‘कृषि कानूनों के रद्द होने से आवश्यक वस्तुओं पर नियंत्रण की राज्यों की शक्ति वापस मिलना तय नहीं’

By भाषा | Updated: November 19, 2021 19:22 IST2021-11-19T19:22:30+5:302021-11-19T19:22:30+5:30

'The repeal of agricultural laws is not sure to take back the power of the states to control essential commodities' | ‘कृषि कानूनों के रद्द होने से आवश्यक वस्तुओं पर नियंत्रण की राज्यों की शक्ति वापस मिलना तय नहीं’

‘कृषि कानूनों के रद्द होने से आवश्यक वस्तुओं पर नियंत्रण की राज्यों की शक्ति वापस मिलना तय नहीं’

कोलकाता, 19 नवंबर पश्चिम बंगाल सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने शुक्रवार को कहा कि तीन कृषि कानूनों को वापस लेने के बाद यह सुनिश्चित नहीं है कि प्याज, आलू, तिलहन, अनाज और दालों

जैसी आवश्यक वस्तुओं की कीमतों को नियंत्रित करने की राज्यों की शक्ति उन्हें वापस मिलेगी या नहीं।

आवश्यक वस्तु अधिनियम, 1955 राज्यों को भंडारण सीमा लागू करने और आवश्यक वस्तुओं की आवाजाही को प्रतिबंधित करने की शक्ति देता था। केंद्र ने पिछले साल कानून में संशोधन कर राज्य सरकारों के इस अधिकार को वापस ले लिया था।

संशोधित अधिनियम, उन तीन विवादास्पद कृषि कानूनों में से एक है, जो पिछले एक साल से किसानों के विरोध के केंद्र में थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार सुबह घोषणा की कि इन कानूनों को निरस्त कर दिया जाएगा और ऐसा करने के लिए जरूरी प्रक्रिया इस महीने के अंत में शुरू होने वाले संसद के शीतकालीन सत्र में पूरी की जाएगी।

इस पर एक अधिकारी ने कहा कि राज्यों को वही शक्ति वापस मिलेगी या नहीं, जो वे भंडारण सीमा और आवश्यक वस्तुओं की आवाजाही को नियंत्रित करने के लिए उनके पास पहले थी, यह उस विधेयक के ‘‘शब्दों’’ पर निर्भर करेगा, जिसे अधिनियम को वापस लेने के लिए पेश किया जाएगा।

उन्होंने कहा, ‘‘जैसे ही संशोधन पारित किए गए, वस्तुएं राज्य के दायरे से बाहर हो गईं और हमने कार्रवाई करने की शक्ति खो दी। इससे कुछ वस्तुओं की मुद्रास्फीति में तेज बढ़ोतरी हुई थी। खाद्य तेल की कीमतों में 50-100 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी।’’

दूसरी ओर ऐसा लगता है कि प्रधानमंत्री की घोषणा पर उद्योग जगत विभाजित हो गया है। भारत चैंबर ऑफ कॉमर्स (बीसीसी) ने कहा कि कृषि कानूनों को वापस लेना, सुधार श्रृंखला में एक रुकावट के रूप में काम करेगा, जबकि इंडियन चैंबर ऑफ कॉमर्स (आईसीसी) ने जोर देकर कहा कि यह लोगों के व्यापक हित को ध्यान में रखते हुए एक अच्छा कदम है।

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Web Title: 'The repeal of agricultural laws is not sure to take back the power of the states to control essential commodities'

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