जीएसटी काउंसिल बैठकः लेट फीस पर मोदी सरकार ने दी राहत, विलंब शुल्क घटाकर 500 रुपये किया
By रामदीप मिश्रा | Published: June 12, 2020 04:15 PM2020-06-12T16:15:34+5:302020-06-12T16:33:17+5:30
वित्तमंत्री सीतारमण ने कहा कि जुलाई में सभी मंत्रियों के अनुरोध पर है, विशेष रूप से एक एजेंडा बिंदु-कंपनसेशन सेस पर चर्चा करने के लिए एक बैठक होगी।
नई दिल्लीः केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को विडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए 40वीं GST काउंसिल की बैठक की। जीएसटी परिषद की बैठक के बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कहा कि जुलाई 2017 से जनवरी 2020 के दौरान शून्य कर देनदारी वाले पंजीकृत इकाइयों को माल एवं सेवा कर (जीएसटी) का रिटर्न देर से दाखिल करने पर कोई शुल्क नहीं लगेगा।
जीएसटी परिषद की बैठक के बाद संवाददाताओं को संबोधित करते हुए सीतारमण ने कहा कि अन्य इकाइयों के लिये जुलाई 2017 से जनवरी 2020 तक की अवधि के लिये मासिक बिक्री रिटर्न दाखिल करने में देरी पर लगने वाले शुल्क को घटाकर अधिकतम 500 रुपये कर दिया गया है।
उन्होंने कहा कि जीएसटी परिषद ने कोरोना वायरस महामारी के असर पर चर्चा की। इसके अलावा कुछ उद्योगों पर ‘उलटे शुल्क ढांचे’ (इनवर्टेड ड्यूटी स्ट्रक्चर) से जीएसटी संग्रह पर पड़ रहे असर को लेकर भी चर्चा की गयी। जीएसटी परिषद ने वस्त्र उद्योग में उलटा शुल्क ढांचे के बारे में भी बातचीत की। जीएसटी परिषद अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था पर निर्णय लेने वाली शीर्ष इकाई है।
For people who have tax liability, maximum late fee for non-filing of GSTR-3B returns for period July 2017 - January 2020 has been capped to Rs 500. This will apply to all returns submitted during July 1, 2020 - September 30, 2020: FM Nirmala Sitharaman https://t.co/Fl0OPirQzV
— ANI (@ANI) June 12, 2020
वित्तमंत्री सीतारमण ने कहा कि जुलाई में सभी मंत्रियों के अनुरोध पर है, विशेष रूप से एक एजेंडा बिंदु-कंपनसेशन सेस पर चर्चा करने के लिए एक बैठक होगी। राज्यों को जो कंपनसेशन दिया जाना है और अगर इसका परिणाम कुछ प्रकार के उधारों पर पड़ता है, तो इसके लिए कैसे और कौन भुगतान करने वाला है?