कम समय में इन्वेस्ट करके पाना चाहते हैं बेहतर रिटर्न, तो इन जगहों पर करें निवेश; जानें पूरी डिटेल
By अंजली चौहान | Updated: July 23, 2025 03:22 IST2025-07-23T03:22:23+5:302025-07-23T03:22:23+5:30
Money Investment Tips: सीमित समय के लिए निवेश करना महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे निवेशक को आकस्मिक स्थिति में अपने धन तक त्वरित पहुँच प्राप्त करने में मदद मिलती है।

कम समय में इन्वेस्ट करके पाना चाहते हैं बेहतर रिटर्न, तो इन जगहों पर करें निवेश; जानें पूरी डिटेल
Money Investment Tips: वर्तमान समय में हर शख्स इस बाद से रूबरू हो गया है कि सेविंग कितनी जरूरी है। भविष्ट के लिए बचत और निवेश करना आम जनता के लिए सबसे अच्छा विकल्प है। मगर पूरी जिंदगी बचत करते रहना और लंबे समय तक रिटर्न का इंतजार करना, कई लोगों को पसंद नहीं होता। ऐसे में उन लोगों के लिए बेस्ट है कम समय की बचत योजनाएं जैसे ही एक साल के लिए निवेश बचत उपाय।
दरअसल, एक साल के निवेश के लिए, फिक्स्ड डिपॉजिट (एफडी), फिक्स्ड मैच्योरिटी प्लान, आर्बिट्राज म्यूचुअल फंड, और पोस्ट ऑफिस डिपॉजिट जैसे विकल्प अच्छे हैं, जो अच्छी कमाई के साथ-साथ आपके पैसे को सुरक्षित भी रखते हैं। इनमें से प्रत्येक विकल्प की अपनी विशेषताएं और जोखिम हैं, इसलिए निवेश करने से पहले अपनी जोखिम सहनशीलता और वित्तीय लक्ष्यों पर विचार करना महत्वपूर्ण है।
1. फिक्स्ड डिपॉजिट (FD)
फिक्स्ड डिपॉजिट सबसे लोकप्रिय और सुरक्षित निवेश विकल्पों में से एक है.
सुरक्षा: बैंक और NBFC (गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां) द्वारा पेश किए जाते हैं, और इनमें आपका मूलधन सुरक्षित रहता है।
रिटर्न: ब्याज दरें निश्चित होती हैं, जिससे आपको पहले से पता होता है कि कितनी कमाई होगी. 1 साल के FD पर आमतौर पर 6% से 7.5% तक का ब्याज मिल सकता है, और वरिष्ठ नागरिकों को अतिरिक्त 0.5% का लाभ मिलता है।
लिक्विडिटी: अगर जरूरत हो तो आप समय से पहले भी FD तोड़ सकते हैं, हालांकि इस पर कुछ पेनल्टी लग सकती है।
2- लिक्विड फंड्स (Liquid Funds)
ये डेट म्यूचुअल फंड की एक श्रेणी हैं जो शॉर्ट-टर्म मनी मार्केट इंस्ट्रूमेंट्स जैसे ट्रेजरी बिल, कमर्शियल पेपर और सर्टिफिकेट ऑफ डिपॉजिट में निवेश करते हैं।
सुरक्षा: इनमें जोखिम बहुत कम होता है क्योंकि वे अत्यधिक लिक्विड और कम अवधि के साधनों में निवेश करते हैं।
रिटर्न: ये आमतौर पर बचत खाते से अधिक और FD के आस-पास या थोड़ा बेहतर रिटर्न देते हैं (लगभग 4%-7% टैक्स के बाद)।
लिक्विडिटी: इनमें तरलता बहुत अधिक होती है. आप अपने पैसे को 2-3 कार्य दिवसों में निकाल सकते हैं। आपातकालीन फंड के लिए यह एक अच्छा विकल्प है।
3- रिकरिंग डिपॉजिट (RD)
यह FD के समान है, लेकिन इसमें आप एकमुश्त राशि जमा करने के बजाय हर महीने एक निश्चित राशि जमा करते हैं।
सुरक्षा: यह भी FD की तरह ही सुरक्षित है।
रिटर्न: ब्याज दरें निश्चित होती हैं और आमतौर पर FD के समान ही होती हैं।
नियमित निवेश: उन लोगों के लिए बेहतरीन है जो हर महीने छोटी बचत करना चाहते हैं।
4- कॉर्पोरेट फिक्स्ड डिपॉजिट (Corporate Fixed Deposits)
कुछ कंपनियाँ भी फिक्स्ड डिपॉजिट की पेशकश करती हैं।
सुरक्षा: इनमें बैंक FD की तुलना में थोड़ा अधिक जोखिम होता है, क्योंकि यह कंपनी की क्रेडिट रेटिंग पर निर्भर करता है।
रिटर्न: ये आमतौर पर बैंक FD से थोड़ा अधिक ब्याज दर प्रदान करते हैं (लगभग 7.5% से 8.5% तक, क्रेडिट रेटिंग के आधार पर)।
रिसर्च आवश्यक: निवेश करने से पहले कंपनी की वित्तीय स्थिरता और क्रेडिट रेटिंग की अच्छी तरह से जांच करना महत्वपूर्ण है।
5- ट्रेजरी बिल (Treasury Bills - T-Bills)
ये भारत सरकार द्वारा जारी किए गए शॉर्ट-टर्म डेट इंस्ट्रूमेंट्स हैं।इनकी परिपक्वता अवधि 91 दिन से 364 दिन तक होती है।
सुरक्षा: ये सरकार समर्थित होते हैं, इसलिए इन्हें भारत में सबसे सुरक्षित निवेश विकल्पों में से एक माना जाता है। डिफॉल्ट का जोखिम न के बराबर होता है।
रिटर्न: FD की तुलना में रिटर्न थोड़ा कम हो सकता है, लेकिन सुरक्षा के मामले में ये बेजोड़ हैं।
निश्चित अवधि: 1 साल के भीतर की अवधि के लिए निश्चित रिटर्न देते हैं।
6- अल्ट्रा शॉर्ट ड्यूरेशन फंड्स (Ultra Short Duration Funds)
ये भी डेट म्यूचुअल फंड हैं जो लिक्विड फंड्स से थोड़ा अधिक लंबी अवधि (3 महीने से 1 साल तक) के इंस्ट्रूमेंट्स में निवेश करते हैं।
सुरक्षा: इनमें भी जोखिम कम होता है, लेकिन लिक्विड फंड्स से थोड़ा अधिक हो सकता है।
रिटर्न: लिक्विड फंड्स की तुलना में थोड़ा बेहतर रिटर्न की उम्मीद की जा सकती है (लगभग 7%-8.1%)।
लिक्विडिटी: लिक्विड फंड्स के समान ही अच्छी लिक्विडिटी होती है।
निवेश से पहले ध्यान रखने योग्य बातें:
अपना जोखिम सहिष्णुता (Risk Appetite) समझें: अगर आप बिल्कुल भी जोखिम नहीं लेना चाहते हैं, तो FD, RD या ट्रेजरी बिल आपके लिए बेहतर हैं। अगर आप थोड़ा जोखिम ले सकते हैं, तो लिक्विड या अल्ट्रा शॉर्ट ड्यूरेशन फंड देख सकते हैं।
लिक्विडिटी की जरूरत: यह तय करें कि आपको 1 साल के भीतर पैसे की कितनी ज़रूरत पड़ सकती है। उच्च लिक्विडिटी वाले विकल्प चुनें।
ब्याज दरें: विभिन्न संस्थानों द्वारा दी जाने वाली ब्याज दरों की तुलना करें।
कर (Tax) का प्रभाव: ब्याज या रिटर्न पर लगने वाले टैक्स को भी ध्यान में रखें. कुछ विकल्पों में टैक्स लाभ भी मिल सकते हैं।
इन विकल्पों में से आप अपनी जरूरत और जोखिम क्षमता के अनुसार चुनाव कर सकते हैं। किसी भी निवेश से पहले, वित्तीय सलाहकार से सलाह लेना हमेशा उचित रहता है।