सावधान! 2000 के नोट से ज्यादा 500 के जाली नोट चलन में हैं, RBI की वार्षिक से हुआ खुलासा
By रुस्तम राणा | Published: May 30, 2023 05:58 PM2023-05-30T17:58:49+5:302023-05-30T18:02:12+5:30
आरबीआई की रिपोर्ट में कहा गया है कि “पिछले वर्ष की तुलना में, क्रमशः 20 और 500 (नए डिजाइन) के मूल्यवर्ग में पाए गए नकली नोटों में 8.4 प्रतिशत और 14.4 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी।
नई दिल्ली: भारतीय रिज़र्व बैंक की वार्षिक रिपोर्ट को मंगलवार को जारी किया गया। रिपोर्ट के अनुसार, 2022-23 में 500 मूल्यवर्ग के नकली नोटों की संख्या 14.4% बढ़कर 91,110 (नोटों की संख्या) हो गई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि इसी अवधि के दौरान 2,000 के नोट घटकर 9,806 (नोटों की सख्या) हो गए हैं।
आरबीआई की रिपोर्ट में कहा गया है कि “पिछले वर्ष की तुलना में, क्रमशः 20 और 500 (नए डिजाइन) के मूल्यवर्ग में पाए गए नकली नोटों में 8.4 प्रतिशत और 14.4 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी। जबकि 10, 100 और 2000 के मूल्यवर्ग में पाए गए नकली नोटों में 11.6 प्रतिशत की गिरावट आई है।"
हालांकि बैंकिंग क्षेत्र में पाए गए नकली भारतीय मुद्रा नोटों की कुल संख्या 2022-23 में घटकर 2,25,769 रह गई, जो पिछले वित्त वर्ष में 2,30,971 थी। केंद्रीय बैंक ने अपनी रिपोर्ट में उल्लेख किया है, "2022-23 के दौरान, बैंकिंग क्षेत्र में पाए गए कुल नकली भारतीय मुद्रा नोटों में से 4.6 प्रतिशत रिजर्व बैंक में और 95.4 प्रतिशत अन्य बैंकों में पाए गए।"
2020-21 में गिरावट के बाद, 2021-22 में नकली नोटों में 10.7 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई, जिसमें ₹500 मूल्यवर्ग के नकली नोटों में 102 प्रतिशत की वृद्धि हुई। आरबीआई ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि 2022-23 के दौरान सुरक्षा मुद्रण पर कुल खर्च 4,682.80 करोड़ रुपये था, जबकि पिछले वर्ष यह 4,984.80 करोड़ रुपये था।
इस बीच, 19 मई के एक परिपत्र में, आरबीआई ने 2000 मूल्यवर्ग के बैंक नोटों को संचलन से वापस लेने की घोषणा की। इसने बैंकों को तत्काल प्रभाव से ₹2000 मूल्यवर्ग के बैंकनोट जारी करना बंद करने की सलाह दी। भारत के लोगों को 30 सितंबर, 2023 तक इन नोटों को जमा करने या बदलने के लिए कहा गया है। उल्लेखनीय है कि सितंबर में निर्धारित समय सीमा के बाद भी 2000 वैध मुद्रा बने रहेंगे।