राहुल बजाज ने बजाज फाइनेंस के चेयरमैन पद से दिया इस्तीफा, संजीव बजाज संभालेंगे कमान
By स्वाति सिंह | Published: July 21, 2020 04:14 PM2020-07-21T16:14:04+5:302020-07-21T16:14:04+5:30
कंपनी ने शेयर बाजारों को बताया कि बजाज को कंपनी के निदेशक मंडल ने एक अप्रैल, 2015 को फिर से पांच साल के लिए चुना था और कार्यकारी चेयरमैन के रूप में उनका कार्यकाल 31 मार्च, 2020 को समाप्त हो रहा है।
नई दिल्ली: राहुल बजाज ने बजाज फिनसर्व (Bajaj Finserv) के चेयरमैन पद से इस्तीफा दे दिया है। हालांकि, वह कंपनी के गैर-कार्यकारी गैर-स्वतंत्र निदेशक बने रहेंगे। उनकी जगह संजीव बजाज, 1 अगस्त से बजाज फाइनेंस के गैर-कार्यकारी अध्यक्ष का पद ग्रहण करेंगे। संजीव बजाज फिलहाल बजाज फाइनेंस के वाइस चेयरमैन हैं। कंपनी ने स्टॉक एक्सचेंजों को दिए बयान में यह जानकारी दी है।
बता दें कि राहुल बजाज को इससे पहले बजाज ऑटो के बोर्ड में नॉन एग्जीक्यूटिव चेयरमैन का पद दिया गया है। 31 मार्च 2020 को उनका कार्यकाल खत्म हो गया था। 1 अप्रैल 2020 से राहुल बजाज कंपनी में नॉन एग्जीक्यूटिव चेयरमैन की भूमिका में है।
बजाज ऑटो के चेयरमैन राहुल बजाज कार्यकारी भूमिका से हटकर अब गैर-कार्यकारी निदेशक की भूमिका में नजर आएंगे। हालांकि, वह चेयरमैन के अपने मौजूदा पर बने रहेंगे। कंपनी ने शेयर बाजारों को बताया कि बजाज को कंपनी के निदेशक मंडल ने एक अप्रैल, 2015 को फिर से पांच साल के लिए चुना था और कार्यकारी चेयरमैन के रूप में उनका कार्यकाल 31 मार्च, 2020 को समाप्त हो रहा है। बजाज एक अप्रैल, 1970 से कंपनी के निदेशक हैं।
Rahul Bajaj (in file pic) to demit office as Non-Executive Chairman of Bajaj Finance Limited on 31st July; Sanjiv Bajaj to succeed him.
— ANI (@ANI) July 21, 2020
Rahul Bajaj will continue to serve as Non-Executive Non-Independent Director. pic.twitter.com/rDwoXKgqhE
इसमें कहा गया है, "कई प्रतिबद्धताओं और पहले से व्यस्त होने के चलते, राहुल बजाज ने अपना वर्तमान कार्यकाल समाप्त होने के बाद कंपनी के पूर्णकालिक निदेशक नहीं रहने का फैसला किया है।" बजाज ऑटो ने कहा कि कंपनी के निदेशक मंडल ने एक बैठक में उनकी गैर-कार्यकारी निदेशक के रूप में नियुक्ति को मंजूरी दी। उनका पद कंपनी के चेयरमैन का ही रहेगा। कंपनी ने कहा कि चूंकि बजाज 75 वर्ष की आयु पूरी कर चुके हैं इसलिए सेबी के नियमों के तहत गैर-कार्यकारी चेयरमैन के रूप में उनकी नियुक्ति पर शेयरधारकों की मंजूरी लेनी होगी।