संघर्ष से सफलता तकः आत्मनिर्भर भारत के सच्चे सिपाही और अग्रदूत प्रोडॉट संस्थापक प्रमोद राजपाल

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: November 8, 2025 15:42 IST2025-11-08T15:41:24+5:302025-11-08T15:42:28+5:30

Struggle to Success: इंडस्ट्री में विदेशी ब्रांडों का दबदबा और लबालब सस्ते चीनी माल की सप्लाई थी। बहुत बार निराशा भी हुई, लेकिन हार नहीं मानी। प्रमोद की कहानी संघर्ष नहीं, बल्कि संघर्ष को अवसर में बदलने की कहानी है।

Struggle to Success Prodot Founder Pramod Rajpal true soldier and pioneer of Atmanirbhar Bharat | संघर्ष से सफलता तकः आत्मनिर्भर भारत के सच्चे सिपाही और अग्रदूत प्रोडॉट संस्थापक प्रमोद राजपाल

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Highlightsसपने बहुत बड़े। बचपन में भी उन्होंने संघर्ष के जज़्बे को अपनाया।सिर्फ कारोबार नहीं था, बल्कि देश की आत्मनिर्भरता की एक लड़ाई थी।कमरे से डॉट मैट्रिक्स प्रिंटर रिबन के रिफिल बनाना आसान नहीं था।

नई दिल्लीः आज जब हम आज़ाद भारत की 78 वर्षों की गौरवशाली यात्रा पर गर्व कर रहे हैं. इस विकास यात्रा में कई ऐसे चेहरे हैं जिन्होंने संघर्ष की आग में खुद को तपाया और सफलता की मिसाल कायम की। उन्हीं में से एक शख्सियत हैं प्रमोद राजपाल, जिनकी कहानी सिर्फ़ व्यवसायी की नहीं, बल्कि हौसले, जुझारूपन और समाज के हर तबके को अवसर देने के जुनून की है। जमीनी स्तर से एक मिडिल क्लास फैमिली से निकलकर सफल उद्योगपति बनने तक उनका सफर भारत के युवा वर्ग के लिए प्रेरणा है। दिल्ली के एक छोटे से घर में जन्मे प्रमोद राजपाल को ज़िंदगी ने शुरुआत से ही कड़ी मेहनत और चुनौतियां सिखाई। उनके पिता सरकारी कर्मचारी थे, आय सीमित थी, लेकिन सपने बहुत बड़े। बचपन में भी उन्होंने संघर्ष के जज़्बे को अपनाया।

1991 में, जब लगभग हर भारतीय IT सामान मंहगी और विदेशी ब्रांडों का वर्चस्व था, तब प्रमोद ने एक छोटे से कमरे में रिश्तेदार से लिए उधार के ₹10,000 लेकर प्रोडॉट की नींव रखी। बिना किसी बड़ी फैक्ट्री या पूंजी के, उनका उद्देश्य था "Made in India, Made for India।" उनके लिए यह सिर्फ कारोबार नहीं था, बल्कि देश की आत्मनिर्भरता की एक लड़ाई थी।

शुरुआत में एक कमरे से डॉट मैट्रिक्स प्रिंटर रिबन के रिफिल बनाना आसान नहीं था। इंडस्ट्री में विदेशी ब्रांडों का दबदबा और लबालब सस्ते चीनी माल की सप्लाई थी। बहुत बार निराशा भी हुई, लेकिन हार नहीं मानी। प्रमोद की कहानी संघर्ष नहीं, बल्कि संघर्ष को अवसर में बदलने की कहानी है।

उनके लिए हर ठोकर एक सबक था। काम के दौरान बिजली की कटौती, सामाजिक संशय, आवश्यक मशीनों का न होना, विपरीत परिस्थितियों में भी उन्होंने जज़्बा नहीं छोड़ा। उन्होंने अपने काम को गुरू बनाकर हर समस्या का हल ढूंढा।

महिलाओं को नई उड़ान और युवाओं को रोजगार के अवसर

प्रमोद राजपाल की सोच सिर्फ़ कंपनी बढ़ाने तक सीमित नहीं रही। उन्होंने हमेशा माना कि कारोबार का मकसद सिर्फ मुनाफा नहीं, समाज की बेहतरी भी होना चाहिए। प्रोडॉट में महिलाओं को सम्मान और अवसर देने की नीति शुरू से लागू है। आज कंपनी में 40% कर्मचारी महिलाएं हैं, जिनमें से कई पहली बार पेशेवर कामकाज में आई हैं।

उन्होंने महिलाओं के लिए सुरक्षित और कौशलवर्धक वातावरण बनाया है। प्रशिक्षण से लेकर स्वास्थ्य और सुरक्षा की सुविधाओं तक. उनका ध्यान महिलाओं की आज़ादी और गरिमा पर रहा। प्रोडॉट की फैक्ट्री में कई ऐसी महिलाएं काम करती हैं जो अब घर की कमान भरोसे के साथ अपने हाथ में सँभाल रही हैं, अपने परिवारों के लिए आर्थिक सहारा बन रही हैं।

यही नहीं, प्रोडॉट ने युवाओं के लिए भी रोजगार के नए रास्ते खोले हैं। कई युवा कर्मचारी और स्थानीय रीफिलर जो प्रोडक्ट बेचते हैं, प्रोडॉट की ट्रेनिंग से खुद की आज़ीविका शुरू कर चुके हैं। कोविड की असमय में भी किसी को निकालना नहीं पड़ा, बल्कि सभी को सुरक्षित रखा गया, राहत सामग्री वितरित की गई और बच्चों की पढ़ाई की मदद की गई।

यह सिर्फ़ व्यापार की परीक्षा नहीं, इंसानियत की भी परीक्षा थी, जिसमें प्रमोद राजपाल ने कमाल किया। 700 से अधिक सीधे नौकरियों के साथ, परोक्ष रूप से 1000 से ज़्यादा रोज़गारों की श्रृंखला प्रोडॉट के आसपास विकसित हुई है। स्थानीय कच्चा माल सप्लायर्स, पैकेजिंग कार्य, ट्रांसपोर्ट और रीसेलिंग नेटवर्क तक, यह पूरी इकाई छोटे और मध्यम व्यवसायों को भी जीवनदान दे रही है।

प्रमोद राजपाल का मानना है कि "जब तक रोजगार का स्थानीय स्तर पर निर्माण ना हो, देश का विकास अधूरा है।" उनके इस दृष्टिकोण ने प्रोडॉट को न केवल आर्थिक रूप से सक्षम बनाया, बल्कि समावेशी बनाया जहाँ हर वर्ग, हर समुदाय को हिस्सेदारी मिली।

उल्लेखनीय पुरस्कार एवं सम्मान

प्रोडॉट ग्रुप और उसके संस्थापक श्री प्रमोद राजपाल को कई प्रतिष्ठित सम्मान प्राप्त हुए, जो कंपनी की तकनीकी श्रेष्ठता और देशभक्ति की मिसाल हैं।

चैंपियन ऑफ आत्मनिर्भर भारत पुरस्कार 2025

प्रमोद राजपाल को 18 सितंबर 2025 को मुंबई में आयोजित आउटलुक नेशन बिल्डर्स एक्सीलेंस अवार्ड्स में "चैंपियन ऑफ आत्मनिर्भर भारत" पुरस्कार से सम्मानित किया गया। यह पुरस्कार उनके सतत प्रयासों और भारत के स्वदेशी उत्पादों को बढ़ावा देने में उनके नेतृत्व को पूरी तरह मान्यता देता है।

सर्वश्रेष्ठ मेड इन इंडिया इमेजिंग प्रोडक्ट ब्रांड 2025

प्रोडॉट ग्रुप को 2025 के एनसीएन प्रिंट-टेक समिट एवं 11वीं इमेजिंग सॉल्यूशन अवार्ड्स में "सर्वश्रेष्ठ मेड इन इंडिया इमेजिंग प्रोडक्ट ब्रांड" के रूप में नवाजा गया। यह सम्मान कंपनी की देशी टोनर कार्ट्रिज और अन्य उत्पादों की बाजार में बढ़त को दर्शाता है।

लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड 2025

श्री प्रमोद राजपाल को उनके दीर्घकालिक योगदान और नवाचार के लिए 11वीं इमेजिंग सॉल्यूशन अचीवर्स अवार्ड्स में लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड दिया गया। इस पुरस्कार से उनकी भारतीय आईटी उद्योग में अग्रणी भूमिका को सम्मानित किया गया।

एनसीएन फास्टेस्ट ग्रोइंग इंडियन इमेजिंग कंपनी का पुरस्कार 2019

उत्तराखंड मुख्यमंत्री पुरस्कार: ProDot को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री द्वारा आत्मनिर्भरता और उद्योग क्षेत्र में योगदान के लिए सम्मानित किया गया है।

जालंधर कंप्यूटर डीलर्स एसोसिएशन द्वारा अतिथि सम्मान: 2017 और 2018 में पुरस्कार प्राप्त, जो उद्योग में ProDot की बढ़ती प्रतिष्ठा को दर्शाते हैं।

एनसीएन मैगजीन का अतिथि सम्मान 2015: ProDot को उद्योग में योगदान के लिए सम्मानित किया गया।

NCN मैगज़ीन के "बेस्ट रिबन मैन्युफैक्चरर" का एडिटर चॉइस अवार्ड

देश की अर्थव्यवस्था में प्रोडॉट का योगदान

प्रोडॉट ने अपने तीन दशकों के इतिहास में ना केवल भारतीय बाजार को सशक्त किया, बल्कि विदेशी वस्तुओं पर निर्भरता घटाकर करोड़ों रुपये की विदेशी मुद्रा देश में बचाई है। प्रमोद राजपाल की सोच ने तय किया कि 'स्वदेशी' सिर्फ नारे नहीं, बल्कि व्यवहारिक नीति हो।

उनका मॉडल MSMEs को भी प्रेरित करता है, जहां छोटे पैमाने पर उद्योग आत्मनिर्भरता की भावना को बढ़ावा दे रहे हैं। सरकारी मंचों पर भी प्रोडॉट की वृद्धि ने 'मेक इन इंडिया' और 'वोकल फॉर लोकल' की नींव मज़बूत की है।

प्रमोद राजपाल का सफर हमें सिखाता है कि आत्मनिर्भरता की राह में सबसे बड़ा हथियार है धैर्य, ईमानदारी और कर्तव्यनिष्ठा। उनके जैसा नेतृत्व ही भारत को व्यापार, सांस्कृतिक और सामाजिक दृष्टि से सशक्त कर सकता है। उनका मानना है कि हर भारतीय युवा और महिला में वह ताकत है जो देश का भविष्य बना सकती है। यदि देश के हर कोने में इसी प्रकार के उद्योग और उद्यमी आएं, तो आत्मनिर्भर भारत का सपना जल्द ही हकीकत बन जाएगा।

प्रमोद की कहानी सिर्फ व्यवसाय की नहीं, बल्कि जमीनी सच्चाई का सामना करने और बदलाव लाने की भी है। प्रोडॉट के सहयोग से कई परिवारों की जीवनशैली बदली है, खासकर महिलाओं का जीवन। उनके आत्मनिर्भर बनने की कहानी वह चमक है जो हमारे भारत के सपनों को सच करती है।

Web Title: Struggle to Success Prodot Founder Pramod Rajpal true soldier and pioneer of Atmanirbhar Bharat

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