चीन से अपना बिजनेस लेकर भारत शिफ्ट कर रही है यह कंपनी, पांच साल में 800 करोड़ रुपये का होगा निवेश
By अनुराग आनंद | Published: May 16, 2020 02:00 PM2020-05-16T14:00:29+5:302020-05-16T14:02:06+5:30
कंपनी ने देश में अपने मोबाइल फोन के विकास और विनिर्माण कार्यों को बढ़ाने के लिए अगले पांच वर्षों में 800 करोड़ रुपये का निवेश करने की योजना बनाई है।
नई दिल्ली:मोबाइल उपकरणों की निर्माता कंपनी लावा इंटरनेशनल ने शुक्रवार को कहा कि वह नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा हाल की नीतिगत घोषणाओं के बाद अपने चीन स्थित कंपनी की कुछ ब्रांच को बंद कर भारत में स्थानांतरित कर रही है।
कंपनी ने भारत में अपने मोबाइल फोन के विकास और विनिर्माण कार्यों को बढ़ाने के लिए अगले पांच वर्षों में 800 करोड़ रुपये का निवेश करने की योजना बनाई है।
द न्यू इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, लावा इंटरनेशनल के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक हरिओम राय ने कहा कि हमारे पास उत्पाद डिजाइन के लिए चीन में लगभग 600-650 कर्मचारी थे। अब हमने भारत में डिजाइनिंग को स्थानांतरित कर दिया है। भारत के लिए हमारी बिक्री आवश्यकताओं को हमारे स्थानीय कारखाने से पूरा किया जाएगा।
उन्होंने कहा, ‘‘हम चीन के अपने कारखाने से कुछ मोबाइल फोनों का निर्यात दुनियाभर में करते रहे हैं, यह काम अब भारत से किया जायेगा।’’ भारत में लॉकडाउन अवधि के दौरान लावा ने अपनी निर्यात मांग को चीन से पूरा किया।
राय ने कहा, ‘‘मेरा सपना है कि चीन को मोबाइल उपकरण निर्यात किये जायें। भारतीय कंपनियों मोबाइल चार्जर पहले ही चीन को निर्यात कर रही हैं। उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना से हमारी स्थिति में सुधार आयेगा। इसलिये अब पूरा कारोबार भारत से ही किया जायेगा।’’लॉकडाउन अवधि के दौरान, लावा ने चीन से अपनी निर्यात मांग पूरी की।
राय ने कहा, "मेरा सपना चीन के लिए भारत से मोबाइल उपकरणों का निर्यात करना है। भारतीय कंपनियां पहले से ही चीन को मोबाइल चार्जर का निर्यात कर रही हैं। उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना की वजह से चीन से हमारे अनुबंध को समाप्त हो गए हैं इसलिए निर्यात को समाप्त कर दिया है। इसलिए अब पूरे ऑपरेशन भारत से किए जाएंगे। ”
अप्रैल में सरकार ने स्थानीय इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण को बढ़ावा देने और 2025 तक 20 लाख प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष नौकरियों का सृजन करने के लिए लगभग 48,000 करोड़ रुपये की कुल प्रोत्साहन वाली तीन योजनाओं को अधिसूचित किया।
अधिसूचना में उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना (पीएलआई) शामिल थी।
इस योजना के तहत, इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण कंपनियों को भारत में निर्मित सामानों की वृद्धिशील बिक्री (आधार वर्ष) पर 4 - 6 प्रतिशत का प्रोत्साहन मिलेगा और पांच साल की अवधि में लक्ष्य खंडों के तहत कवर किया जाएगा।
राय ने कहा, 'हम अपने परिचालन को बढ़ाने के लिए अगले पांच वर्षों में 800 करोड़ रुपये के निवेश की योजना पर काम कर रहे हैं।'
देश में मोबाइल फोन का उत्पादन पिछले चार वर्षों में आठ गुना, 2014-15 में 18,900 करोड़ रुपये से बढ़कर 2019-20 में 2 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो गया है।
घरेलू उत्पादन के माध्यम से देश की मांग लगभग पूरी तरह से पूरी हो गई है।