RBI ने रेपो रेट को रखा बरकरार, अब सस्ते ब्याज के लिए और करना पड़ेगा इंतजार
By रामदीप मिश्रा | Published: April 5, 2018 03:15 PM2018-04-05T15:15:18+5:302018-04-05T15:15:53+5:30
छह सदस्यीय मौद्रिक नीति समिति के अनुसार वृद्धि दर सुधर रही है और उत्पादन का अंतर घट रहा है।
नई दिल्ली, 5 अप्रैलः सस्ते ब्याज को लेकर उम्मीद लगाए बैठे लोगों के लिए अच्छी खबर नहीं हैं क्योंकि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने गुरुवार को प्रमुख नीतिगत दर रेपो को 6 प्रतिशत पर बरकरार रखा है। उसने लगातार चौथी बार रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया है। और पिछली तीन नीतिगत बैठकों में ब्याज दरों के मोर्चे पर यथास्थिति कायम रखी है।
छह सदस्यीय मौद्रिक नीति समिति के अनुसार वृद्धि दर सुधर रही है और उत्पादन का अंतर घट रहा है। रिजर्व बैंक ने 2018-19 की पहली छमाही के लिये मुद्रास्फीति का अनुमान घटाकर 4.7-5.1 प्रतिशत और दूसरी छमाही के लिए 4.4 प्रतिशत किया।
रिजर्व बैंक ने 2018-19 के लिये आर्थिक वृद्धि का अनुमान बढ़ाकर 7.4 प्रतिशत किया। वर्ष की पहली छमाही में यह 7.3-7.6 और दूसरी छमाही में 7.3-7.6 प्रतिशत के दायरे में रहेगी। वर्ष 2017- 18 में इसके 6.6 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया है।
आपको बता दें कि आरबीआई ने पिछले साल अगस्त में रेपो दर को 0.25 प्रतिशत घटाकर छह प्रतिशत किया गया था, जो इसका छह साल का निचला स्तर है। उसके बाद से केंद्रीय बैंक ने नीतिगत दर में बदलाव नहीं किया है। रेपो रेट वह दर है जिस पर केंद्रीय बैंक अन्य वाणिज्यिक बैंक को फौरी जरूरत के लिए उधार देता है।
रेपो रेट कम होने से बैंकों के लिए रिजर्व बैंक से कर्ज लेना सस्ता हो जाता है और तब ही बैंक ब्याज दरों में भी कमी करते हैं ताकि ज्यादा से ज्यादा रकम कर्ज के तौर पर दी जा सके।