मौद्रिक नीति समीक्षाः आरबीआई ने दिया झटका, रेपो दर में 0.25 प्रतिशत की वृद्धि, जानें 10 मुख्य बातें

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: February 8, 2023 09:54 PM2023-02-08T21:54:29+5:302023-02-08T21:55:26+5:30

Monetary policy review: भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने बुधवार को वैश्विक स्तर पर संकट को देखते हुए अगले वित्त वर्ष 2023-24 में आर्थिक वृद्धि दर धीमी पड़कर 6.4 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया है। यह चालू वित्त वर्ष के सात प्रतिशत के अनुमान से कम है।

Reserve Bank monetary policy review RBI blow repo rate increased by 0-25 percent know main things 10 | मौद्रिक नीति समीक्षाः आरबीआई ने दिया झटका, रेपो दर में 0.25 प्रतिशत की वृद्धि, जानें 10 मुख्य बातें

अगले वित्त वर्ष में जून और सितंबर तिमाही में वृद्धि दर क्रमश: 7.8 प्रतिशत और 6.2 प्रतिशत रहने का अनुमान है। 

Highlightsविनिर्माण, सेवा और बुनियादी ढांचा क्षेत्र की कंपनियां कारोबारी परिदृश्य को लेकर आशान्वित हैं।विदेशों में कमजोर मांग की स्थिति घरेलू परिदृश्य के लिये जोखिम हैं। स्थिर मूल्य पर जीडीपी वृद्धि दर 2023-24 में 6.4 प्रतिशत रहने का अनुमान है।

Monetary policy review: भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने महंगाई को लक्ष्य के अनुरूप दायरे में लाने के उद्देश्य से बुधवार को चालू वित्त वर्ष की आखिरी द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा में एक बार फिर नीतिगत दर रेपो में 0.25 प्रतिशत की वृद्धि की। इससे मुख्य नीतिगत दर बढ़कर 6.50 प्रतिशत हो गई है।

 

रेपो दर में वृद्धि का मतलब है कि बैंकों और वित्तीय संस्थानों से लिया जाने वाला कर्ज महंगा होगा और मौजूदा ऋण की मासिक किस्त (ईएमआई) बढ़ेगी। आरबीआई ने मुख्य मुद्रास्फीति (मुख्य रूप से विनिर्माण क्षेत्र की महंगाई) ऊंची रहने की भी बात कही है।

इसके साथ आने वाले समय में नीतिगत दर रेपो में और वृद्धि का संकेत दिया है। केंद्रीय बैंक ने अगले वित्त वर्ष में जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) वृद्धि दर 6.4 प्रतिशत रहने का अनुमान रखा है। यह चालू वित्त वर्ष के सात प्रतिशत के वृद्धि दर के अनुमान से कम है।

द्विमासिक मौद्रिक समीक्षा बैठक की मुख्य बातें इस प्रकार हैं...

...प्रमुख नीतिगत दर रेपो को 0.25 प्रतिशत बढ़ाकर 6.50 प्रतिशत किया गया।

...मौद्रिक नीति समिति के छह सदस्यों में से चार ने रेपो दर बढ़ाने के पक्ष में मत दिया।

...चालू वित्त वर्ष में वृद्धि दर के सात प्रतिशत रहने का अनुमान।

2023-24 में वृद्धि दर घटकर 6.4 प्रतिशत रहेगी।

...मौद्रिक नीति समिति उदार रुख को वापस लेने पर ध्यान देने के पक्ष में।

...खुदरा मुद्रास्फीति चौथी तिमाही में 5.6 प्रतिशत रहने का अनुमान।

....चालू वित्त वर्ष में खुदरा मुद्रास्फीति 6.5 प्रतिशत पर रहेगी। अगले वित्त वर्ष में इसके घटकर 5.3 प्रतिशत पर आने का अनुमान।

....बीते साल और इस वर्ष अभी तक अन्य एशियाई मुद्राओं की तुलना में रुपये में कम उतार-चढ़ाव।

....चालू खाते का घाटा 2022-23 की दूसरी छमाही में नीचे आएगा।

....दुकानों पर भुगतान के लिए भारत आने वाले यात्रियों को भी यूपीआई सुविधा देने का प्रस्ताव। शुरुआत में यह सुविधा जी20 देशों के यात्रियों को मिलेगी।

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