ई-कॉमर्स नियमों में प्रस्तावित संशोधन उपभोक्ताओं को हतोत्साहित करेंगे: आईएएमएआई
By भाषा | Updated: July 26, 2021 18:11 IST2021-07-26T18:11:39+5:302021-07-26T18:11:39+5:30

ई-कॉमर्स नियमों में प्रस्तावित संशोधन उपभोक्ताओं को हतोत्साहित करेंगे: आईएएमएआई
नयी दिल्ली, 26 जुलाई उद्योग निकाय आईएएमएआई ने सोमवार को कहा कि उपभोक्ता संरक्षण (ई-कॉमर्स) नियम 2020 में प्रस्तावित संशोधन उद्योग की वृद्धि के लिए बाधक होंगे और कई तरह की अस्पष्टताओं के कारण उपभोक्ताओं के लिए इसका नकारात्मक असर हो सकता है।
इंटरनेट एंड मोबाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया (आईएएमएआई) ने संपूर्ण मूल्य श्रृंखला को ई-कॉमर्स की परिभाषा के दायरे से बाहर रखने, फ्लैश बिक्री की अवधारणा को स्पष्ट करने और उपभोक्ताओं के अधिकारों तथा हितों की रक्षा के लिए नियमों को सुव्यवस्थित करने का सुझाव दिया, क्योंकि वर्तमान रूप में वे प्रतिस्पर्धा कानून, विधिक मेट्रोलॉजी कानून, मध्यस्थ कानून आदि के अधिकार क्षेत्र में आते हैं।
संघ ने एक बयान में कहा कि हालांकि वह उपभोक्ता हितों की रक्षा के लिए सरकार की पहल और नियामक हस्तक्षेप का समर्थन करता है, लेकिन नियमों में प्रस्तावित संशोधन ई-कॉमर्स व्यवसाय के लिहाज से कई चिंताओं और अस्पष्टताओं को जन्म देते हैं।
आईएएमएआई ने कहा कि इसके चलते उपभोक्ताओं के लिए भी कुछ अनपेक्षित नकारात्मक परिणाम सामने आ सकते हैं।
सरकार द्वारा 21 जून को जारी ई-कॉमर्स नियमों के मसौदे में ई-कॉमर्स मंचों पर धोखाधड़ी वाली तेज बिक्री (फ्लैश सेल) और माल एवं सेवाओं की गलत बिक्री पर प्रतिबंध लगाने का प्रस्ताव है। मुख्य अनुपालन अधिकारी/शिकायत निवारण अधिकारी की नियुक्ति उपभोक्ता संरक्षण (ई-कॉमर्स) नियम, 2020 के तहत प्रस्तावित प्रमुख संशोधनों में से एक है।
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