ओला के सीईओ भाविश अग्रवाल ने मीटिंग्स में फाड़ा प्रेजेंटेशन, कर्मचारियों को पंजाबी में बोली अपमानजनक बातें, टीमों को 'निकम्मा' बुलाया

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: October 19, 2022 10:05 AM2022-10-19T10:05:10+5:302022-10-19T10:33:26+5:30

एक रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है कि ओला इलेक्ट्रिक के अंदर काम काज के तरीके में काफी कुछ बदला है। कंपनी के अंदर का माहौल काफी ज्यादा खराब हो गया है।

Ola CEO Bhavish Aggarwal tore presentation in meetings spoke derogatory words to employees in Punjabi called teams useless | ओला के सीईओ भाविश अग्रवाल ने मीटिंग्स में फाड़ा प्रेजेंटेशन, कर्मचारियों को पंजाबी में बोली अपमानजनक बातें, टीमों को 'निकम्मा' बुलाया

ओला के सीईओ भाविश अग्रवाल ने मीटिंग्स में फाड़ा प्रेजेंटेशन, कर्मचारियों को पंजाबी में बोली अपमानजनक बातें, टीमों को 'निकम्मा' बुलाया

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Highlightsएक दर्जन से अधिक कर्मचारियों ने कहा कि मीटिंग में भाविश अग्रवाल धैर्य खो देंते हैं। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार, सीईओ भाविश अग्रवाल ने मीटिंग्स में कर्मचारियों को पंजाबी में अपमानजनक बातें कहीं भाविश ने कंपनी में अपनी प्रबंधन शैली को लेकर कि हर कोई हमारे कल्चर में फिट नहीं बैठता है।

नई दिल्लीः  ओला के संस्थापक और सीईओ भाविश अग्रवाल के क्रूर और अक्खड़ व्यवहार ने कर्मचारियों को अलग-थलग कर दिया और बोर्ड के सदस्यों को परेशान कर दिया। ओला इलेक्ट्रिक और एएनआई टेक्नोलॉजीज के करीब 36 एग्जिक्यूटिव्स ने जॉइनिंग के 1-2 साल के भीतर ही नौकरी छोड़ दी।

एक रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है कि ओला इलेक्ट्रिक के अंदर काम काज के तरीके में काफी कुछ बदला है। कंपनी के अंदर का माहौल काफी ज्यादा खराब हो गया है। नाम का खुलासा ना करने की शर्त पर ब्लूमबर्ग को दिए साक्षात्कार में ओला के दो दर्जन से अधिक वर्तमान और पूर्व कर्मचारियों ने इसका जिक्र किया है।

बकौल ब्लूमबर्ग, ओला इलेक्ट्रिक के कई पूर्व और मौजूदा कर्मचारियों का कहना है कि पिछले कुछ वर्षों में कंपनी में माहौल खराब हुआ है। उनके मुताबिक, सीईओ भाविश अग्रवाल ने मीटिंग्स में कर्मचारियों को पंजाबी में अपमानजनक बातें कहीं और टीमों को 'निकम्मा' बुलाया। उनके अनुसार, खराब पेपर क्लिप या प्रिंटिंग पेपर को लेकर भी भाविश आपा खो देते हैं। 

कर्मचारियों ने बताया कि अग्रवाल ने एक गायब पृष्ठ के कारण प्रेजेंटेशन को फाड़ दिया यही नहीं कर्मचारियों के प्रति पंजाबी विशेषणों का इस्तेमाल किया। कर्मचारियों का कहना है कि एक घंटे के लिए निर्धारित बैठकें अक्सर 10 मिनट में ही खत्म कर दी जाती हैं। मीटिंग में वे  धैर्य खो देंते हैं। ब्लूमबर्ग ने जब इस वर्क कल्चर पर भाविश अग्रवाल से सवाल पूछा तो उन्होंने कहा कि  "हर कोई हमारे कल्चर में फिट नहीं बैठता है।" भाविश ने कहा कि काम के माहौल को लेकर कोई विश्व मानक नहीं है। 

रिपोर्ट कहा गया है कि एक बार भाविश ने एक कर्मचारी को कई एकड़ की बड़ी ओला फ्यूचरफैक्ट्री के चारों ओर तीन चक्कर लगाने के लिए कहा। ऐसा उसे इसलिए करने को कहा गया क्योंकि उसने प्रवेश मार्ग को बंद कर दिया था। 

Web Title: Ola CEO Bhavish Aggarwal tore presentation in meetings spoke derogatory words to employees in Punjabi called teams useless

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