एसबीआई लाइफ करेगी सहारा इंडिया लाइफ इंश्योरेंस की दो लाख बीमा देनदारियों, संपत्तियों का अधिग्रहण, इरडा ने किया फैसला, जानें असर
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: June 2, 2023 10:18 PM2023-06-02T22:18:58+5:302023-06-02T22:19:53+5:30
भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण (इरडा) ने सहारा इंडिया लाइफ इंश्योरेंस कंपनी की बिगड़ती वित्तीय स्थिति को देखते हुए एक बैठक में यह निर्णय लिया।

संपत्तियों का तत्काल प्रभाव से अधिग्रहण करने का निर्देश दिया।
नई दिल्लीः बीमा नियामक इरडा ने शुक्रवार को एसबीआई लाइफ इंश्योरेंस कंपनी को सहारा इंडिया लाइफ इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड (एसआईएलआईसी) की लगभग दो लाख बीमा की देनदारी के साथ-साथ संपत्तियों का तत्काल प्रभाव से अधिग्रहण करने का निर्देश दिया।
भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण (इरडा) ने सहारा इंडिया लाइफ इंश्योरेंस कंपनी की बिगड़ती वित्तीय स्थिति को देखते हुए एक बैठक में यह निर्णय लिया। इरडा ने बयान में कहा, “प्राधिकरण ने एसबीआई लाइफ इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड (एसबीआई लाइफ) को सहारा इंडिया लाइफ इंश्योरेंस के जीवन बीमा व्यवसाय के अधिग्रहणकर्ता बीमाकर्ता के रूप में चिह्नित किया है।
एसबीआई लाइफ संतोषजनक वित्तीय स्थिति के साथ देश के सबसे बड़े जीवन बीमाकर्ताओं में से एक है।” बयान के अनुसार, “एसबीआई लाइफ बीमाधारकों की संपत्तियों द्वारा समर्थित एसआईएलआईसी के लगभग दो लाख बीमा की देनदारियों को तत्काल प्रभाव से अपने जिम्मे लेगा।”
सहारा इंडिया लाइफ इंश्योरेंस कंपनी के एक प्रवक्ता ने कहा कि इरडा ने 2017 में सहारा इंडिया लाइफ इंश्योरेंस कारोबार का हस्तांतरण आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल लाइफ इंश्योरेंस को करने का आदेश दिया था और उसी वर्ष 28 जुलाई को प्रतिभूति अपीलीय न्यायाधिकरण (सैट) ने इस फैसले को निरस्त कर दिया था।
प्रवक्ता ने कहा, “आज इरडा ने एक बार फिर सहारा इंडिया लाइफ इंश्योरेंस के कारोबार का हस्तांतरण करने का आदेश दिया है.. इस बार एसबीआई लाइफ को निर्देश दिया गया है। हालांकि, गौर करने वाली बात है कि यह मामला सैट के समक्ष न्यायिक रूप से विचाराधीन है और अगली सुनवाई छह जून को है।”
बीमा नियामक ने कहा कि उसने सहारा इंडिया लाइफ इंश्योरेंस के सभी बीमाधारकों के लिए सुचारू हस्तांतरण सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक कदम भी उठाए हैं। सहारा इंडिया लाइफ इंश्योरेंस को जीवन बीमा कारोबार चलाने के लिए 2004 में पंजीकरण प्रमाणपत्र प्रदान किया गया था।
इरडा ने कहा कि बीमाकर्ता की वित्तीय योग्यता और प्रशासनिक पहलुओं पर कुछ गंभीर मुद्दों को देखते हुए उसने 2017 में बीमा व्यवसाय का प्रबंधन करने के लिए एक प्रशासक नियुक्त किया था। बीमाकर्ता को नए व्यवसाय को लेकर कोई निर्णय लेने की भी अनुमति नहीं थी।
इसके बाद, नियामक आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए बीमाकर्ता को आगे के निर्देश जारी किए गए। इरडा ने कहा, “अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त समय मिलने के बावजूद सहारा इंडिया लाइफ इंश्योरेंस प्राधिकरण के निर्देशों का पालन करने और अपने बीमाधारकों के हितों की रक्षा के लिए सकारात्मक कदम उठाने में विफल रही है।”