RBI ने ब्याज दरों को रखा बरकरार, सस्ते कर्ज के लिए और करना पड़ेगा इंतजार 

By लोकमत समाचार हिंदी ब्यूरो | Published: February 7, 2018 03:56 PM2018-02-07T15:56:09+5:302018-02-07T15:57:36+5:30

आरबीआई ने मौद्रिक नीति समीक्षा की घोषणा करते हुए कहा कि औसत महंगाई दर को चार फीसदी रखने के लक्ष्य के मद्देजनर यह फैसला किया गया है।

RBI keeps repo rate at 6% | RBI ने ब्याज दरों को रखा बरकरार, सस्ते कर्ज के लिए और करना पड़ेगा इंतजार 

RBI ने ब्याज दरों को रखा बरकरार, सस्ते कर्ज के लिए और करना पड़ेगा इंतजार 

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने बुधवार (7 फरवरी) को मौजूदा वित्त वर्ष 2017-18 की अंतिम द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा में प्रमुख ब्याज दर रेपो रेट को छह फीसदी पर यथावत रखा है। आरबीआई ने लगातार चौथी बार अल्प अवधि की ब्याज दर में कोई बदलाव नहीं किया है। इस बार आरबीआई ने वैश्विक बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में इजाफा के कारण महंगाई बढ़ने की आशंकाओं से ब्याज दर को यथावत रखा है। बैंक के इस कदम से सस्‍ते कर्ज का इंतजार और लंबा हो गया है। 

औसत महंगाई दर को चार फीसदी रखने का लक्ष्य

आरबीआई ने मौद्रिक नीति समीक्षा की घोषणा करते हुए कहा कि औसत महंगाई दर को चार फीसदी रखने के लक्ष्य के मद्देजनर यह फैसला किया गया है। खाद्य पदार्थों व ईंधन की कीमतों में लगातार हो रही बढ़ोतरी के कारण दिसंबर 2017 में सालाना महंगाई दर बढ़कर 5.21 फीसदी हो गई, जबकि नवंबर में यह 4.88 फीसदी थी। 

क्या होती है रेपो रेट?

रेपो रेट वह दर होती है जिसपर बैंकों को आरबीआई कर्ज देता है। बैंक इस कर्ज से ग्राहकों को लोन मुहैया कराते हैं। रेपो रेट कम होने का अर्थ है कि बैंक से मिलने वाले तमाम तरह के कर्ज सस्ते हो जाएंगे।

ये होती है रिवर्स रेपो रेट

यह वह दर होती है जिस पर बैंकों को उनकी ओर से आरबीआई में जमा धन पर ब्याज मिलता है। रिवर्स रेपो रेट बाजारों में नकदी की तरलता को नियंत्रित करने में काम आती है।  

(खबर इनपुट-आईएएनएस)

Web Title: RBI keeps repo rate at 6%

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