कोविड की दूसरी लहर के बीच वृद्धि दर के अनुमानों में किया जा रहा संशोधन : रिजर्व बैंक

By भाषा | Updated: May 27, 2021 13:36 IST2021-05-27T13:36:49+5:302021-05-27T13:36:49+5:30

Revision in growth rate estimates amidst second wave of Kovid: Reserve Bank | कोविड की दूसरी लहर के बीच वृद्धि दर के अनुमानों में किया जा रहा संशोधन : रिजर्व बैंक

कोविड की दूसरी लहर के बीच वृद्धि दर के अनुमानों में किया जा रहा संशोधन : रिजर्व बैंक

मुंबई, 27 मई भारतीय रिजर्व बैंक ने कहा है कि कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर के बीच चालू वित्त वर्ष 2021-22 के लिए वृद्धि दर के अनुमानों में संशोधन किए जा रहे हैं।

केंद्रीय बैंक की बृहस्पतिवार को जारी 2020-21 की वार्षिक रिपोर्ट में कहा गया है कि संशोधनों के बीच यह राय बन रही है कि 2021-22 में वृद्धि दर उसके पूर्व के अनुमान 10.5 प्रतिशत के स्तर पर रहेगी।

वार्षिक रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले साल ने अर्थव्यवस्था पर एक ‘घाव’ छोड़ दिया है। ‘‘दूसरी लहर के बीच व्यापक निराशा को टीकाकरण अभियान के चलते सतर्कता भरी उम्मीद से दूर करने में मदद मिल रही है।’’

केंद्रीय बैंक ने कहा कि दूसरी लहर के साथ ही वृद्धि दर अनुमानों में संशोधनों का दौर शुरू हो गया है। 2021-22 के लिए आम सहमति रिजर्व बैंक के पूर्व के 10.5 प्रतिशत के अनुमान पर टिकती दिख रही है।

चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में वृद्धि दर 26.2 प्रतिशत, दूसरी तिमाही में 8.3 प्रतिशत, तीसरी तिमाही में 5.4 प्रतिशत और चौथी तिमाही में 6.2 प्रतिशत रहने का अनुमान है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि महामारी परिदृश्य के समक्ष सबसे बड़ा जोखिम है। सरकार द्वारा निवेश बढ़ाने, क्षमता का इस्तेमाल अधिक होने तथा पूंजीगत सामान के आयात बेहतर रहने से अर्थव्यवस्था में सुधार की गुंजाइश बन रही है।

केंद्रीय बैंक का मानना है कि महामारी के खिलाफ व्यक्तिगत देशों के संघर्ष के बजाय सामूहिक वैश्विक प्रयासों से निश्चित रूप से बेहतर नतीजे हासिल होंगे।

रिपोर्ट में कहा गया है कि 2021-22 में मौद्रिक नीति का रुख वृहद आर्थिक स्थिति पर निर्भर करेगा। नीति मुख्य रूप से वृद्धि को समर्थन देने वाली रहेगी।

केंद्रीय बैंक ने कहा कि दूसरी लहर में संक्रमण की दर काफी चिंताजनक है। इतनी तेजी से बढ़ते संक्रमण के बीच स्वास्थ्य ढांचे को क्षमता के लिहाज से विस्तारित करना पड़ रहा है।

रिजर्व बैंक ने कहा आगे चलकर वृद्धि लौटने और अर्थव्यवस्था के पटरी पर आने की स्थिति में यह महत्वपूर्ण होगा कि सरकार बाहर निकलने की एक स्पष्ट नीति का पालन करे और राजकोषीय बफर बनाए जिसका इस्तेमाल भविष्य में वृद्धि को लगने वाले झटकों की स्थिति में किया जाए।

रिपोर्ट में कहा गया है कि अप्रैल और मई की शुरुआत के लिए उच्च चक्रीय संकेत मिलीजुली तस्वीर दर्शाते हैं।

अप्रैल में माल एवं सेवा कर (जीएसटी) का संग्रहण लगातार सातवें महीने एक लाख करोड़ रुपये के आंकड़े को पार कर गया है। इससे पता चलता है कि विनिर्माण और सेवा उत्पादन कायम है।

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Web Title: Revision in growth rate estimates amidst second wave of Kovid: Reserve Bank

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