RBI के डिप्टी गवर्नर विरल आचार्य ने दिया इस्तीफा, अभी छह महीने बाकी था कार्यकाल
By रामदीप मिश्रा | Published: June 24, 2019 08:54 AM2019-06-24T08:54:06+5:302019-06-24T09:15:53+5:30
विरल आचार्य को जनवरी 2017 में केंद्रीय बैंक में शामिल किया गया था। वह आरबीआई के सबसे युवा डिप्टी गवर्नर रहे।
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के डिप्टी गवर्नर विरल आचार्य ने इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने अपने कार्यकाल के छह महीने शेष रहते ही इस्तीफा दे दिया है। विरल आचार्य को जनवरी 2017 में केंद्रीय बैंक में शामिल किया गया था। वह आरबीआई के सबसे युवा डिप्टी गवर्नर रहे। बताया जा रहा है कि विरल आचार्य अब न्यूयॉर्क विश्वविद्यालय में सीवी स्टार प्रोफेसर ऑफ इकोनॉमिक्स के तौर पर पढ़ाएंगे।
आचार्य ने 1995 में आईआईटी मुंबई से कंप्यूटर विज्ञान और इंजीनियरिंग की। साथ ही साथ उन्होंने 2001 में एनवाईयू-स्टर्न से वित्त में पीएचडी पूरी की। स्टर्न में शामिल होने से पहले, वह लंदन बिजनेस स्कूल (2001-2008) में थे, कोलर इंस्टीट्यूट के शैक्षणिक निदेशक एलबीएस में निजी इक्विटी (2007–09) और बैंक ऑफ इंग्लैंड (समर 2008) में एक वरिष्ठ ह्यूबलन-नॉर्मल रिसर्च फेलो थे। सितंबर 2008 में न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी स्टर्न स्कूल ऑफ बिजनेस से जुड़ने वाले आचार्य अब अर्थशास्त्र के सीवी स्टार प्रोफेसर हैं।
Reserve Bank of India (RBI) Deputy Governor, Viral Acharya has resigned six months before the scheduled end of his term. He had joined RBI in 2017. (file pic) pic.twitter.com/RyxAt6fmAN
— ANI (@ANI) June 24, 2019
आपको बता दें कि बीते साल दिसंबर में आरबीआई गवर्नर उर्जित पटेल ने निजी कारणों का हवाला देते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद तात्कालीन वित्त मंत्री अरुण जेटली ने एक इंटरव्यू में कहा था कि मोदी सरकार को आरबीआई से कोई दिक्कत नहीं होती...जो भी समस्या थी वो जल्द खत्म हो जाती...लेकिन फिर भी उर्जित पटेल ने इस्तीफा दे दिया। वित्त मंत्री ने जोर देकर कहा था कि आरबीआई की नीतियों को आर्थिक नीतियों के अनुरूप भी बनाये जाने की जरूरत है। हालांकि वह सरकार और रिजर्व बैंक के बीच मतभेद की बात स्वीकारी कर चुके थे। जेटली ने कहा था कि दो-तीन मुद्दे हैं जहां रिजर्व बैंक के साथ मतभेद है।