मांग बढ़ने से सोयाबीन, सीपीओ, पामोलीन कीमतों में सुधार

By भाषा | Updated: December 15, 2020 20:07 IST2020-12-15T20:07:21+5:302020-12-15T20:07:21+5:30

Soybean, CPO, palmolein prices improve due to rising demand | मांग बढ़ने से सोयाबीन, सीपीओ, पामोलीन कीमतों में सुधार

मांग बढ़ने से सोयाबीन, सीपीओ, पामोलीन कीमतों में सुधार

नयी दिल्ली, 15 दिसंबर कच्चे पॉम तेल पर आयात शुल्क मूल्य बढ़ने से स्थानीय तेल तिलहन बाजार में मंगलवार को पाम एवं पामोलीन तेल में सुधार का रुख रहा। जबकि सोयाबीन खली की निर्यात मांग बढ़ने से सोयाबीन तेल तिलहन कीमतों में भी लाभ दर्ज किया गया। अन्य तेल तिलहनों के भाव पूर्वस्तर पर टिके रहे।

बाजार सूत्रों का कहना है कि सामान्य कारोबार के बीच शिकागो और मलेशिया एक्सचेंज लगभग अपरिवर्तित रहे। सूत्रों ने बताया कि सरकार ने दिसंबर के दूसरे पखवाड़े के दौरान कच्चे पॉम तेल (सीपीओ) के लिये आयात शुल्क मूल्य 904 डालर से बढ़ाकर 929 डालर प्रति टन कर दिया है। इससे रुपये में प्रति क्विंटल 56 रुपये बढ़े हैं। वहीं सोयाबीन डीगम के लिये आयात शुल्क मूल्य को 1067 डालर से घटाकर 1054 डालर प्रति टन किया गया है। इससे रुपये के लिहाज से 37 रुपये प्रति क्विंटल की कमी आई है।

विदेशों में सोयाबीन खल की मांग बढ़ने से सोयाबीन तिलहन सहित इसके तेल में सुधार देखने को मिला।

जानकार सूत्रों का कहना है कि सरकार को खाद्य तेलों के आयात शुल्क में वृद्धि कर देशी तेलों को प्रतिस्पर्धी बनाने पर ध्यान देना चाहिये। उन्होंने कहा कि हाल ही में खाद्य तेलों पर आयात शुल्क में कमी किये जाने का नतीजा हम देख चुके हैं। सरकार ने कच्चा पामतेल पर शुल्क में कमी की जिसके बाद विदेशों में विभिन्न करों में वृद्धि करते हुए इनके दाम पहले से भी ऊंचे हो गये। इस प्रकार शुल्क कम करने का सीध सीध फायदा निर्यात करने वाले देशों को हुआ।

देश को तेल-तिलहन उत्पादन के मामले में आत्मनिर्भर बनाना समय की मांग है। जानकार सूत्र बताते हैं कि समय समय पर सरकारी रिपोर्टों में हरियाणा, पंजाब में खेती में विविधता लाने की बात कही जाती रही है। इन दोनों राज्यों में गेहूं, चावल की फसल की ही प्रधानता रही है। गेहूं, धान का आकर्षक न्यूनतम समर्थन मूल्य होने की वजह से इन राज्यों में अन्य फसलों की तरफ किसानों का आकर्षण नहीं रहा। कुछ साल पहले तक हरियाणा, पंजाब, बिहार, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश में सात से आठ लाख टन सूरजमुखी की पैदावार होती थी लेकिन देशी तेल उद्योग पर ध्यान नहीं दिये जाने के कारण इसकी उपज घटती गई।

तेल-तिलहन बाजार में थोक भाव इस प्रकार रहे- (भाव- रुपये प्रति क्विंटल)

सरसों तिलहन - 5,975 - 6,025 (42 प्रतिशत कंडीशन का भाव) रुपये।

मूंगफली दाना - 5,310- 5,375 रुपये।

मूंगफली तेल मिल डिलिवरी (गुजरात)- 13,250 रुपये।

मूंगफली साल्वेंट रिफाइंड तेल 2,075 - 2,135 रुपये प्रति टिन।

सरसों तेल दादरी- 12,000 रुपये प्रति क्विंटल।

सरसों पक्की घानी- 1,840 -1,990 रुपये प्रति टिन।

सरसों कच्ची घानी- 1,960 - 2,070 रुपये प्रति टिन।

तिल मिल डिलिवरी तेल- 11,000 - 15,000 रुपये।

सोयाबीन तेल मिल डिलिवरी दिल्ली- 11,500 रुपये।

सोयाबीन मिल डिलिवरी इंदौर- 11,200 रुपये।

सोयाबीन तेल डीगम- 10,300 रुपये।

सीपीओ एक्स-कांडला- 9,220 रुपये।

बिनौला मिल डिलिवरी (हरियाणा)- 10,050 रुपये।

पामोलीन आरबीडी दिल्ली- 10,550 रुपये।

पामोलीन कांडला- 9,750 रुपये (बिना जीएसटी के)।

सोयाबीन तिलहन मिल डिलिवरी भाव 4,375 - 4,425 लूज में 4,250-- 4,31 0 रुपये।

मक्का खल (सरिस्का) - 3,500 रुपये।

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Web Title: Soybean, CPO, palmolein prices improve due to rising demand

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