Russia Ukraine Crisis: रूस-यूक्रेन का असर दुनिया भर के इकोनॉमी पर, एलआईसी आईपीओ को टाल सकती है सरकार

By सतीश कुमार सिंह | Published: March 2, 2022 06:33 PM2022-03-02T18:33:44+5:302022-03-02T18:35:02+5:30

Russia Ukraine Crisis: एलआईसी का सार्वजनिक निर्गम भारतीय शेयर बाजार के इतिहास में सबसे बड़ा आईपीओ होगा। एक बार सूचीबद्ध होने के बाद, एलआईसी का बाजार मूल्यांकन रिलायंस इंडस्ट्रीज और टीसीएस जैसी शीर्ष कंपनियों के आसपास होगा।

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मेगा आईपीओ में विदेशी निवेशकों के शामिल होने की इच्छा को देखते हुए एफडीआई प्रावधान में बदलाव किया गया है। 

Highlights 20 प्रतिशत तक प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) की अनुमति दी थी।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने लिया था।एफडीआई नीति में एलआईसी में विदेशी निवेश का कोई प्रावधान नहीं किया गया था।

Russia Ukraine Crisis: भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) के कर्मचारी संघ ने सरकार की आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) योजना के खिलाफ दबाव बढ़ाने का फैसला किया है। वित्त मंत्री ने बजट में कहा था कि इस साल आईपीओ आएगा।

अखिल भारतीय बीमा कर्मचारी संघ ने आज फैसला किया है कि एलआईसी कर्मचारी आईपीओ लाने के सरकार के फैसले के खिलाफ सभी मंडल मुख्यालयों में 5 मार्च, 2022 को धरना प्रदर्शन करेंगे। सरकार ने 31 मार्च को वित्तीय वर्ष समाप्त होने से पहले इस महीने एलआईसी की 5 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचकर लगभग 8 अरब डॉलर जुटाने की योजना बनाई है।

रूस-यूक्रेन संकट गहराने से वैश्विक वित्तीय बाजारों पर पड़ रहे दुष्प्रभाव को देखते हुए सरकार भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) के मेगा आईपीओ को कुछ समय के लिए स्थगित कर अपनी हिस्सेदारी का अधिकतम मूल्य प्राप्त करने के लिए उपयुक्त समय की प्रतीक्षा कर सकती है। सूत्रों ने यह जानकारी दी।

सरकार से जुड़े एक सूत्र ने बुधवार को कहा, ‘‘रूस-यूक्रेन विवाद अब पूरी तरह युद्ध का रूप ले चुका है लिहाजा हमें एलआईसी के आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) की दिशा में आगे बढ़ने के लिए स्थिति का आकलन करना होगा।’’ वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी उभरती भू-राजनीतिक स्थिति को देखते हुए एलआईसी के आईपीओ की समीक्षा किए जाने के संकेत दिए थे।

सीतारमण ने कहा था, ‘‘आदर्श रूप में, मैं इस दिशा में आगे बढ़ना चाहूंगी क्योंकि हमने विशुद्ध रूप से भारतीय सोच के आधार पर इसकी योजना बनाई थी। लेकिन अगर वैश्विक परिस्थितियां इस बात पर पुनर्विचार करने के लिए बाध्य कर रही हैं तो मुझे इस पर नए सिरे से गौर करने में कोई दिक्कत नहीं होगी।’’ देश का अब तक का सबसे बड़ा आईपीओ कहा जा रहा एलआईसी का निर्गम इसी महीने बाजार में आने की उम्मीद जताई जा रही थी। एलआईसी ने 13 फरवरी को पूंजी बाजार नियामक सेबी के समक्ष आईपीओ का मसौदा पत्र पेश किया था।

सरकार चालू वित्त वर्ष में 78,000 करोड़ रुपये के विनिवेश लक्ष्य को पूरा करने के लिए इस जीवन बीमा कंपनी में अपनी पांच प्रतिशत हिस्सेदारी बेचकर 63,000 करोड़ रुपये जुटाने की उम्मीद कर रही थी। यदि एलआईसी के आईपीओ को अगले वित्त वर्ष के लिए टाल दिया जाता है तो सरकार संशोधित विनिवेश लक्ष्य को बड़े अंतर से पूरा नहीं कर पाएगी। इस वित्त वर्ष में अब तक सरकार केंद्रीय सार्वजनिक उपक्रमों के विनिवेश और एयर इंडिया की रणनीतिक बिक्री के जरिए 12,030 करोड़ रुपये जुटा चुकी है।

सरकार ने पहले वर्ष 2021-22 के दौरान विनिवेश से 1.75 लाख रुपये जुटाने का अनुमान लगाया था लेकिन बाद में इसे संशोधित कर 78,000 करोड़ रुपये कर दिया गया। एलआईसी में सरकार की 100 प्रतिशत हिस्सेदारी या 632.49 करोड़ से अधिक शेयर हैं। शेयरों का अंकित मूल्य 10 रुपये प्रति शेयर है।

(इनपुट एजेंसी)

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