अमेरिकी रेगुलेटर्स द्वारा सिलिकॉन वैली बैंक को बंद करने का दिया गया आदेश, दुनिया भर के बैंकिंग सेक्टर के कई शेयरों में देखी गई है गिरावट
By आजाद खान | Published: March 11, 2023 07:10 AM2023-03-11T07:10:51+5:302023-03-11T08:12:46+5:30
हालांकि सिलिकॉन वैली बैंक के संकट को लेकर जानकारों का कहना है कि इसका असर अमेरिका के बैंकों पर पड़ने के कम आसार है। उनके अनुसार, देश के सभी प्रमुख कंपनियां इस तरह के अप्रिय स्थिति से बचने के लिए अपने पास पर्याप्त कैश बैलेंस बचाकर चल रहे हैं।
वॉशिंगटन डीसी: अमेरिका के बड़े बैंकों में से एक सिलिकॉन वैली बैंक (Silicon Valley Bank) को बंद होने का आदेश मिल गया है। यह आदेश अमेरिकी रेगुलेटर्स द्वारा दिया गया है। एक रिपोर्ट के अनुसार, फेडरल डिपॉजिट इंश्योरेंस कॉरपोरेशन (FDIC) को बैंक का रिसीवर नियुक्त किया गया है जिसे बैंक में जमा ग्राहकों के पैसों की सुरक्षा की जिम्मेदारी दी गई है।
आपको बता दें कि सिलिकॉन वैली बैंक (एसवीबी) आमतौर पर तकनीकी स्टार्टअप को कर्ज देने के लिए मशहूर था, ऐसे में बैंक के बंद होने आदेश ने पूरी दुनिया के शेयर बाजारों पर गहरा असर डाला है और इससे बैंकिंग सेक्टर के शेयरों में भारी गिरावट देखी गई है।
70 फीसदी टुटे बैंक के मूल कंपनी के शेयर
सीएनबीसी की एक रिपोर्ट के अनुसार, कैलिफोर्निया के डिपार्टमेंट ऑफ फाइनेंशियल प्रोटेक्शन और इनोवेशन द्वारा सिलिकॉन वैली बैंक को बंद करने के आदेश दिया गया है। ऐसे में फेडरल डिपॉजिट इंश्योरेंस कॉरपोरेशन यानी FDIC को बैंक का रिसीवर बनाया गया है जिसे खाता होलडर के पैसों की सुरक्षा का जिम्मेदारी सौंपा गया है। हालात को देखते हुए फेडरल डिपॉजिट इंश्योरेंस कॉरपोरेशन ने डिपॉजिट इंश्योरेंस नेशनल बैंक ऑफ सांता क्लारा का गठन किया है ताकि वह इसमें बैंक के इश्योरेंस वाले डिपॉजिट को रख सके।
आपको बता दें कि सिलिकॉन वैली बैंक अमेरिका का 16वां सबसे बड़ा बैंक था जिसके पास करीब 210 अरब डॉलर के एसेट्स है। यह बैंक खासकर नए युग वाले टेक कंपनियां और वेंचर कैपिटल के निवेश वाली कंपनियों में आर्थिक मदद देता था। बैंक को बंद करने के आदेश को लेकर सिलिकॉन वैली बैंक की मूल कंपनी SVB फाइनेंशियल ग्रुप के शेयरों में भी गिरावट देखी गई है और न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज पर इसके शेयर 70 फीसदी नीचे गए है।
भारत समेत कई देशों के बैंकिंग सेक्टर वाले शेयरों पर पड़ा बुरा असर
आपको बता दें कि भारत समेत कई देशों के बैंकिंग सेक्टर वाले शेयरों पर इसका असर देखने को मिला है और उसमें गिरावट देखी गई है। इस पर बोलते हुए दिग्गज बैंकर और कोटक महिंद्रा बैंक के सीईओ उदय कोटक ने एक ट्वीट में कहा, 'अमेरिकी बैंकिंग में रातोंरात हुआ घटनाक्रम: मार्केट्स, एनालिस्ट्स और इनवेस्टर्स ने एक बैंक की बैलेंस शीट की फाइनेंशियल स्टैबिलिटी की अहमियत को कमतर आंका। जब इंटरेस्ट रेट एक साल मे जीरो से 500 बीपीएस तक पहुंच जाए तो कहीं न कहीं कोई हादसा होने का इंतजार हो रहा था।'
Overnight developments in US banking: markets, analysts, investors underestimate the importance of financial stability for the balance sheet of a bank. When interest rates move up 500 bps from zero in a year, an accident was waiting to happen somewhere.
— Uday Kotak (@udaykotak) March 10, 2023
अमेरिका के सेंटा क्लारा में स्थित बैंक ने बुधवार को कहा था कि वह 2.25 अरब डॉलर के शेयर बेच रहा है, ऐसे में बैंक के पोर्टफोलियो को भारी नुकसान हुआ है। आपको बता दें कि बैंक ने नए जमाने के कई कंपनियों को कर्ज दिया हुआ था। ऐसे में जानकारों का मानना है कि इस संकट से अमेरिका के बैंकिंग सेक्टर पर कुछ प्रभाव नहीं पड़ेगा और बैंक ऐसी किसी अप्रिय स्थिति से बचने के लिए अपने पास पर्याप्त कैश बैलेंस बचाकर चल रहे हैं।