Tur dal e-portal: तुअर दाल खरीद मंच पेश, किसान पंजीकरण कराएंगे, जानें कैसे करेगा काम और इस लिंक पर जाकर करें पंजीकरण
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: January 4, 2024 03:14 PM2024-01-04T15:14:43+5:302024-01-04T15:15:30+5:30
Tur dal e-portal: NAFED और NCCF द्वारा विकसित वेब पोर्टल का शुभारंभ हो रहा है, जिससे तूर (अरहर) दाल की खेती करने वाले किसान अपनी दाल को ऑनलाइन बेच कर सीधे उसका भुगतान अपने अकाउंट में पा सकेंगे।
Tur dal e-portal: सहकारिता मंत्री अमित शाह ने बृहस्पतिवार को तुअर दाल खरीद मंच पेश किया और कहा कि दिसंबर 2027 तक देश को दालों में आत्मनिर्भर बन जाना चाहिए। उन्होंने साथ ही कहा कि हम जनवरी 2028 से एक किलोग्राम दाल भी आयात नहीं करेंगे।
इस मंच पर किसान पंजीकरण करा सकते हैं और अपनी उपज को न्यूनतम समर्थन मूल्य या बाजार मूल्य पर एनएएफईईडी और एनसीसीएफ को बेच सकते हैं। शाह ने कहा कि भविष्य में उड़द और मसूर दाल के किसानों के साथ-साथ मक्का किसानों के लिए भी इसी तरह की सुविधा शुरू की जाएगी।
NAFED और NCCF द्वारा विकसित वेब पोर्टल का शुभारंभ हो रहा है, जिससे तूर (अरहर) दाल की खेती करने वाले किसान अपनी दाल को ऑनलाइन बेच कर सीधे उसका भुगतान अपने अकाउंट में पा सकेंगे। https://t.co/Gkk16wjzl2
— Amit Shah (@AmitShah) January 4, 2024
मंत्री ने मंच के माध्यम से तुअर की बिक्री के भुगतान के लिए 25 किसानों को प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डीबीटी) के जरिए करीब 68 लाख रुपये हस्तांतरित भी किए। सहकारी राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन महासंघ लिमिटेड (एनएएफईईडी) और भारतीय राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता महासंघ लिमिटेड (एनसीसीएफ) ‘बफर’ भंडार बनाए रखने के लिए सरकार की ओर से दालों की खरीद का काम करते हैं।
मंत्री ने कहा कि बुआई से पहले तुअर किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर एनएएफईईडी और एनसीसीएफ को अपनी उपज बेचने के लिए मंच पर पंजीकरण कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि पंजीकृत तुअर किसानों के पास एनएएफईईडी/एनसीसीएफ या खुले बाजार में बेचने का विकल्प होगा।
अगर तुअर दाल का खुले बाजार में मूल्य एमएसपी से अधिक रहता है, तो उस स्थिति में एक विधि के जरिए औसत दर निकाली जाएगी। शाह ने कहा कि अधिक किसान दालों की खेती नहीं कर रहे हैं क्योंकि कीमतें सुनिश्चित नहीं हैं। मंच के जरिए खरीद के साथ यह पहल कृषि क्षेत्र में एक बड़ा सुधार लाएगी और दालों के उत्पादन में आत्मनिर्भरता हासिल करने में मदद करेगी।
उन्होंने कहा,‘‘ तुअर की खरीद किसानों से की जाएगी और यह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की गारंटी है।’’ शाह ने कहा कि देश अब भी चना और मूंग को छोड़कर कई प्रकार की दालों के लिए आयात पर निर्भर है। मंत्री ने कहा, ‘‘ दिसंबर 2027 तक देश को दालों में आत्मनिर्भर बन जाना चाहिए। हम जनवरी 2028 से एक किलोग्राम दाल भी आयात नहीं करेंगे।’’
उन्होंने प्राथमिक कृषि ऋण समितियों (पीएसीएस), किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) तथा प्रगतिशील किसानों से मंच के बारे में जागरूकता फैलाने और किसानों को इस सुविधा का लाभ उठाने के लिए प्रोत्साहित करने की अपील की।
उन्होंने कहा कि न्यूनतम समर्थन मूल्य में दो गुना से अधिक की वृद्धि के दम पर पिछले 10 वर्षों में दालों का उत्पादन 2013-14 फसल वर्ष (जुलाई-जून) में 1.92 करोड़ टन से बढ़कर 2022-23 में 2.605 करोड़ टन हो गया है। हालांकि, दालों का घरेलू उत्पादन अब भी खपत से कम है और आयात पर निर्भर है। इस कार्यक्रम में कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा, सहकारिता राज्य मंत्री बीएल वर्मा और उपभोक्ता मामलों के राज्य मंत्री अश्विनी चौबे भी उपस्थित रहे।