नीरव मोदी का पासपोर्ट रद्द, मेहुल चौकसी ने कर्मचारियों से कहा- नहीं दे सकता बकाया पैसे
By लोकमत समाचार हिंदी ब्यूरो | Published: February 24, 2018 01:01 PM2018-02-24T13:01:33+5:302018-02-24T13:01:33+5:30
नीरव मोदी और मेहुल चौकसी दोनों देश से बाहर हैं। दोनों पर पीएनबी ने 11300 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का आरोप लगाया है। सीबीआई और ईडी दोनों के खिलाफ जाँच कर रही हैं।
नीरव मोदी के मामा चौकसी ने अपने कर्मचारियों को एक पत्र लिखकर कहा है कि वो उनकी बकाया सैलरी नहीं दे पाएंगे। केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने नीरव मोदी और मेहुल चौकसी के खिलाफ 11300 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का मामला दर्ज कराया है। भारतीय विदेश मंत्रालय ने नीरव मोदी का पासपोर्ट रद्द कर दिया है।
इससे पहले सरकार ने नीरव मोदी और मेहुल चौकसी का पासपोर्ट चार हफ्ते के लिए स्थगित करने के साथ दोनों को एक हफ्ते के अंदर जवाब देने के लिए कहा था। नीरव मोदी और मेहुल चौकसी जनवरी पहले हफ्ते में देश छोड़कर जा चुके हैं। सीबीआई ने 31 जनवरी को नीरव मोदी के खिलाफ 280 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया था। 15 फ़रवरी को पीएनबी ने सीबीआई से शिकायत की कि ये जालसाजी 11300 करोड़ रुपये की है। उसके बाद सीबीआई ने मेहुल चौकसी और उनसी जुड़ी गीतांजली जेम्स के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज की।
चौकसी ने अपने कर्मचारियों को लिखे पत्र में कहा है कि विभिन्न एजेंसियां उनके खिलाफ जाँच कर रही हैं जबकि उन्होंने कुछ गलत नहीं किया है। चौकसी के वकील संजय एबोट ने ये पत्र कर्मचारियों को दिया। चौकसी से जुड़ी कंपनियों में 3500 कर्मचारी हैं। एबोट ने कहा कि ये पत्र कितने कर्मचारियों को मिलेगा ये नहीं पता क्योंकि जांच एजेंसियों ने सर्वर को जब्त कर दिया। चौकसी ने कहा है कि जाँच एजेंसियां उनके कर्मचारियों के मन में डर बैठा रही है।
सीबीआई ने करीब आधा दर्जन पीएनबी कर्मचारियों को इस मामले में गिरफ्तार किया है। पीएनबी ने 16 कर्मचारियों को धोखाधड़ी में शामिल होने के आरोप में निलंबित कर दिया है।