Budget Predictions: गोयल के बजट में बढ़ सकती है आयकर छूट सीमा, किसानों के लिये हो सकती है राहत पैकेज की घोषणा

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: February 1, 2019 08:47 AM2019-02-01T08:47:42+5:302019-02-01T09:06:37+5:30

Budget 2019: किसानों, युवाओं, कारोबारियों और महिलाओं के लिए पीयूष गोयल के पिटारे में क्या कुछ है खास। देखिए बजट से पहले बजट का अनुमान...

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Budget Predictions: गोयल के बजट में बढ़ सकती है आयकर छूट सीमा, किसानों के लिये हो सकती है राहत पैकेज की घोषणा

Highlightsकिसानों को राहत पैकेज पर 70 हजार करोड़ से लेकर एक लाख करोड़ रुपये तक की लागत आ सकती है।आयकर सीमा में बदलाव करके सरकार मिडिल क्लास को लुभाने की कोशिश करेगी।

नई दिल्ली, 1 फरवरीः आम चुनाव से पहले शुक्रवार को पेश किये जाने वाले बजट में आयकर छूट की सीमा बढ़ाई जा सकती है। इसके अलावा किसानों के लिये राहत पैकेज, छोटे उद्यमियों को समर्थन और कुछ अन्य लोक लुभावन घोषणायें वित्त मंत्री पीयूष गोयल के बजट का हिस्सा हो सकतीं हैं। दरअसल, मोदी सरकार के कार्पोरेट प्रेमी होने पर सवाल उठते रहे हैं। इस बजट में कुछ ऐसी घोषणाओं के जरिए सरकार आम लोगों का हितैषी होने का संदेश देने की पूरी कोशिश करेगी। यह बजट केन्द्र की प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली राजग सरकार के मौजूदा कार्यकाल का छठा और अंतिम बजट होगा।

यह अंतरिम बजट होगा जिसमें टैक्स और अन्य विषयों पर कोई नीतिगत फैसले लेने से बचा जाता है लेकिन उद्योग सूत्रों और विशेषज्ञों का कहना है कि वित्त मंत्री गोयल इससे आगे बढ़कर कुछ नई घोषणायें कर सकते हैं। अंतरिम बजट में अगले वित्त वर्ष के चार महीने के खर्च के लिये संसद की अनुमति ली जायेगी। पूर्ण बजट आम चुनाव के बाद बनने वाली नई सरकार जुलाई में पेश करेगी।

किसानों के लिए हो सकती है बड़ी घोषणा

कांग्रेस के उभार को देखते हुये गोयल किसानों को राहत पहुंचाने के लिये प्रत्यक्ष नकद हस्तांतरण जैसे किसी योजना की घोषणा कर सकते हैं। उल्लेखनीय है कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी मतदाताओं को रिझाने के लिये पहले ही कह चुके हैं कि यदि कांग्रेस सत्ता में आई तो किसानों का कर्ज माफ किया जायेगा और गरीबों को न्यूनतम आय सीधे हस्तांतरित की जायेगी।

तीन राज्यों के विधानसभा चुनावों में हाल में भाजपा की पराजय के लिये किसानों के असंतोष को प्रमुख वजह माना जा रहा है। ऐसे में गोयल किसानों को राहत पहुंचाने के लिये प्रत्यक्ष नकदी अंतरण जैसी कोई योजना घोषित कर सकते हैं। किसानों को राहत पैकेज पर 70 हजार करोड़ से लेकर एक लाख करोड़ रुपये तक की लागत आ सकती है।

सूत्रों का कहना है कि अंतरिम बजट सरकार के लिये उसकी मध्यकालिक कार्ययोजना पेश करने का एक बेहतर मौका है जिसमें वह कृषि और ग्रामीण क्षेत्र की आय बढ़ाने के लिये उपायों की घोषणा कर सकती है। इसमें सर्वजनीन न्यूनतम आय योजना की घोषणा भी की जा सकती है। वर्ष 2016- 17 के आर्थिक सर्वेक्षण में इसकी अवधारणा रखी गई थी।

आयकर छूट सीमा पर टिकी हैं निगाहें

गोयल ने पिछले सप्ताह ही वित्त मंत्रालय का कार्यभार संभाला है। अरुण जेटली के इलाज के लिये अमेरिका जाने के बाद उन्हें वित्त मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है। विशेषज्ञों का कहना है कि बजट में व्यक्तिगत आयकर छूट सीमा को मौजूदा ढाई लाख से बढ़ाकर तीन लाख रुपये किया जा सकता है जबकि 60 से 80 वर्ष की आयु वाले वरिष्ठ नागरिकों के लिये इसे साढे तीन लाख रुपये तक बढ़ाया जा सकता है। महिलाओं की भी साढे तीन लाख रुपये तक की सालाना आय को करमुक्त किया जा सकता है। 

विभिन्न निवेशों पर धारा 80सी के तहत मिलने वाली छूट को मौजूदा डेढ लाख रुपये से बढ़ाकर दो लाख रुपये किया जा सकता है जबकि आवास रिण पर मिलने वाली वार्षिक ब्याज छूट को मौजूदा दो लाख रुपये से बढ़ाकर ढाई लाख रुपये करने की घोषणा हो सकती है।

बजट 2019 से महिलाओं की उम्मीद

भले ही मोदी सरकार का ये अंतरिम बजट है लेकिन फिर भी महिलाओं को इस बजट से उम्मीदें हैं। पिछली बार जो मांग पूरी नहीं हो पाई थी, जैसे सैनेटरी पैड सस्ते हो, बजट में महिला सुरक्षा के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति के लिए राशि आवंटित नहीं होनी चाहिए, बल्कि महिला सुरक्षा को बजट में खास तवज्जो मिले। निर्भया फंड में सुरक्षा के नाम पर आवंटित राशि दोगुनी किए जाने की जरूरत है। रसोई में इस्तेमाल होने वाली रोजमर्रा की चीजें सस्ती हों। बजट में स्त्री शिक्षा पर अधिक खर्च हो और महिला किसानी को सुगम बनाया जाए। इसके अलावा रसोई में इस्तेमाल होने वाला सामान सस्ता हो जाए।

शिक्षा जगत को बजट 2019 में ये है उम्मीदें

एक फरवरी को पेश होने वाले देश के अंतरिम बजट में शिक्षा क्षेत्र में काफी उम्मीदे हैं। खासतौर पर हायर एजुकेशन के छात्रों को लुभाने के प्रयास किए जा सकते हैं। वहीं छात्रों को भी इस बजट से काफी उम्‍मीदें हैं। इस साल एजुकेशन सेक्‍टर में डिजिटल इंडिया की झलक दिख सकती है। वहीं कई छात्रों को एजुकेशन लोन में छूट और सरलता की उम्‍मीद है। लेकिन सबसे बड़ा सवाल उठता है कि क्या मोदी सरकार आगामी बजट में एजुकेशन सेक्टर में छात्रों और शिक्षकों के उम्मीदों पर खरे उतर पाएंगे। यह तो 1 फरवरी को आम बजट पेश होने के बाद ही पता चलेगा। 

छोटे कारोबारियों के लिए सस्ता कर्ज

छोटे व्यावसायों के लिये सस्ते कर्ज की योजना घोषित हो सकती है। कृषि क्षेत्र के राहत पैकेज में संभावित विकल्पों के तौर पर तेलंगाना राज्य की तर्ज पर किसानों को सीधे नकद राशि के हस्तांतरण की घोषणा की जा सकती है। उन किसानों के लिये जो समय पर अपना कर्ज चुकाते हैं ब्याज मुक्त फसल रिण देने की सुविधा दी जा सकती है। खाद्यान्न फसलों के बीमा पर प्रीमियम को समाप्त किया जा सकता है।

उद्योग और जानकार सूत्रों का कहना है कि सरकार रोजगार सृजन के लिये भी ठोस उपाय किये जा सकते हैं क्योंकि सरकार पर रोजगारविहीन जीडीपी वृद्धि हासिल करने का आरोप लगाया जाता रहा है।

समाचार एजेंसी पीटीआई-भाषा से इनपुट्स लेकर

English summary :
Budget 2019 Expectation and Prediction: Basic exemption limit in income tax exemption can be increased in the budget 2019 to be presented on Friday before the Lok Sabha elections. Apart from this, relief package for farmers, support to small entrepreneurs and some other lucrative announcements can be part of the Finance minister Piyush Goyal's budget presentation of Modi government in Lok Sabha.


Web Title: piyush goyal modi government interim budget 2019 prediction India, income tax slab to kisan subsidy

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