्रवीण कुमार करवा रहे हैं डिप्रेशन का इलाज
इस घटना ने प्रवीण कुमार को अपनी मानसिक स्थिति के इलाज को प्रेरित किया और उन्होंने थेरेपी लेना शुरू किया। जल्द ही उनके डिप्रेशन (अवसाद) से पीड़ित होने की बात सामने आई। कुमार कहते हैं कि डिप्रेशन को भारत में बीमारी ही नहीं मानते हैं।
भारत के लिए अपना आखिरी मैच 8 साल पहले दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ टी20 के रूप में खेलने वाले प्रवीण कुमार ने कहा, 'इंडिया में डिप्रेशन कॉन्सेप्ट ही कहां होता है। मेरठ में निश्चित तौर पर इसके बारे में कोई नहीं जानता।'
प्रवीण कुमार ने कहा, 'मेरे साथ बात करने के लिए कोई नहीं था, मुझे हमेशा चिड़चिड़ापन का होता था। एक तेज गेंदबाज के तौर पर, मुझे बहुत ज्यादा सोचना पड़ता था। मैंने काउंसलर को बताया कि मैं विचारों से निकल पाने में सक्षम नहीं था।'
अचानक ही खत्म हो गया प्रवीण कुमार का करियर
एक समय 'स्विंग किंग' के नाम से मशहूर रहे प्रवीण कुमार अचानक ही फॉर्म में गिरावट के साथ टीम इंडिया से तो बाहर हुए ही, 2014 में उनके हाथों से आईपीएल करार भी जाता रहा। प्रवीण ने कहा, 'मैं बहुत अच्छी गेंदबाजी कर रहा था। इंग्लैंड में हर किसी ने मेरी तारीफ की। मैं एक अच्छे टेस्ट करियर का सपना देख रहा था। अचानक, गया सब कुछ।'
उसके बाद से प्रवीण कुमार काम के लिए संघर्ष कर रहे हैं। उन्हें पिछले साल उत्तर प्रदेश अंडर-23 टीम का कोच नियुक्त किया गया था, लेकिन उनका कार्यकाल बहुत छोटा रहा।
मेरठ का ये क्रिकेटर संघर्ष के दिनों में 15 किलो वजन गंवा चुका है और कहीं कमजोर दिखता है। उन्होंने कहा, 'मैं केवल क्रिकेट में वापसी करना चाहता हूं, केवल यही एक चीज है जिसे मैं जानता और प्यार करता हूं।'
प्रवीण कुमार के इस इंटरव्यू के उनके कई पूर्व साथी खिलाड़ियों समेत सोशल मीडिया में उन्हें काफी समर्थन मिल रहा है और लोगों ने इस खिलाड़ी के अच्छे भविष्य के लिए शुभकामनाएं दी हैं।