सांसद बने बांग्लादेश के क्रिकेट कप्तान शाकिब अल हसन, 1 लाख 50 हजार से ज्यादा वोटों से हासिल की जीत

शाकिब अल हसन ने विपक्ष द्वारा बहिष्कार किए गए आम चुनाव में भारी जीत के बाद रविवार को देश की संसद में सीट जीती। शाकिब अल हसन ने पश्चिमी शहर मगुरा में अपने निर्वाचन क्षेत्र में अपने प्रतिद्वंद्वी को 150,000 से अधिक वोटों के अंतर से हराया।

By शिवेन्द्र कुमार राय | Published: January 8, 2024 11:21 AM2024-01-08T11:21:53+5:302024-01-08T11:23:36+5:30

Bangladesh cricket captain Shakib Al Hasan becomes MP wins by more than 1 lakh 50 thousand votes | सांसद बने बांग्लादेश के क्रिकेट कप्तान शाकिब अल हसन, 1 लाख 50 हजार से ज्यादा वोटों से हासिल की जीत

सांसद बने शाकिब अल हसन

googleNewsNext
Highlightsप्रधान मंत्री शेख हसीना की सत्तारूढ़ अवामी लीग पार्टी के उम्मीदवार थे शाकिबअपने प्रतिद्वंद्वी को 150,000 से अधिक वोटों के अंतर से हरायाशाकिब अल हसन ने पश्चिमी शहर मगुरा से चुनाव लड़ा था

नई दिल्ली: बांग्लादेश के क्रिकेट कप्तान शाकिब अल हसन अब सांसद भी बन गए हैं। शाकिब अल हसन ने विपक्ष द्वारा बहिष्कार किए गए आम चुनाव में भारी जीत के बाद रविवार को देश की संसद में सीट जीती। शाकिब अल हसन ने पश्चिमी शहर मगुरा में अपने निर्वाचन क्षेत्र में अपने प्रतिद्वंद्वी को 150,000 से अधिक वोटों के अंतर से हराया। 

प्रधान मंत्री शेख हसीना की सत्तारूढ़ अवामी लीग पार्टी के उम्मीदवार क्रिकेटर की ओर से तत्काल कोई टिप्पणी नहीं आई है। हालांकि चुनाव से पहले  शाकिब ने स्वीकार किया था कि उन्हें किसी गंभीर बाधा का सामना नहीं करना पड़ रहा है। 

बता दें कि छिटपुट हिंसा और मुख्य विपक्षी दल बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) तथा उसके सहयोगियों के चुनाव के बहिष्कार करने के कारण हसीना की पार्टी अवामी लीग ने 300 सीट वाली संसद में 223 सीट हासिल कीं। शेख हसीना ने लगातार चौथी बार आम चुनाव में जीत हासिल की। अवामी लीग पार्टी की प्रमुख हसीना (76) ने गोपालगंज-तृतीय सीट पर भारी मतों के अंतर से जीत हासिल की। संसद सदस्य के रूप में यह उनका आठवां कार्यकाल है। हसीना 2009 से सत्ता पर काबिज हैं और एकतरफा चुनाव में लगातार चौथी बार जीत हासिल की है। अहम बात यह है कि 1991 में लोकतंत्र की बहाली के बाद से ऐसा दूसरी बार है जब सबसे कम मतदान हुआ। फरवरी 1996 के विवादास्पद चुनावों में 26.5 प्रतिशत मतदान हुआ था जो कि बांग्लादेश के इतिहास में सबसे कम है। 

इस जीत के साथ, हसीना आजादी के बाद बांग्लादेश में सबसे लंबे समय तक पद पर रहने वाली प्रधानमंत्री बनने की ओर बढ़ रही हैं। पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया के नेतृत्व वाली पार्टी ‘बीएनपी’ ने चुनाव का बहिष्कार किया और चुनाव के दिन हड़ताल पर चली गयी थी। पार्टी ने मंगलवार से शांतिपूर्ण सार्वजनिक भागीदारी कार्यक्रम के माध्यम से अपने सरकार विरोधी आंदोलन को तेज करने की योजना बनाई है और चुनावों को ‘फर्जी’ करार दिया है। 

Open in app