रिकॉर्ड जीएसटी संग्रह से लेकर पिछली तारीख से कराधान खत्म होने के लिए सुर्खियो में रहा राजस्व विभाग

By भाषा | Updated: December 23, 2021 17:24 IST2021-12-23T17:24:17+5:302021-12-23T17:24:17+5:30

Revenue department in headlines for ending taxation from the last date from record GST collection | रिकॉर्ड जीएसटी संग्रह से लेकर पिछली तारीख से कराधान खत्म होने के लिए सुर्खियो में रहा राजस्व विभाग

रिकॉर्ड जीएसटी संग्रह से लेकर पिछली तारीख से कराधान खत्म होने के लिए सुर्खियो में रहा राजस्व विभाग

(जोइता डे)

नयी दिल्ली, 23 दिसंबर वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) का रिकॉर्ड संग्रह, आयकर रिटर्न जमा करने वाले पोर्टल में व्यापक सुधार और पिछली तारीख से कराधान वाला कानून निरस्त करने जैसे कदमों ने कर प्रशासन में सुधारों के नए मुकाम के लिए आधार तैयार कर दिया है। इसमें क्रिप्टोकरेंसी के नियमन का मसौदा खड़ा करना और जीएसटी कर ढांचे को तर्कसंगत बनाना शामिल है।

कर आकलन में व्यक्तिगत उपस्थिति की जरूरत खत्म करने जैसे सुधारों के जोर पकड़ने के साथ वर्ष 2021 को एक ऐसे साल के रूप में याद किया जाएगा जिसने पसंदीदा निवेश स्थल बनने की आकांक्षा वाले देश में कर प्रशासन को मजबूती दी।

हालांकि आगे काम मुश्किल है क्योंकि कर विभाग को क्रिप्टोकरेंसी पर कराधान की व्यवस्था करने के साथ जीएसटी दरों को तर्कसंगत बनाने पर भी ध्यान देना होगा। जून 2022 के बाद राज्यों को केंद्र की तरफ से दिया जाने वाला मुआवजा भी खत्म हो जाएगा लिहाजा राज्यों के लिए जीएसटी प्रणाली को अधिक मुफीद बनाने की भी चुनौती होगी।

केंद्र सरकार ने गत अगस्त में पिछली तारीख से कराधान वाले नियम को निरस्त करने का फैसला कर एक ऐतिहासिक कदम उठाया था। इस बारे में संशोधित नियम भी संसद से पारित होने के बाद अधिसूचित हो चुका है।

कर निश्चितता लाने के लिए नए नियम में यह प्रावधान किया गया है कि पिछली तारीख से कोई भी कर मांग नहीं की जाएगी और पहले वसूले जा चुके कर राजस्व को खास शर्तें पूरी करने पर वापस कर दिया जाएगा।

नया नियम आने के बाद केयर्न और वोडाफोन समेत सभी 17 विदेशी कंपनियों ने पिछली तारीख से कराधान पर दायर अपने सभी मुकदमे वापस लेने पर सहमति दे दी है।

राजस्व विभाग ने करदाताओं के लिए प्रक्रिया आसान बनाने के मकसद से जून में नया ई-फाइलिंग पोर्टल शुरू किया था। लेकिन इस पोर्टल में कई तकनीकी समस्याएं आने से व्यक्तिगत आयकरदाताओं के लिए रिटर्न जमा करने की तारीख को 31 जुलाई से बढ़ाकर 31 दिसंबर करना पड़ा। समय बीतने के साथ पोर्टल की कई खामियां दूर की जा चुकी हैं। गत 15 दिसंबर तक नए पोर्टल के जरिये 3.59 करोड़ आयकर रिटर्न जमा किए जा चुके थे।

अप्रत्यक्ष कर के मोर्चे पर जीएसटी संग्रह इस साल काफी अच्छा रहा और नवंबर तक पांच महीनों में कर राजस्व एक लाख करोड़ रुपये से अधिक रहा। अप्रैल में जीएसटी कर संग्रह 1.39 करोड़ रुपये रहा जो जुलाई 2017 में नई कर प्रणाली लागू होने के बाद के सर्वोच्च स्तर है।

जीएसटी प्रणाली लागू होने के पांच साल जून 2022 में पूरे होने वाले हैं लिहाजा केंद्र एवं राज्य सरकारें मुआवजे का प्रावधान खत्म होने की स्थिति में कर दरें अधिक तर्कसंगत बनाने पर विचार-विमर्श शुरू कर चुकी हैं। इस दौरान कुछ वस्तुओं पर छूट की व्यवस्था खत्म कर राजस्व बढ़ाने पर चर्चा हो रही है।

फिलहाल जीएसटी की चार दरें हैं जिनमें पांच, 12, 18 औऱ 28 फीसदी की दर से कर लगता है। आवश्यक वस्तुएं या तो छूट की सीमा में रखी गई हैं या फिर उन पर न्यूनतम दर से कर लगता है। वहीं लग्जरी वस्तुओं पर 28 फीसदी कर लगता है। ऊंची दर पर उपकर भी लगता है।

जहां तक प्रत्यक्ष करों का सवाल है तो सबकी निगाहें प्रस्तावित क्रिप्टोकरेंसी कानून पर टिकी हुई हैं। इसके अलावा आगामी बजट में ऐसी मुद्राओं पर कराधान की व्यवस्था को लेकर भी लोग उत्सुक हैं। क्रिप्टोकरेंसी पर जीएसटी लगने के बारे में स्पष्टीकरण का भी इंतजार रहेगा।

कर परामर्श फर्म एकेएम ग्लोबल के निदेशक (कर एवं नियमन) संदीप सहगल कहते हैं कि भारत में क्रिप्टोकरेंसी पर कराधान के कोई विशिष्ट प्रावधान नहीं हैं लेकिन करदाताओं को ऐसी मुद्राओं में किए गए निवेश की जानकारी देनी होती है।

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Web Title: Revenue department in headlines for ending taxation from the last date from record GST collection

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