Video: रिकी पोंटिंग को इस भारतीय गेंदबाज ने कर दिया था 'आउट', पर अंपायर ने छीना भारत से 2003 वर्ल्ड कप जीतने का मौका!

Dinesh Mongia vs Ricky Ponting: 2003 वर्ल्ड कप फाइनल में दिनेश मोंगिया ने लगभग रिकी पोंटिंग को आउट कर दिया था, लेकिन अंपायर ने ये मौका छीन लिया

By अभिषेक पाण्डेय | Published: September 19, 2019 01:28 PM2019-09-19T13:28:56+5:302019-09-19T13:32:56+5:30

Dinesh Mongia almost got Ricky Ponting out in 2003 world cup final, Steve Bucknor robbed the opportunity, watch video | Video: रिकी पोंटिंग को इस भारतीय गेंदबाज ने कर दिया था 'आउट', पर अंपायर ने छीना भारत से 2003 वर्ल्ड कप जीतने का मौका!

दिनेश मोंगिया ने 2003 वर्ल्ड कप में पॉन्टिंग को लगभग आउट कर दिया था

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Highlights2003 वर्ल्ड कप फाइनल में रिकी पोंटिंग को दिनेश मोंगिया ने लगभग आउट कर दिया थाऑस्ट्रेलिया ने इस फाइनल में 35 रन बनाते हुए भारत को 125 रन से मात दी थी

दिनेश मोंगिया ने मंगलवार (17 सितंबर) को इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास लेने का ऐलान किया। मोंगिया के करियर का सबसे यादगार पल 2003 वर्ल्ड कप में भारतीय टीम का हिस्सा होना रहा। 

बाएं हाथ के स्पिनर के तौर पर मोंगिया को भले ही ज्यादा सफलता न मिली हो लेकिन 2003 वर्ल्ड कप फाइनल में उन्होंने ऑस्ट्रेलियाई कप्तान रिकी पोंटिंग को लगभग आउट ही कर दिया था। 

पॉन्टिंग ने उस मैच में 140 रन की नाबाद पारी खेलते हुए ऑस्ट्रेलिया को 50 ओवर में 359/2 के विशाल स्कोर तक पहुंचा दिया था, जो सौरव गांगुली की भारतीय टीम के लिए बहुत ज्यादा साबित हुआ।

दिनेश मोंगिया ने पोंटिंग को लगभग कर दिया था आउट

वर्ल्ड कप फाइनल में डेमियन मार्टिन और रिकी पोंटिंग तेजी से रन बना रहे थे और कप्तान सौरव गांगुली ने उन पर अंकुश लगाने और इस जोड़ी को तोड़ने के लिए दो बाएं हाथ के स्पिनरों युवराज सिंह और दिनेश मोंगिया को आक्रमण पर लगाया। 

दिनेश मोंगिया ने पारी के 38वें ओवर में रिकी पोंटिंग का कीमती विकेट झटक ही लिया था, लेकिन अंपायर स्टीव बकनर ने उनसे ये मौका छीन लिया। 

2003 वर्ल्ड कप में डीआरएस ने होने से चूक गया भारत

पोंटिंग के खिलाफ राउंड द विकेट गेंदबाजी करते हुए मोंगिया ने एक आर्म गेंद फेंकी। पोंटिंग ने इस पर स्वीप शॉट खेला लेकिन चूक गए और गेंद के उनसे टकराने के समय विकेट के सामने पाए गए, लेकिन मोंगिया की एलबीडब्ल्यू की अपील का अंपायर स्टीव बकनर पर कोई असर नहीं हुआ।

भारतीय टीम इस फैसले के खिलाफ आगे अपील भी नहीं कर सकी क्योंकि उस समय डीआरएस उपलब्ध नहीं था। 

उस समय पोंटिंग 68 गेंदों में 46 रन बनाकर खेल रहे थे और ऑस्ट्रेलिया का स्कोर 38 ओवर के बाद 223/2 था। मोंगिया ने उस मैच में 7 ओवर में 39 रन दिए। लेकिन अगर ऑस्ट्रेलिया ने उस समय पोंटिंग का विकेट गंवा दिया होता तो उसके 20-30 रन कम बनाते या यह भी संभव था कि भारतीय गेंदबाजों ने उन्हें 300 से कम के स्कोर पर रोक लिया होता। 

इस ओवर के बाद पॉन्टिंग ने जोहांसबर्ग में डेथ ओवरों में भारतीय गेंदबाजी की बखिया उधेड़ के रख दी और 121 गेंदों में 140 रन की नाबाद पारी में चार चौके और आठ छक्के लगाए।

फाइनल में 360 रन के लक्ष्य के दबाव में भारतीय टीम 234 के स्कोर पर सिमट गई और ऑस्ट्रेलिया ने ये मैच 125 रन के बड़े अंतर से जीतते हुए भारत से वर्ल्ड कप जीतने का मौका छीन लिया।
    

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