भारत के इतिहास में पहली बार दिल्ली में 80.50 रुपये हुआ पेट्रोल, जानिए अपने शहर में पेट्रोल-डीजल के रेट
By जनार्दन पाण्डेय | Updated: September 10, 2018 07:39 IST2018-09-09T07:58:54+5:302018-09-10T07:39:42+5:30
Petrol-diesel Prices Update 9th September: ऑयल मार्केटिंग कंपनियां नियमित रूप से पेट्रोल-डीजल के दामों की समीक्षा करती हैं और रोजाना सुबह 6 बजे के बाद नई कीमतें लागू होती हैं।

फाइल फोटो
नई दिल्ली, 9 सितंबर: पेट्रोल-डीजल की कीमतों ने एक बार फिर रिकॉर्ड तोड़ दिया है। इस वक्त पेट्रोल-डीजल की कीमतें रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई हैं। हिन्दुस्तान पेट्रोलियम के मुताबिक रविवार (9 सितंबर) को दिल्ली में पेट्रोल की कीमत 80.50 रुपये प्रति लीटर और मुंबई में 87.89 रुपये प्रति लीटर रहेगा। इसके अलावा दिल्ली में डीजल 72.92 रुपये प्रति लीटर और मुंबई में 77.09 रुपये प्रति लीटर है। यह अब तक की पेट्रोल-डीजल की कीमतों में ऐतिहासिक बढ़ोतरी है। जानिए कीमतें-
9 सितंबर को पेट्रोल की कीमत
| शहर | रविवार की कीमतें |
| दिल्ली | 80.50 रुपए |
| कोलकाता | 83.47 रुपए |
| मुंबई | 87.89 रुपए |
| चेन्नई | 83.76 रुपए |
Petrol & Diesel prices in #Delhi are Rs.80.50 per litre & Rs.72.61 per litre, respectively. Petrol & Diesel prices in #Mumbai are Rs.87.89 per litre & Rs.77.09 per litre, respectively. pic.twitter.com/2mBXMtZwVv
— ANI (@ANI) September 9, 2018
Petrol & Diesel prices in #Delhi are Rs.80.50 per litre & Rs.72.61 per litre, respectively. Petrol & Diesel prices in #Mumbai are Rs.87.89 per litre & Rs.77.09 per litre, respectively. pic.twitter.com/2mBXMtZwVv
— ANI (@ANI) September 9, 2018चार महानगरों में 9 सितंबर को डीजल की कीमत:-
| दिल्ली | 72.61 रुपए |
| कोलकाता | 75.54 रुपए |
| मुंबई | 77.07 रुपए |
| चेन्नई | 76.84 रुपए |
* ये रेट 9 सितंबर 2018 को सुबह 6 बजे से लागू हैं। भारत के सभी छोटे से छोटे शहर का रेट जानने के लिए यहां क्लिक करें।
बता दें कि ऑयल मार्केटिंग कंपनियां नियमित रूप से पेट्रोल-डीजल के दामों की समीक्षा करती हैं और रोजाना सुबह 6 बजे के बाद नई कीमतें लागू होती हैं।
भारत को पेट्रोल-डीजल की कीमत पर बगैर सोचे झटके में निर्णय लेने से बचना चाहिए: प्रधान
केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने शनिवार को कहा कि एक मजबूत अर्थव्यवस्था वाले भारत को पेट्रोल-डीजल में भारी उछाल पर बिना गहराई से सोचे झटके में कोई निर्णय करने से बचाना चाहिए। उनकी बात से लगता है कि सरकार फिलहाल डीजल पेट्रोल पर कर में कोई कटौती करने के मूड में नहीं है। उल्लेखनीय है कि दिल्ली में पेट्रोल की खुदरा कीमतें शनिवार को पहली बार 80 रुपये प्रति लीटर के स्तर से भी ऊपर निकल गयीं।
प्रधान ने वैश्विक आवागमन सम्मेलन ‘मूव’ के दौरान अलग से बातचीत में कहा कि अमेरिकी डॉलर की मजबूती, उत्पादक देशों द्वारा उत्पादन बढ़ाने का वायदा पूरा न करने तथा ईरान, वेनेजुएला और तुर्की में उत्पादन के बाधित होने के कारण कच्चे तेल की कीमतें ऊंची हुई हैं। उन्होंने कहा, ‘‘एक मजबूत और सबसे तेजी से वृद्धि करती प्रमुख अर्थव्यवस्था होने के नाते भारत को बिना सोचे समझे कोई कदम नहीं उठाना चाहिए। हमें थोड़ा इंतजार करना चाहिए।’’
प्रधान से पूछा गया था कि क्या सरकार पेट्रोल-डीजल की कीमतों में रिकार्ड तेजी को देखते हुए उत्पाद शुल्क में कोई कटौती करेगी। प्रधान ने सम्मेलन के दौरान कहा कि तेल विपणन कंपनियां इलेक्ट्रिक वाहनों को प्रोत्साहित करने के लिए पेट्रोल पंपों पर चार्जिंग प्वायंट लगाने की योजना बना रही हैं। उन्होंने कहा कि इलेक्ट्रिक वाहन चर्चा का केंद्र हो गये हैं और देश को सिर्फ इलेक्ट्रिक वाहनों का ही इस्तेमाल करना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘हम देश में इलेक्ट्रिक वाहनों के इस्तेमाल को प्रोत्साहित करना चाहते हैं क्योंकि हम प्रदूषण कम करना चाहते हैं। लेकिन हम इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए बिजली कहां से लाएंगे?’’
प्रधान ने कहा, ‘‘यदि आप कह रहे हैं कि वाहनों के ईंधन से प्रदूषण बढ़ रहा है और यदि आप इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए कोयले से बिजली बना रहे हैं तो इससे प्रदूषण शहरों से गांवों की ओर जाएगा।’’ प्रधान ने कहा कि इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए सौर ऊर्जा से उत्पन्न बिजली का इस्तेमाल किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘सौर ऊर्ज की मदद करने के लिए हमें गैस आधारित बिजली संयंत्रों की जरूरत होगी... अत: सिर्फ इलेक्ट्रिक वाहनों पर ध्यान देने से अन्य ऊर्जा के साथ न्याय नहीं होगा।’’
प्रधान ने कहा कि क्षेत्र में सीएनजी, एलएनजी और बायो-सीएनजी के इस्तेमाल को बढ़ावा दिया जा रहा है और एक दशक के भीतर देश में 10 हजार सीएनजी स्टेशन लगाने की योजना है जो आधे देश को सेवा देंगे। उन्होंने कहा कि वैश्विक चलन में बदलाव के बाद भी देश में पेट्रोल-डीजल की खपत पांच प्रतिशत की सालाना दर से बढ़ रही है। उन्होंने कहा, ‘‘इलेक्ट्रिक वाहनों की वृद्धि का जो भी परिदृश्य हो, भारत को उच्च परिशोधन क्षमता की जरूरत बनी रहेगी।’’ उन्होंने सार्वजनिक तेल कंपनियों तथा कुछ निजी कंपनियों द्वारा एलएनजी वितरण संरचना तैयार करने की कोशिशों की भी जानकारी दी। उन्होंने कहा, ‘‘इंडियन ऑयल ने अगले साल 50 हाइड्रोजन संवर्धित सीएनजी बसें उतारने के लिए दिल्ली सरकार के साथ करार किया है।’’
(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)