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एनपीएस के तहत नियोक्ताओं के योगदान को सभी कर्मचारियों के लिए करमुक्त करने का आग्रह करेगा पीएफआरडीए

By भाषा | Updated: November 15, 2020 15:38 IST

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नयी दिल्ली, 15 नवंबर पेंशन कोष नियामक एवं विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) ने अगले बजट में राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) के तहत नियोक्ताओं के 14 प्रतिशत के योगदान को सभी श्रेणियों के अंशधारकों के लिए करमुक्त करने का प्रस्ताव सरकार के समक्ष रखने का फैसला किया है। पीएफआरडीए के चेयरमैन सुप्रतिम बंद्योपाध्याय ने यह जानकारी दी।

एनपीएस के तहत केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए पेंशन में नियोक्ताओं के 14 प्रतिशत के योगदान को एक अप्रैल, 2019 से करमुक्त किया गया है।

बंद्योपाध्याय ने कहा, ‘‘हम संभवत: नियोक्ताओं के 14 प्रतिशत के योगदान को सभी के लिए करमुक्त करने का प्रस्ताव करने जा रहे हैं। अभी यह सिर्फ केंद्र सरकार के कर्मचारियों को मिलता है।’’

पीएफआरडीए के चेयरमैन ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘ऐसे में हम सरकार से आग्रह करेंगे कि इसे सभी कर्मचारियों को दिया जाए। चाहे राज्य सरकार का कर्मचारी हो या किसी कॉरपोरेट इकाई का कर्मचारी। सभी क्षेत्रों के अंशधारकों को इसका लाभ मिलना चाहिए।

उन्होंने कहा कि राज्य मांग कर रहे हैं कि 14 प्रतिशत का कर लाभ राज्य सरकार के कर्मचारियों को भी मिलना चाहिए। उन्होंने बताया कि कई राज्य सरकारों ने इस बारे में पीएफआरडीए को पत्र लिखा है।

इसके अलावा पीएफआरडीए सरकार से टियर-दो एनपीएस खाते को करमुक्त करने का लाभ सभी अंशधारकों को देने का आग्रह करेगाा। बंद्योपाध्याय ने कहा, ‘‘टियर-दो एनपीएस खातों को हाल में विशिष्ट रूप से केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए करमुक्त किया गया है। ऐसे में इसमें भी हम सरकार को सभी अंशधारकों को लाभ देने का आग्रह करेंगे। करमुक्त टियर-दो खाते में लॉक-इन की अवधि तीन साल की होती है, क्योंकि इसे करमुक्त का दर्जा मिला है। हम चाहते हैं कि इसका विस्तार अन्य सभी कर्मचारियों तक किया जाए।’’

एनपीएस के तहत टियर-दो खाता अनिवार्य खाता नहीं है। टियर-एक के साथ किसी का टियर-दो खाता भी हो सकता है। बंद्योपाध्याय ने कहा कि इसका लाभ यह है कि टियर-दो खाते को तत्काल वापस लिया जा सकता है।

वित्त मंत्रालय ने पिछले महीने 2020-21 के बजट के लिए विचार-विमर्श की प्रक्रिया शुरू की है। यह बजट ऐसे समय आएगा जबकि सरकार के समक्ष कोविड-19 से प्रभावित अर्थव्यवस्था को उबारने की चुनौती है।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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