कोरोना वायरस: सूरत के हीरा उद्योग को लग सकती है 8,000 करोड़ रुपये की चपत
By भाषा | Published: February 5, 2020 04:27 PM2020-02-05T16:27:17+5:302020-02-05T16:27:17+5:30
हांगकांग में जिन गुजराती कारोबारियों के कार्यालय हैं, वे वापस लौट रहे हैं। नवाडिया ने कहा कि यदि स्थिति नहीं सुधरती है तो इससे सूरत का हीरा उद्योग बुरी तरह प्रभावित होगा।
सूरत के हीरा उद्योग को अगले दो माह में करीब 8,000 करोड़ रुपये की चपत लग सकती है। इसकी वजह चीन में फैला जानलेवा कोरोना वायरस है। कोरोना वायरस की वजह से हांगकांग ने आपात स्थिति की घोषणा कर दी है। हांगकांग सूरत के हीरा उद्योग का प्रमुख निर्यात गंतव्य है। सूरत के हीरा उद्योग कारोबारियों का कहना है कि हांगकांग हमारे लिए प्रमुख व्यापार केंद्र है। लेकिन वहां स्कूल और कॉलेज मार्च के पहले सप्ताह तक के लिए बंद कर दिए गए हैं। कोरोना वायरस के फैलने की वजह से वहां कारोबारी गतिविधियां भी काफी घट गई हैं।
रत्न और आभूषण निर्यात संवर्द्धन परिषद (जीजेईपीसी) के क्षेत्रीय चेयरमैन दिनेश नवाडिया ने कहा कि सूरत से हर साल हांगकांग के लिए 50,000 करोड़ रुपये के पॉलिश हीरों का निर्यात किया जाता है। यह यहां से कुल निर्यात का 37 प्रतिशत है। लेकिन अब कोरोना वायरस की वजह से हांगकांग ने एक महीने के अवकाश की घोषणा कर दी है। हांगकांग में जिन गुजराती कारोबारियों के कार्यालय हैं, वे वापस लौट रहे हैं। नवाडिया ने कहा कि यदि स्थिति नहीं सुधरती है तो इससे सूरत का हीरा उद्योग बुरी तरह प्रभावित होगा।
सूरत का हीरा उद्योग देश में आयातित 99 प्रतिशत कच्चे हीरो की पॉलिश करता है। उन्होंने कहा कि फरवरी और मार्च में सूरत के हीरा उद्योग को 8,000 करोड़ रुपये का नुकसान हो सकता है। एक अन्य उद्योग विशेषज्ञ और हीरा कारोबारी प्रवीण नानावती ने कहा कि इस बात की संभावना है कि हांगकांग में अंतरराष्ट्रीय आभूषण प्रदर्शनी रद्द हो जाए। ऐसा होता है तो सूरत का आभूषण कारोबार बुरी तरह प्रभावित होगा। उन्होंने कहा कि सूरत में बने पालिश हीरे और आभूषण हांगकांग के जरिये दुनियाभर में भेजे जाते हैं।
लेकिन अब वहां अवकाश की वजह से हमारा कारोबार पूरी तरह बंद हो गया है। व्यापारी भारत लौट रहे हैं। उन्होंने कहा कि यदि स्थिति नहीं सुधरती है तो सूरत के हीरा उद्योग को ‘हजारों करोड़ रुपये’ का नुकसान हो सकता है।