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रिलायंस कैपिटल को अनुषंगी इकाइयों के लिये 10 और बोलियां मिली

By भाषा | Updated: December 22, 2020 19:22 IST

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नयी दिल्ली, 22 दिसंबर अनिल अंबानी के नेतृत्व वाले कर्ज में डूबे रिलायंस समूह की इकाई रिलायंस कैपिटल लि. (आरसीएल) को उसकी अनुषंगी इकाइयों के लिये एसबीआई लाइफ समेत 10 और बोलियां प्राप्त हुई हैं। सूत्रों ने यह जानकारी दी।

कंपनी के रिण पत्रों में धन लागाने वाली वित्तीय इकाइयों की समिति ने इस महीने की शुरूआत में रूचि पत्र जमा करने की अंतिम तिथि बढ़ाकर 17 दिसंबर, 2020 कर दी थी। उसके बाद रिलायंस कैपिटल की संपत्ति के लिये 10 और बोलियां आयी। इससे कुल बोलियों की संख्या 70 पहुंच गयी है।

भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) की अनुषंगी एसबीआई लाइफ ने भी रिलायंस कैपिटल की रिलायंस निप्पन लाइफ इंश्योरेंस में हिस्सेदारी खरीदने को लेकर रूचि दिखायी है।

संयुक्त उद्यम कंपनी रिलायंस निप्पन लाइफ इंश्योरेंस की चुकता शेयर पूंजी 30 सितंबर, 2020 की स्थिति के अनुसार 1,196 करोड़ रुपये थी। इस संयुक्त उद्यम में जापान की सबसे बड़ी जीवन बीमा कंपनी निप्पन लाइफ की 49 प्रतिशत हिस्सेदारी है।

जीवन बीमा कंपनी की सितंबर के अंत में प्रबंधन अधीन परिसंपत्ति 21,912 करोड़ रुपये थी। उसे 2019-20 में 35 करोड़ रुपये का लाभ हुआ था।

आरसीएल की संपत्ति को बेचने की प्रक्रिया रिण पत्रों में धन लागाने वाली वित्तीय इकाइयों ‘कमेटी ऑफ डिबेंचर होल्डर्स और डिबेंचर ट्रस्टी विस्तरा आईटीसीएल इंडिया की पहल पर शुरू की गयी है। कंपनी पर बकाया कुल कर्ज का 93 प्रतिशत इन इकाइयों का है।

कंपनी के ऊपर करीब 20,000 करोड़ रुपये का कर्ज है।

रूचि पत्र जमा करने की अंतिम तिथि एक दिसंबर थी। उस समय तक कर्जदाताओं को परामर्श दे रही एसबीआई कैपिटल मार्केट्स और जे एम फाइनेंशियल सर्विसेज ने कुल 60 बोलियां प्राप्त की थी।

आरसीएल की अनुषंगी इकाइयों रिलायंस जनरल इंश्योरेंस, रिलायंस सिक्योरिटीज, रिलायंस फाइनेंशियल लि. और रिलायंस एसेट रिकंस्ट्रक्शन लि. में पूरी या आंशिक हिस्सेदारी खरीदने के लिये बोलियां आमंत्रित की गयी हैं।

रिलायंस सिक्योरिटीज और रिलायंस फाइनेंशिल लि. में 100 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचने की योजना है।

कंपनी ने रिलायंस एसेट रिकंस्ट्रक्शन लि. में 49 प्रतिशत हिस्सेदारी के लिये बोलियां आमंत्रित की है। इसकी इंडियन कमोडिटी एक्सचेंज (आईसीईएक्स) में 20 प्रतिशत हिस्सेदारी है। उसे भी बिक्री के लिये रखा गया है।

आरसीएल के अलावा कर्ज में डूबे समूह की एक और कंपनी रिलांयस होम फाइनेंस के लिये छह बोलियां आयी हैं।

कंपनी की एनबीएफसी (गैर-बैंकिंग वित्ती कंपनी) इकाई रिलायंस कमर्शियन फाइनेंस (आरसीएफ) के लिये अलग से कर्ज समाधान की प्रक्रिया जारी है।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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