सीओए ने बीसीसीआई को दिया झटका, अमिताभ चौधरी और सीके खन्ना समेत सभी अधिकारियों के अधिकार छीने

लोढ़ा कमेटी के प्रस्तावों को लागू कराने को लेकर पिछले साल 30 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट ने सीओए की नियुक्ति की थी।

By विनीत कुमार | Published: March 16, 2018 03:41 PM2018-03-16T15:41:48+5:302018-03-16T15:45:19+5:30

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विनोद राय

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सुप्रीम कोर्ट की ओर से नियुक्त की गई प्रशासकीय समिति (सीओए) और बीसीसीआई के अधिकारियों के बीच तनातनी चरम पर पहुंच गई है। सीओए ने नियुक्ति के करीब एक साल बाद कड़ा कदम उठाते हुए बीसीसीआई के अधिकारियों के सभी अधिकारों को तत्काल प्रभाव से जब्त कर लिया है। इसी के साथ सीओए ने नए दिशा-निर्देशों के तहत ये भी साफ कर दिया है कि अब बीसीसीआई के अधिकारी वर्किंग कमेटी या चयन संबंधित मीटिंग नहीं कर सकेंगे। साथ ही बिना किसी पूर्व अनुमति के अधिकारी कहीं यात्रा भी नहीं कर सकेंगे।

सीओए के मुताबिक यह फैसला और नए निर्देश खास तीन अधिकारियों सीके खन्ना (कार्यकारी बीसीसीआई अध्यक्ष), अमिताभ चौधरी (कार्यकारी बीसीसीआई सचिव) और अनिरुद्ध चौधरी (बीसीसीआई कोषाध्यक्ष) द्वारा लगातार बोर्ड के कामकाज में बाधा उत्पन्न किए जाने के कारण लिया गया है। (और पढ़ें- वसीम जाफर तिहरे शतक से चूके, ईरानी कप में 286 रन की मैराथन पारी खेलकर हुए आउट)

सीओए की ओर से कहा गया, 'यह फैसला बोर्ड अधिकारियों द्वारा सीओए से सहमति बनाए बगैर फैसले लेने, सीओए की ओर से मांगी गई फीडबैक और राय सही समय पर नहीं देने और सीओए को बिना कारण बताए कुछ अधिकारियों द्वारा की गई अत्यधिक यात्राओं के मद्देनजर लिया गया है।'

लोढ़ा कमेटी के प्रस्तावों को लागू कराने को लेकर पिछले साल 30 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट ने सीओए की नियुक्ति की थी। इसके बाद से लगातार कई मौकों पर सीओए और बीसीसीआई अधिकारियों के बीच विभिन्न मुद्दों पर तनातनी की खबरें आती रही हैं। (और पढ़ें- KKR के फैंस के लिए बुरी खबर, IPL से पहले सुनील नरेन की गेंदबाजी पर उठा सवाल)

हाल में जब सीओए ने जब राष्ट्रीय और घरेलू खिलाड़ियों (पुरुष और महिला) के करार पर फैसला लिया था, तब भी ये विवाद सामने आया था। बोर्ड के उच्च अधिकारियों ने तब आरोप लगाया था कि इस मामले में उनकी कभी भी कोई राय नहीं मांगी गई। इन आरोपों पर हालांकि विनोद राय ने कहा था कि करार की रूपरेखा काफी पहले ही बोर्ड की वित्तीय समिति को भेज दे गई थी लेकिन पैनल ने तय समय तक कोई जवाब नहीं दिया। इसके बाद ही सीओए ने करार को फाइनल करने का फैसला किया। (और पढ़ें- विजडन इंडिया ने विराट कोहली नहीं, बल्कि इस खिलाड़ी को चुना साल का सर्वश्रेष्ठ क्रिकेटर

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