पचास करोड़ से अधिक की धोखाधड़ी में बैंक अधिकारियों की भूमिका की जांच को परामर्श बोर्ड का पुनर्गठन
By भाषा | Published: August 20, 2021 08:50 PM2021-08-20T20:50:55+5:302021-08-20T20:50:55+5:30
केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) ने 50 करोड़ रुपये से अधिक की बैंक धोखाधड़ी के मामले में शीर्ष बैंक अधिकारियों की भूमिका की जांच के लिए एक परामर्श बोर्ड का पुनर्गठन किया है। सीवीसी के आदेश के अनुसार, सभी सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक और सार्वजनिक वित्तीय संस्थान आपराधिक जांच शुरू करने से पहले 50 करोड़ रुपये अथवा उससे अधिक की धोखाधड़ी के सभी मामले सलाह लेने के लिए उसके पास भेजेंगे। इसमें कहा गया, "सीबीआई भी किसी भी मामले या विषय को बोर्ड के पास भेज सकती है जहां उसे सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों और संबंधित सार्वजनिक वित्तीय संस्थानों के मामलों में कोई समस्या हो या वे तकनीकी मामले हो।" आदेश में कहा गया कि बैंकिंग और वित्तीय धोखाधड़ी परामर्श बोर्ड 50 करोड़ रुपये से अधिक की धोखाधड़ी के मामले में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों और सार्वजनिक वित्तीय संस्थानों के अधिकारियों या पूर्णकालिक निदेशकों की भूमिका की जांच करेगा। आदेश में कहा गया है कि बोर्ड सामान्य तौर पर शुरुआती संदर्भ प्राप्ति के एक माह के भीतर मंत्रालय, विभाग, सीवीसी अथवा जांच एजेंसी को अपनी सलाह भेज देगा। परामर्श बोर्ड को पूर्व सतर्कता आयुक्त और उसके बाद इंडियन बैंक के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक बने टी एम भसीन की अध्यक्षता में पुनर्गठित किया गया है। इसे इस साल 21 अगस्त से दो साल के लिये बनाया गया है। पूर्व शहरी विकास सिचव मधुसूदन प्रसाद, सीमा सुरक्षा बल के पूर्व महानिदेशक डी के पाठक और एक्जिम बैंक के पूर्व प्रबंध निदेशक इसके सदस्य हैं।
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