मुनाफावसूली के कारण सेंसेक्स 37 अंक टूटा, निफ्टी में मामूली बढ़त
By भाषा | Updated: December 2, 2020 19:01 IST2020-12-02T19:01:39+5:302020-12-02T19:01:39+5:30

मुनाफावसूली के कारण सेंसेक्स 37 अंक टूटा, निफ्टी में मामूली बढ़त
मुंबई, दो दिसंबर बंबई शेयर बाजार का सेंसेक्स बुधवार को रिकार्ड ऊंचाई से नीचे आ गया। बैंक तथा बुनियादी ढांचा कंपनियों के शेयरों में मुनाफावसूली से सेंसेक्स 37 अंक की गिरावट के साथ बंद हुआ। हालांकि, निफ्टी मुनाफावसूली के बीच हल्की बढ़त के साथ नये रिकार्ड स्तर पर बंद हुआ।
तीस शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स कारोबार की समाप्ति पर 37.40 अंक यानी 0.08 प्रतिशत टूटकर 44,618.04 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान एक समय यह 44,169.97 के न्यूनतम स्तर तक चला गया था।
हालांकि, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 4.70 अंक यानी 0.04 प्रतिशत की मामूली बढ़त के साथ 13,113.75 अंक पर बंद हुआ।
रिजर्व बैंक की इस सप्ताह पेश होने वाली मौद्रिक नीति की समीक्षा से पहले बैंक शेयरों में मुनाफावसूली देखने को मिली। सेंसेक्स के शेयरों में सर्वाधिक नुकसान में कोटक बैंक रहा। इसमें 3.28 प्रतिशत की गिरावट आयी।
एचडीएफसी बैंक 1.86 प्रतिशत, एचडीएफसी लि. 1.28 प्रतिशत तथा आईसीआईसीआई बैंक के शेयर मूल्य 0.99 प्रतिशत नीचे आये। भारतीय स्टेट बैंक का शेयर 0.5 प्रतिशत जबकि बजाज फाइनेंस 0.72 प्रतिशत टूट गया। लार्सन एंड टूब्रो का शेयर भी 0.16 प्रतिशत गिर गया।
दूसरी तरफ लाभ में रहने वाले प्रमुख शेयरों में ओएनजीसी (4.11 प्रतिशत), एशियन पेंट्स (3.74 प्रतिशत) और टाइटन (3.48 प्रतिशत) शामिल हैं। वाहन कंपनियों की बिक्री नवंबर में बढ़ने से उनके शेयरों में तेजी रही।
बजाज ऑटो 2.86 प्रतिशत, महिंद्रा एंड महिंद्रा 2.53 प्रतिशत और मारुति सुजुकी 1.47 प्रतिशत मजबूत हुए।
आईटी कंपनियों में टीसीएस और इन्फोसिस शुरूआती गिरावट से उबरते हुए क्रमश: 0.81 प्रतिशत और 0.33 प्रतिशत मजबूत हुए।
वैश्विक बाजारों में हाल की तेजी के बाद थोड़ी असमंजस वाली स्थिति देखने को मिली। क्योंकि निवेशकों की नजर कोरोना वायरस टीके को लेकर हुई प्रगति तथा अमेरिका में प्रोत्साहन पैकेज को लेक जारी बातचीत पर है।
इस बीच, ब्रिटेन पहला देश बन गया है जिसने फाइजर के कोविड-19 टीके को मंजूरी दे दी है।
जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ‘‘हाल की जोरदार तेजी के बाद बैंक शेयरों में गिरावट रही। इसका कारण उच्चतम न्यायालय में कर्ज लौटाने को लेकर दी गयी मोहलत मामले में सुनवाई तथा मौद्रिक नीति समिति की चल रही बैठक है। हालांकि, इन दोनों से बैंक क्षेत्र को नुकसान होने की आशंका न के बराबर है। क्षेत्र में तेजी लौट सकती है क्योंकि मोहलत अवधि के प्रभाव को शामिल किया जा चुका है और आरबीआई उच्च मुद्रास्फीति को देखते हुए उदार रुख के साथ नीतिगत दर को लगातार दूसरी बार यथावत रख सकता है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘कमजोर आर्थिक परिदृश्य को देखते हुए नकदी बढ़ाने और बैंक क्षेत्र की मदद के लिये और उपाय किये जा सकते हैं। वैश्विक स्तर पर बाजार में तेजी बनी रही। इसका कारण प्रोत्साहन पैकेज को लेकर अमेरिका में बातचीत तथा यूरोप में कोविड-19 टीके को लेकर प्रगति है।’’
एशिया के अन्य बाजारों में मिला-जुला रुख रहा। जापान का निक्की, चीन का शंघाई कंपोजिट सूचकांक और दक्षिण कोरिया का कोस्पी लाभ में रहे। वहीं हांगकांग के हैंगसेंग में गिरावट रही। यूरोप के प्रमुख बाजारों में शुरूआती कारोबार में गिरावट का रुख रहा।
इस बीच, अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 13 पैसे टूटकर 73.81 पर बंद हुआ।
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