सेबी ने फोर्टिस हेल्थकेयर के कानूनी लेखा परीक्षक के खिलाफ मामले का निपटान किया
By भाषा | Published: August 27, 2021 08:12 PM2021-08-27T20:12:22+5:302021-08-27T20:12:22+5:30
बाजार नियामक सेबी ने कोष की हेराफेरी में कथित भूमिका से जुड़े मामले में फोर्टिस हेल्थकेयर के कानूनी लेखा परीक्षक के खिलाफ कार्यवाही का निपटान कर दिया है।फोर्टिस हेल्थकेयर लि. (एफएचएल) के कानूनी ऑडिटर डेलॉयट हासकिन्स एंड सेल्स एलएलपी के भागीदार आर अंडन पर यह आरोप लगा था कि उन्होंने एफएचएल की एकीकृत वित्तीय ब्योरा से जुड़ी महत्वपूर्ण सूचना को गलत तरीके से पेश करने और खुलासा नहीं करने में परोक्ष रूप से मदद की थी। इस मामले में फरवरी 2018 में रिपोर्ट छपने के बाद जांच शुरू की गयी। रिपोर्ट में कहा गया था कि एफएचएल के प्रवर्तकों ने 500 करोड़ रुपये कंपनी से लिये हैं। भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने तीन कर्जदार कंपनियों को अंतर-कॉरपोरेट जमा (आईसीडी) देने की मंजूरी के मामले की जांच शुरू की थी प्रवर्तक या प्रवर्तकों से जुड़ी इकाइयों के लाभ के लिए एफएचएल / उसकी सहायक कंपनियों से कोष की कथित हेराफेरी की जांच के लिए एक फोरेंसिक ऑडिटर नियुक्त किया गया था। प्रथम दृष्टि में पाया गया कि डेलॉयट हासकिन्स एंड सेल्स एलएलपी उस अवधि के दौरान कंपनी के कानूनी लेखा परीक्षक थे जब 2016-17 और 2017-18 की पहली तिमाही के वित्तीय विवरणों को गलत तरीके से प्रस्तुत किया गया था। चूंकि उसने वित्तीय विवरणों पर हस्ताक्षर किये थे, वह लेखा मानकों के अनुसार यह आचार संहिता और ऑडिट करने में विफल रही। हालंकि, सेबी ने पाया कि जिस समय कानूनी लेखा परीक्षक ने लेखा परीक्षण का काम शुरू किया था, आईसीडी के मुद्दे के संबंध में एक ऑडिटर के चिंतित होने का कोई कारण नहीं था। क्योंकि इसे एफएचएल और उसकी पूर्ण अनुषंगी की नियमित कारोबारी गतिविधियों के रूप में पहले से ही लंबे समय से प्रदान किया जा रहा था। साथ ही नियमित पुनर्भुगतान में चूक का कोई मामला नहीं था। जांच में यह साबित नहीं हुआ कि लेखा परीक्षक को गड़बड़ी की जानकारी थी। अत: सेबी ने ऑडिटर के खिलाफ मामले का निपटान कर दिया।
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