पंजाब के खाद्य मंत्री ने एफसीआई को चावल सुपुर्दगी स्वीकार करने के लिये केन्द्र से आग्रह किया
By भाषा | Published: June 9, 2021 10:32 PM2021-06-09T22:32:47+5:302021-06-09T22:32:47+5:30
चंडीगढ़, नौ जून पंजाब के खाद्य मंत्री भारत भूषण आशु ने केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल से एफसीआई को चावल की डिलिवरी स्वीकार करने का निर्देश देने का आग्रह किया है। उन्होंने इस बात की आशंका जताई है कि डिलिवरी नहीं होती है तो भारी नुकसान हो सकता है।
गोयल को लिखे अपने पत्र में, मंत्री ने कहा कि विभिन्न चावल मिल संघों ने उनके संज्ञान में लाया कि भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) ने पिछले एक सप्ताह से कस्टम-मिल चावल की किसी भी डिलिवरी को लेने से पूरी तरह बंद कर दिया।
आशु ने कहा कि एफसीआई, चावल मिलों के भंडार का सत्यापन करने के लिए भारत सरकार के खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग के निर्देशों का हवाला दे रहा था।
पंजाब के खाद्य और नागरिक आपूर्ति विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बुधवार को कहा कि पंजाब को 2020-21 सत्र के लिए 134 लाख टन चावल में से लगभग 20 लाख टन चावल की आपूर्ति करना बाकी है।
अधिकारी ने कहा कि केंद्र हर साल जगह की कमी और केंद्रीय खरीद एजेंसी एफसीआई द्वारा स्टॉक की धीमी आवाजाही के कारण चावल की डिलीवरी के लिए आखिरी तारीख बढ़ाता है जो 31 मार्च है।
अधिकारी ने कहा कि इस साल भी, केन्द्र ने अंतिम तिथि 30 जून तक बढ़ा दी, लेकिन एक शर्त के साथ, जिसमें उसने एफसीआई को राज्य में चावल मिलों के स्टॉक का भौतिक सत्यापन करने का निर्देश दिया था।
उन्होंने आगे कहा कि एफसीआई के अधिकारी पंजाब में लगभग 4,000 चावल मिलों के स्टॉक के भौतिक सत्यापन में व्यस्त हो गए, उन्होंने चावल की डिलीवरी लेना बंद कर दिया।
केंद्रीय खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्री को लिखे पत्र में, आशु ने यह भी कहा, ‘‘पिछले कुछ महीनों में एफसीआई द्वारा स्टॉक की धीमी आवाजाही और जगह की कमी के कारण पंजाब की चावल मिलों में धान और चावल का काफी स्टॉक पड़ा है।’’
उन्होंने कहा कि धान का स्वजीवन (सेल्फ लाईफ) केवल छह महीने होने के कारण, ‘‘मिलिंग प्रक्रिया के समय चावल की गुणवत्ता में गिरावट आने तथा चावल के डिलीवरी का काम जल्द से जल्द पूरा नहीं करने से हमें नुकसान हो सकता है।
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