खाताधारक की मौत के बाद उत्तराधिकारी का काम जल्द हो, पेंशनधारकों से जीवन प्रमाणपत्र जमा करने में लचीलापन दिखाएं, आरबीआई समिति ने दिया अहम सुझाव, जानें बड़ी बातें
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: June 5, 2023 08:09 PM2023-06-05T20:09:07+5:302023-06-05T20:10:19+5:30
आरबीआई से विनियमित वित्तीय संस्थाओं (आरई) में ग्राहक सेवा मानकों की समीक्षा के लिए गठित इस समिति की रिपोर्ट में यह सुझाव भी दिया गया है कि ‘अपने ग्राहक को जानिए’ (केवाईसी) समय-समय पर अद्यतन नहीं किए जाने की वजह से खातों के संचालन पर रोक न लगाई जाए।
मुंबईः भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा गठित एक समिति ने बैंकों को ग्राहकों के हित में कुछ कदम को उठाने का सुझाव दिया है। समिति ने खाताधारक की मौत के बाद उसके उत्तराधिकारियों के दावों का ऑनलाइन निपटान और पेंशनधारकों की तरफ से जीवन प्रमाणपत्र जमा करने में लचीलापन दिखाने का सुझाव बैंकों को दिया है।
आरबीआई से विनियमित वित्तीय संस्थाओं (आरई) में ग्राहक सेवा मानकों की समीक्षा के लिए गठित इस समिति की रिपोर्ट में यह सुझाव भी दिया गया है कि ‘अपने ग्राहक को जानिए’ (केवाईसी) समय-समय पर अद्यतन नहीं किए जाने की वजह से खातों के संचालन पर रोक न लगाई जाए।
समिति ने सोमवार को जारी अपनी रिपोर्ट में कहा कि कर्ज खाता बंद होने के बाद कर्जदारों को संपत्ति के दस्तावेज लौटाने की एक समयसीमा होनी चाहिए और यह समय नहीं देने पर कर्जदाता पर जुर्माना लगाया जाना चाहिए।
रिपोर्ट के मुताबिक, संपत्ति के दस्तावेज खो जाने की स्थिति में बैंकों एवं वित्तीय संस्थानों को न केवल उनकी लागत पर दस्तावेजों की प्रमाणित पंजीकृत प्रतियां पाने में मदद के लिए बाध्य होना चाहिए बल्कि ग्राहक को पर्याप्त मुआवजा भी देना चाहिए। रिजर्व बैंक ने पिछले साल मई में आरबीआई के पूर्व डिप्टी गवर्नर बीपी कानूनगो की अध्यक्षता में इस समिति का गठन किया था।
समिति ने वित्तीय संस्थानों की आंतरिक शिकायत निवारण (आईजीआर) प्रणाली के तहत दर्ज शिकायतों की समीक्षा के बाद अपनी अनुशंसाएं दी हैं। समिति ने पेंशनधारकों के लाभ के लिए भी कुछ सुझाव दिए हैं। इसके मुताबिक, पेंशनभोगियों को अपने बैंक की किसी भी शाखा में अपना जीवन प्रमाणपत्र जमा करने में सक्षम होना चाहिए। इसके अलावा, उन्हें भीड़ से बचने के लिए अपनी पसंद के किसी भी महीने में एलसी जमा करने की अनुमति दी जानी चाहिए।