IPL स्पॉट फिक्सिंग मामले में बैन झेल रहे अंकित चव्हाण, बीसीसीआई से किया आजीवन प्रतिबंध पर दोबारा विचार करने का अनुरोध

श्रीसंत के लिए प्रतिस्पर्धी क्रिकेट में वापसी का मौका बन चुका है। ऐसे में 34 साल के अंकित चव्हाण ने भी बीसीसीआई और एमसीए से विचार का अनुरोध किया है...

By भाषा | Published: July 2, 2020 09:46 PM2020-07-02T21:46:05+5:302020-07-02T21:47:58+5:30

After Sreesanth, Ankeet Chavan eyes return to cricket requesting BCCI and MCA to reconsider life ban | IPL स्पॉट फिक्सिंग मामले में बैन झेल रहे अंकित चव्हाण, बीसीसीआई से किया आजीवन प्रतिबंध पर दोबारा विचार करने का अनुरोध

IPL स्पॉट फिक्सिंग मामले में बैन झेल रहे अंकित चव्हाण, बीसीसीआई से किया आजीवन प्रतिबंध पर दोबारा विचार करने का अनुरोध

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इंडियन प्रीमियर लीग 2013 में स्पॉट फिक्सिंग प्रकरण में कथित लिप्तता के लिये आजीवन प्रतिबंध झेल रहे अंकित चव्हाण ने बीसीसीआई और मुंबई क्रिकेट संघ (एमसीए) को पत्र लिखकर इसे घटाकर सात साल करने का अनुरोध किया।

3 खिलाड़ियों पर लगा था बैन: बीसीसीआई की अनुशासनात्मक समिति ने 2013 में राजस्थान रॉयल्स के तीन खिलाड़ियों- पूर्व भारतीय तेज गेंदबाज एस श्रीसंत, चव्हाण और अजीत चंदिला को आईपीएल में स्पॉट फिक्सिंग करने का दोषी पाया था और उन्हें आजीवन प्रतिबंधित कर दिया था, लेकिन 2015 में दिल्ली में एक ट्रायल कोर्ट ने इन तीनों के खिलाफ सभी आरोप हटा दिये और पिछले साल बीसीसीआई लोकपाल डीके जैन ने श्रीसंत का आजीवन प्रतिबंध घटाकर सात साल कर दिया।

श्रीसंत की क्रिकेट में वापसी: अब श्रीसंत के लिये प्रतिस्पर्धी क्रिकेट में वापसी का मौका है और 34 साल के चव्हाण ने भी बीसीसीआई और अपनी राज्य संस्था एमसीए को ईमेल भेजा है। इसमें चव्हाण ने अपने प्रतिबंध को घटाकर सात साल करने का अनुरोध किया है ताकि वह जल्द से जल्द खेल सकें।

अंकित का बीसीसीआई से अनुरोध: चव्हाण ने गुरुवार को कहा, ‘‘मैं बीसीसीआई से इसी आधार पर अनुरोध करता हूं कि अगर श्रीसंत के प्रतिबंध पर दोबारा विचार किया जा सकता है तो कृपया मेरे प्रतिबंध पर भी दोबारा विचार कीजिये।’’

उन्होंने लिखा, ‘‘मुझे बीसीसीआई से कोई जवाब नहीं मिला इसलिये मुझे अपनी राज्य संस्था को लिखना पड़ा जो एमसीए है। इसलिये मैंने इसी आधार पर लिखा है। मैं संघ से मेरे मामले को बीसीसीआई के समक्ष पेश करने का अनुरोध करता हूं ताकि मेरे प्रतिबंध पर दोबारा विचार किया जा सके।’’

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